प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
आज जब यह देखा जाता है कि लोग अपना इतिहास भूलते जा रहे है ऐसे मे यह उम्मीद रखना कि उनको इतिहास के नायको की याद आएगी ... व्यर्थ है ... ऐसे मे मैनपुरी जनपद भी कोई अपवाद नहीं !
आज ११ जून है ... अमर शहीद पंडित राम प्रसाद 'बिस्मिल' जी की ११५ वी जयंती है आज !
राम प्रसाद 'बिस्मिल' भारत के महान क्रान्तिकारी व अग्रणी स्वतन्त्रता सेनानी ही नहीं, अपितु उच्च कोटि के कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी। शुक्रवार ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी विक्रमी संवत् १९५४ को उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद जी को ३० वर्ष की आयु में सोमवार पौष कृष्ण एकादशी विक्रमी संवत् १९८४ को बेरहम ब्रिटिश सरकार ने गोरखपुर जेल में फाँसी दे दी। 'बिस्मिल' उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रक्खा और ३० वर्ष की आयु में फाँसी चढ़ गये। ग्यारह वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं जिनमें से ग्यारह उनके जीवन काल में प्रकाशित भी हुईं। ब्रिटिश सरकार ने उन सभी पुस्तकों को जब्त कर लिया ।
आज के युवा जो बिस्मिल जी को ही शायद नहीं जानते होंगे उनको तो यह अंदाज़ भी नहीं होगा कि बिस्मिल जी का मैनपुरी से कितना गहरा नाता रहा है ! आप स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान हुये 'मैनपुरी षडयन्त्र' के नायको मे से एक थे और इस के साथ साथ मैनपुरी जिले के कोसमा मे भी कुछ दिन अपनी सगी बहन शास्त्री देवी के घर रहे थे ... यह बात और है कि उनके प्रवास के दौरान उनकी बहन भी उन्हें पहचान नहीं पायी थी ... तो फिर भला पुलिस कैसे पहचानती !?
मैनपुरी से 'बिस्मिल' जी के रिश्ते को विस्तार से जानने के लिए पढ़ें :-
सादर आपका
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अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की ११५ वी जयंती पर पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और आप सभी की ओर से उनको शत शत नमन !
वन्दे मातरम !!
इंकलाब ज़िंदाबाद !!
बहुत बढ़िया लिंक्स,,,,,शिवम जी,,,,,,
जवाब देंहटाएंबड़े ही रोचक और पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंvery nice ......
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स, अनुकरणीय संयोजन, शिवम् जी आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बढ़िया लिंक दिए है ...
जवाब देंहटाएंआभार शिवम !
अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की ११५ वी जयंती पर मेरी ओर से उनको शत शत नमन !
जवाब देंहटाएंआभार भाई .... आपके स्नेह की ऋणी हूँ .... !!
आभार..
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स।
बेहतरीन जानकारी।
very nice links . thanks to add my post
जवाब देंहटाएंअच्छा बुलेटिन
जवाब देंहटाएंमैं भी हूं यहां
बहुत बहुत आभार
बहुत बढ़िया...धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स का संयोजन है
जवाब देंहटाएंआभार
इंकलाब ज़िंदाबाद !! तब का ज़ज्बा आज भी कहीं न कहीं है
जवाब देंहटाएंसारे लिंक्स जिंदाबाद !!!
बहुत सुंदर कोलाज है आज का भी
जवाब देंहटाएंअमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की ११५ वी जयंती पर मेरा उनको शत शत नमन. अच्छा बुलेटिन.
जवाब देंहटाएंThank you Bhaiya !
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