आज़ाद भारत में कितनी तरक्की हुई है भाई क्या कहें.... आज यूंही इन्टरनेट पर
समाचार पढ रहे थे, ना जानें कैसे इस लिंक पर पहुंच गये.... लीजिए आप भी
हमारी तरक्की को जानिए... आज़ाद भारत के घोटाले.... लीजिए एक संक्षेप में
भारतीय घोटाले...
जीप खरीदी (१९४८) : आजादी के बाद भारत सरकार ने एक लंदन की कंपनी से २००० जीपों को सौदा किया। सौदा ८० लाख रुपये का था। लेकिन केवल १५५ जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त वी.के. कृष्ण मेनन का हाथ होने की बात सामने आई। लेकिन १९५५ में केस बंद कर दिया गया, जल्द ही मेनन नेहरु केबिनेट में शामिल हो गए।
साइकिल आयात (१९५१): तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सेकरेटरी एस.ए. वेंकटरमन ने एक कंपनी को साइकिल आयात कोटा दिए जाने के बदले में रिश्वत ली। इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा।
मुंध्रा मैस (१९५८) : हरिदास मुंध्रा द्वारा स्थापित छह कंपनियों में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के १.२ करोड़ रुपये से संबंधित मामला उजागर हुआ। इसमें तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी, वित्त सचिव एच.एम.पटेल, एलआईसी चेयरमैन एल एस वैद्ययानाथन का नाम आया। कृष्णामचारी को इस्तीफा देना पड़ा और मुंध्रा को जेल जाना पड़ा।
तेजा ऋण : १९६० में एक बिजनेसमैन धर्म तेजा ने एक शिपिंग कंपनी शुरू करने केलिए सरकार से २२ करोड़ रुपये का लोन लिया। लेकिन बाद में धनराशि को देश से बाहर भेज दिया। उन्हें यूरोप में गिरफ्तार किया गया और छह साल की कैद हुई।
पटनायक मामला: १९६५ में उड़ीसा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक को इस्तीफा देने केलिए मजबूर किया गया। उन पर अपनी निजी स्वामित्व कंपनी 'कलिंग ट्यूब्स को एक सरकारी कांट्रेक्ट दिलाने केलिए मदद करने का आरोप था।
मारुति घोटाला : मारुति कंपनी बनने से पहले यहां एक घोटाला हुआ जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम आया। मामले में पेसेंजर कार बनाने का लाइसेंस देने के लिए संजय गांधी की मदद की गई थी।
कुओ ऑयल डील: १९७६ में तेल के गिरते दामों के मददेनजर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हांग कांग की एक फर्जी कंपनी से ऑयल डील की। इसमें भारत सरकार को १३ करोड़ का चूना लगा। माना गया इस घपले में इंदिरा और संजय गांधी का भी हाथ है।
अंतुले ट्रस्ट: १९८१ में महाराष्ट्र में सीमेंट घोटाला हुआ। तत्कालीन महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एआर अंतुले पर आरोप लगा कि वह लोगों के कल्याण के लिए प्रयोग किए जाने वाला सीमेंट, प्राइवेट बिल्डर्स को दे रहे हैं।
एचडीडब्लू दलाली (१९८७): जर्मनी की पनडुब्बी निर्मित करने वाले कंपनी एचडीडब्लू को काली सूची में डाल दिया गया। मामला था कि उसने २० करोड़ रुपये बैतोर कमिशन दिए हैं। २००५ में केस बंद कर दिया गया। फैसला एचडीडब्लू के पक्ष में रहा।
बोफोर्स घोटाला : १९८७ में एक स्वीडन की कंपनी बोफोर्स एबी से रिश्वत लेने के मामले में राजीव गांधी समेत कई बेड़ नेता फंसे। मामला था कि भारतीय १५५ मिमी. के फील्ड हॉवीत्जर के बोली में नेताओं ने करीब ६४ करोड़ रुपये का घपला किया है।
सिक्योरिटी स्कैम (हर्षद मेहता कांड) : १९९२ में हर्षद मेहता ने धोखाधाड़ी से बैंको का पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश कर दिया, जिससे स्टॉक मार्केट को करीब ५००० करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
इंडियन बैंक : १९९२ में छोटे कॉरपोरेट और एक्सपोटर्स ने बैंक से करीब १३००० करोड़ रुपये उधार लिए। ये धनराशि उन्होंने कभी नहीं लौटाई। उस वक्त बैंक के चेयरमैन एम. गोपालाकृष्णन थे।
चारा घोटाला : १९९६ में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और अन्य नेताओं ने राज्य के पशु पालन विभाग को लेकर धोखाबाजी से लिए गए ९५० करोड़ रुपये कथित रूप से निगल लिए।
तहलका: इस ऑनलाइन न्यूज पॉर्टल ने स्टिंग ऑपरेशन के जारिए ऑर्मी ऑफिसर और राजनेताओं को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। यह बात सामने आई कि सरकार द्वारा की गई १५ डिफेंस डील में काफी घपलेबाजी हुई है और इजराइल से की जाने वाली बारक मिसाइल डीलभी इसमें से एक है।
स्टॉक मार्केट: स्टॉक ब्रोकर केतन पारीख ने स्टॉक मार्केट में १,१५,००० करोड़ रुपये का घोटाला किया। दिसंबर, २००२ में इन्हें गिरफ्तार किया गया।
स्टांप पेपर स्कैम : यह करोड़ो रुपये के फर्जी स्टांप पेपर का घोटाला था। इस रैकट को चलाने वाला मास्टरमाइंड अब्दुल करीम तेलगी था।
सत्यम घोटाला : २००८ में देश की चौथी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक अध्यक्ष रामलिंगा राजू द्वारा ८००० करोड़ रूपये का घोटाले का मामला सामने आया। राजू ने माना कि पिछले सात वर्षों से उसने कंपनी के खातों में हेरा फेरी की।
मनी लांडरिंग : २००९ में मधु कोड़ा को चार हजार करोड़ रुपये की मनी लांडरिंग का दोषी पाया गया। मधु कोड़ा की इस संपत्ति में हॉटल्स, तीन कंपनियां, कलकत्ता में प्रॉपर्टी, थाइलैंड में एक हॉटल और लाइबेरिया ने कोयले की खान शामिल थी।
अब एक नज़र डालिए घोटालों में हुई सज़ा पर...
बोफर्स घोटाला- ६४ करोड़ रु: मामला दर्ज हुआ - २२ जनवरी, १९९०
सजा - किसी को नहीं
वसूली - शून्य
एच.डी. डब्ल्यू सबमरीन- ३२ करोड़ रु.
मामला दर्ज हुआ - ५ मार्च, १९९०
(सीबीआई ने अब मामला बंद करने की अनुमति मांगी है।)
सजा - किसी को नहीं
वसूली - शून्य
स्टाक मार्केट घोटाला- ४१०० करोड़ रु.
मामला दर्ज हुआ - १९९२ से १९९७ के बीच ७२
सजा - हर्षद मेहता (सजा के १ साल बाद मौत) सहित कुल ४ को
वसूली - शून्य
एयरबस घोटाला- १२० करोड़ रु.
मामला दर्ज हुआ - ३ मार्च, १९९०
सजा - अब तक किसी को नहीं
वसूली - शून्य
चारा घोटाला- ९५० करोड़ रुपए
मामला दर्ज हुआ - १९९६ से अब तक कुल ६४
सजा - सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी को
वसूली - शून्य
दूरसंचार घोटाला-१२०० करोड़ रुपए
मामला दर्ज हुआ - १९९६
सजा - एक को, वह भी उच्च न्यायालय में अपील के कारण लंबित
वसूली - ५.३६ करोड़ रुपए
यूरिया घोटाला- १३३ करोड़ रुपए
मामला दर्ज हुआ - २६ मई, १९९६
सजा - अब तक किसी को नहीं
वसूली - शून्य
अब साहब कामनवेल्थ घोटाले और फ़िर हालिया में चमका कोयला खनन घोटाला, अरे टू-जी को कैसे भूल गये.... दिमाग पर जोर डालिए और खोजिये की आपनें आज तक कितने घोटालों का नाम सुना है... फ़िर उनमें किस किस को सज़ा हुई है.. या फ़िर कितनें की वसूली हुई है.... फ़िर कहिए की मेरा भारत महान क्योंकि सौ में से निन्यानबै ........ काका हाथरसी जी की लाईनें....
क्या श्रीनरेन्द्र मोदीजी मस्तीख़ोर सी.एम. हैं? :- आराम तलबी किसको पसन्द नहीं है भाई.... भईया किस किस को गाईए किस किस को रोईए... आराम बडी चीज़ है चद्दर तान के सोईए..
नाग पंचमी का त्यौहार है बाबाजी :- नाग पंचमी तो है दद्दा.. लेकिन आस्तीनों में पल रहे सांपो का क्या ?
पर्यावरण पर सुमित के तड़के :- न रहे पेड और न रहे पंछी... बच गये तो कंक्रीट इमारतें है और उसमें रहनें वाले मशीनी लोग...
आदिवासी महिलाओं की नेतृत्व विकास कार्यशाला के नोट्स...... भई वाह....
मौन का जंगल .. मौन... वाकई बडा हथियार है यह...
कर्नल डा॰ लक्ष्मी सहगल का निधन.. विनम्र श्रद्धांजलि...
तुम्हें ढूंढने के क्रम में ... मिला क्या ?
प्रणय के स्रोत का अनवरत कल-कल कितनी अच्छी है न कवि की कल्पना.... वाकई, जितनी तारीफ़ की जाए उतनी कम..
डोनाल्ड हाल : मछलियों के लिए लोकतंत्र.. लोकतंत्र है भाई....
गौमुख तपोवन का नक्शा और जानकारी... बहुत अच्छी जानकारी....
मेरा मन पंछी सा : एक वर्ष पूरा करनें पर बधाई...
तो फ़िर मित्रों फ़िर आज देव बाबा को इज़ाजत दीजिए... जल्दी ही मुलाकात होगी....
-देव
जीप खरीदी (१९४८) : आजादी के बाद भारत सरकार ने एक लंदन की कंपनी से २००० जीपों को सौदा किया। सौदा ८० लाख रुपये का था। लेकिन केवल १५५ जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त वी.के. कृष्ण मेनन का हाथ होने की बात सामने आई। लेकिन १९५५ में केस बंद कर दिया गया, जल्द ही मेनन नेहरु केबिनेट में शामिल हो गए।
साइकिल आयात (१९५१): तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सेकरेटरी एस.ए. वेंकटरमन ने एक कंपनी को साइकिल आयात कोटा दिए जाने के बदले में रिश्वत ली। इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा।
मुंध्रा मैस (१९५८) : हरिदास मुंध्रा द्वारा स्थापित छह कंपनियों में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के १.२ करोड़ रुपये से संबंधित मामला उजागर हुआ। इसमें तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी, वित्त सचिव एच.एम.पटेल, एलआईसी चेयरमैन एल एस वैद्ययानाथन का नाम आया। कृष्णामचारी को इस्तीफा देना पड़ा और मुंध्रा को जेल जाना पड़ा।
तेजा ऋण : १९६० में एक बिजनेसमैन धर्म तेजा ने एक शिपिंग कंपनी शुरू करने केलिए सरकार से २२ करोड़ रुपये का लोन लिया। लेकिन बाद में धनराशि को देश से बाहर भेज दिया। उन्हें यूरोप में गिरफ्तार किया गया और छह साल की कैद हुई।
पटनायक मामला: १९६५ में उड़ीसा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक को इस्तीफा देने केलिए मजबूर किया गया। उन पर अपनी निजी स्वामित्व कंपनी 'कलिंग ट्यूब्स को एक सरकारी कांट्रेक्ट दिलाने केलिए मदद करने का आरोप था।
मारुति घोटाला : मारुति कंपनी बनने से पहले यहां एक घोटाला हुआ जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम आया। मामले में पेसेंजर कार बनाने का लाइसेंस देने के लिए संजय गांधी की मदद की गई थी।
कुओ ऑयल डील: १९७६ में तेल के गिरते दामों के मददेनजर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हांग कांग की एक फर्जी कंपनी से ऑयल डील की। इसमें भारत सरकार को १३ करोड़ का चूना लगा। माना गया इस घपले में इंदिरा और संजय गांधी का भी हाथ है।
अंतुले ट्रस्ट: १९८१ में महाराष्ट्र में सीमेंट घोटाला हुआ। तत्कालीन महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एआर अंतुले पर आरोप लगा कि वह लोगों के कल्याण के लिए प्रयोग किए जाने वाला सीमेंट, प्राइवेट बिल्डर्स को दे रहे हैं।
एचडीडब्लू दलाली (१९८७): जर्मनी की पनडुब्बी निर्मित करने वाले कंपनी एचडीडब्लू को काली सूची में डाल दिया गया। मामला था कि उसने २० करोड़ रुपये बैतोर कमिशन दिए हैं। २००५ में केस बंद कर दिया गया। फैसला एचडीडब्लू के पक्ष में रहा।
बोफोर्स घोटाला : १९८७ में एक स्वीडन की कंपनी बोफोर्स एबी से रिश्वत लेने के मामले में राजीव गांधी समेत कई बेड़ नेता फंसे। मामला था कि भारतीय १५५ मिमी. के फील्ड हॉवीत्जर के बोली में नेताओं ने करीब ६४ करोड़ रुपये का घपला किया है।
सिक्योरिटी स्कैम (हर्षद मेहता कांड) : १९९२ में हर्षद मेहता ने धोखाधाड़ी से बैंको का पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश कर दिया, जिससे स्टॉक मार्केट को करीब ५००० करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
इंडियन बैंक : १९९२ में छोटे कॉरपोरेट और एक्सपोटर्स ने बैंक से करीब १३००० करोड़ रुपये उधार लिए। ये धनराशि उन्होंने कभी नहीं लौटाई। उस वक्त बैंक के चेयरमैन एम. गोपालाकृष्णन थे।
चारा घोटाला : १९९६ में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और अन्य नेताओं ने राज्य के पशु पालन विभाग को लेकर धोखाबाजी से लिए गए ९५० करोड़ रुपये कथित रूप से निगल लिए।
तहलका: इस ऑनलाइन न्यूज पॉर्टल ने स्टिंग ऑपरेशन के जारिए ऑर्मी ऑफिसर और राजनेताओं को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। यह बात सामने आई कि सरकार द्वारा की गई १५ डिफेंस डील में काफी घपलेबाजी हुई है और इजराइल से की जाने वाली बारक मिसाइल डीलभी इसमें से एक है।
स्टॉक मार्केट: स्टॉक ब्रोकर केतन पारीख ने स्टॉक मार्केट में १,१५,००० करोड़ रुपये का घोटाला किया। दिसंबर, २००२ में इन्हें गिरफ्तार किया गया।
स्टांप पेपर स्कैम : यह करोड़ो रुपये के फर्जी स्टांप पेपर का घोटाला था। इस रैकट को चलाने वाला मास्टरमाइंड अब्दुल करीम तेलगी था।
सत्यम घोटाला : २००८ में देश की चौथी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक अध्यक्ष रामलिंगा राजू द्वारा ८००० करोड़ रूपये का घोटाले का मामला सामने आया। राजू ने माना कि पिछले सात वर्षों से उसने कंपनी के खातों में हेरा फेरी की।
मनी लांडरिंग : २००९ में मधु कोड़ा को चार हजार करोड़ रुपये की मनी लांडरिंग का दोषी पाया गया। मधु कोड़ा की इस संपत्ति में हॉटल्स, तीन कंपनियां, कलकत्ता में प्रॉपर्टी, थाइलैंड में एक हॉटल और लाइबेरिया ने कोयले की खान शामिल थी।
अब एक नज़र डालिए घोटालों में हुई सज़ा पर...
बोफर्स घोटाला- ६४ करोड़ रु: मामला दर्ज हुआ - २२ जनवरी, १९९०
सजा - किसी को नहीं
वसूली - शून्य
एच.डी. डब्ल्यू सबमरीन- ३२ करोड़ रु.
मामला दर्ज हुआ - ५ मार्च, १९९०
(सीबीआई ने अब मामला बंद करने की अनुमति मांगी है।)
सजा - किसी को नहीं
वसूली - शून्य
स्टाक मार्केट घोटाला- ४१०० करोड़ रु.
मामला दर्ज हुआ - १९९२ से १९९७ के बीच ७२
सजा - हर्षद मेहता (सजा के १ साल बाद मौत) सहित कुल ४ को
वसूली - शून्य
एयरबस घोटाला- १२० करोड़ रु.
मामला दर्ज हुआ - ३ मार्च, १९९०
सजा - अब तक किसी को नहीं
वसूली - शून्य
चारा घोटाला- ९५० करोड़ रुपए
मामला दर्ज हुआ - १९९६ से अब तक कुल ६४
सजा - सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी को
वसूली - शून्य
दूरसंचार घोटाला-१२०० करोड़ रुपए
मामला दर्ज हुआ - १९९६
सजा - एक को, वह भी उच्च न्यायालय में अपील के कारण लंबित
वसूली - ५.३६ करोड़ रुपए
यूरिया घोटाला- १३३ करोड़ रुपए
मामला दर्ज हुआ - २६ मई, १९९६
सजा - अब तक किसी को नहीं
वसूली - शून्य
(गूगल से साभार लिए गये चित्र)
अब साहब कामनवेल्थ घोटाले और फ़िर हालिया में चमका कोयला खनन घोटाला, अरे टू-जी को कैसे भूल गये.... दिमाग पर जोर डालिए और खोजिये की आपनें आज तक कितने घोटालों का नाम सुना है... फ़िर उनमें किस किस को सज़ा हुई है.. या फ़िर कितनें की वसूली हुई है.... फ़िर कहिए की मेरा भारत महान क्योंकि सौ में से निन्यानबै ........ काका हाथरसी जी की लाईनें....
कह काका कवि कांप रहा क्यूं रिश्वत लेकर
रिश्वत पकडी जाए छूट जा रिश्वत देकर....
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आईए बुलेटिन को आगे बढाते हैं और आज ब्लाग जगत की हलचलों से आप सभी को रूबरू कराते हैं... आज एक लाईना अंदाज़ में....
आईए बुलेटिन को आगे बढाते हैं और आज ब्लाग जगत की हलचलों से आप सभी को रूबरू कराते हैं... आज एक लाईना अंदाज़ में....
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क्या श्रीनरेन्द्र मोदीजी मस्तीख़ोर सी.एम. हैं? :- आराम तलबी किसको पसन्द नहीं है भाई.... भईया किस किस को गाईए किस किस को रोईए... आराम बडी चीज़ है चद्दर तान के सोईए..
नाग पंचमी का त्यौहार है बाबाजी :- नाग पंचमी तो है दद्दा.. लेकिन आस्तीनों में पल रहे सांपो का क्या ?
पर्यावरण पर सुमित के तड़के :- न रहे पेड और न रहे पंछी... बच गये तो कंक्रीट इमारतें है और उसमें रहनें वाले मशीनी लोग...
आदिवासी महिलाओं की नेतृत्व विकास कार्यशाला के नोट्स...... भई वाह....
मौन का जंगल .. मौन... वाकई बडा हथियार है यह...
कर्नल डा॰ लक्ष्मी सहगल का निधन.. विनम्र श्रद्धांजलि...
तुम्हें ढूंढने के क्रम में ... मिला क्या ?
प्रणय के स्रोत का अनवरत कल-कल कितनी अच्छी है न कवि की कल्पना.... वाकई, जितनी तारीफ़ की जाए उतनी कम..
डोनाल्ड हाल : मछलियों के लिए लोकतंत्र.. लोकतंत्र है भाई....
गौमुख तपोवन का नक्शा और जानकारी... बहुत अच्छी जानकारी....
मेरा मन पंछी सा : एक वर्ष पूरा करनें पर बधाई...
तो फ़िर मित्रों फ़िर आज देव बाबा को इज़ाजत दीजिए... जल्दी ही मुलाकात होगी....
-देव
घोटालों की सूची भयावह है. लगता है आज़ादी घोटालों के लिए घोटालेबाज़ों को ही मिली थी. अच्छे लिंक्स के लिए आभार देव जी.
जवाब देंहटाएंक्या से क्या हो गये...
जवाब देंहटाएंबढ़िया रिपोर्ट कार्ड पेश किया है आपने देव बाबू ... साल दर साल तरक्की ही तरक्की हुई है ... जय हो !
जवाब देंहटाएंलिंक्स भी सब बेजोड़ है ... आभार !
अच्छे लिंक्स !
जवाब देंहटाएंअच्छा कच्चा चिट्ठा खोले हैं देव बाबा । सुंदर लिंक्स का चयन व संयोजन । अच्छी बन पडी है आज की बुलेटिन ।
जवाब देंहटाएंबहुत मेहनत से जुटाए हैं आपने आंकडे। बधाई एवं धन्यवाद।
जवाब देंहटाएं............
International Bloggers Conference!
मेरा देश महान
जवाब देंहटाएंजो ना फ़ंसे
वो ही चौहान
बढिया लिंक संयोजन्।
सभी का धन्यवाद....
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