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सोमवार, 28 मई 2012

सिंह या शिखंडी.... या फ़िर जस्ट रोबोट.... ब्लॉग बुलेटिन

कार्टून साभार सतीश आचार्य 
भईये अपने पिरधानमंत्री हैं के.... सिंह या शिखंडी.... या फ़िर जस्ट रोबोट.... मजाक नय कर रिया हूं भाई... आज कल पूरा इंडीया यही क्वेस्चन पूछ रिया है.... वाकई यह बात हमारे हवलदार नें कहीं... हवलदार अरे अपना वाचमैन.... हम उसको पूछे अबे तुमको क्या दिक्कत है तो बोला साहब करेला से केला और मिट्टी तेल से पेट्रोल... सब में तो आग लगी है। फ़िर... ना जीनें को होए ना मरने को....    हमारा हवलदार आगे जो बोला वो सुनिए... 

सब्ज़ी का शौकीन है, सो एक आलू, एक प्याज़, एक टमाटर और चार फ़ली मटर...  फ़ल का शौकीन है सो एक सन्तरा भी ले आया...  (बारह रुपये में और क्या लाता बेचारा)

हमनें पूछा भाई हवलदार आज का डिनर मीनू क्या है तो बोला शाब आज तो शाही है, रोटी तरकारी और दाल भी.... पूरे छब्बीस रुपये का है आज तो... हम भी चुटकी लेने को कह दिए भाई अब तो सरकार तुमसे भी टैक्स वसूल करेगी....  वह बोला मालिक वसूल तो करिए रही है, एक रोटी बनानें के लिए आटा तो लाएंगे ही... उसपे टैक्स, चावल पर टैक्स... एक पारले जी बिस्कुट ले लो उसपे भी टैक्स.... अब भाई हवलदार की महीने की तनख्वाह कोई पांच हज़ार है और उतनें में उसे तीन प्राणी पालनें हैं.....  

हवलदार से मिलनें के बाद ऊपर आया और बुलेटिन लिखनें बैठा, देखा समाचार पर टीम अन्ना का विवादित बयान, PM को कहा शिखंडी.... फ़िर हवलदार की बात याद आई.... सिंह या शिखंडी.... या फ़िर जस्ट रोबोट.... सच में आज कल तो हालत ऐसी है, जिसमें कोई खुश नहीं है और फ़िर हवलदार जैसे लोगों का क्या कहना.... चलिए तो आप ही निर्णय लीजिए की अपनें प्रधानमंत्री क्या हैं, सिंह या शिखंडी.... या फ़िर जस्ट रोबोट...  तब तक हम अपनें बुलेटिन को आगे बढाते हैं.... 

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ब्लोगिंग के उत्थान में शानदार भूमिका है फेसबुक की   (Ratan singh shekhawat) at ज्ञान दर्पण

फेसबुक पर अक्सर हिंदी ब्लॉग लेखकों की टिप्पणियाँ पढ़ने को मिली कि- "फेसबुक ब्लोगिंग के लिए खतरा है|" दरअसल ज्यादातर ब्लॉग लेखकों द्वारा फेसबुक पर ज्यादा समय देने से ब्लॉगस् पर लेख आने की फ्रिक्वेंसी कम हुई है और यही वजह ब्लॉग लेखकों की चिंता का कारण है जिसे वे अक्सर फेसबुक पर जाहिर भी करते रहते है| पर मैं नहीं मानता कि ब्लोगिंग को फेसबुक से कोई खतरा है| बल्कि मेरा अनुभव तो यह कहता है कि ब्लोगिंग के उत्थान में फेसबुक एक शानदार एग्रीगेटर की भूमिका निभा रही है बस ब्लॉग लेखक को फेसबुक की इस एग्रीगेटर वाली भूमिका का लाभ उठाना आना चाहिए| फेसबुक द्वारा निभाई जाने वाली इस भूमिका को समझने ... more » 
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कहते हैं घर मनुष्यों से बनता है , चार दीवारों से नहीं । लेकिन चार दीवारों की भी अहमियत होती है । क्योंकि जहाँ मनुष्य पैदा होता है , पला बड़ा होता है , उसके साथ पुरानी यादें हमेशा जुडी रहती हैं । नए बने सात किलोमीटर लम्बे फ्लाई ओवर पर 8० की स्पीड से गाड़ी चलाते हुए एक स्थान ऐसा आता जहाँ पहुँचकर मन अतीत में हिलोरें मारने लगता । उस स्थान पर एकओर वो स्कूल था जहाँ से हायर सेकंडरी की शिक्षा प्राप्त की थी । बायीं ओर वो झूले वाला पुल जिससे नाला क्रॉस कर थोड़ा आगे दो कमरे वाला सरकारी क्वार्टर जहाँ जिंदगी के छै साल बिताकर बचपन से ज़वानी का पुल पार किया । नाले वाला पुल पार करते हुए अक्सर पुल ... more » 
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 सफर का आनंद माता के दरबार जाने की इच्‍छा पि‍छले कई महीनों से मन में थी। सोचा,‍ इस बार बच्‍चों की गर्मी की छ़ुट़टि‍यां जैसे ही शुरू होंगी, नि‍कल पड़ेंगे। सो सीटें आरक्षि‍त करवा कर हम नि‍श्‍चिंत हो गए क्‍योंकि‍ छुट़टि‍यों में काफी गहमागहमी होती है ट्रेन में। यात्रा में हमारे परि‍वार के साथ मेरे माता-पि‍ता भी थे। मतलब मेरे पति, दोनों बेटे,मेरे माता-पि‍ता और मैं....कुल छह लोग। 11 मई को हमें जम्‍मूतवी से जाना था और वापसी 17 मई को राजधानी से थी। बच्‍चों में यात्रा को ले बड़ा उत्‍साह व रोमांच था। पूरे पैकिंग के दौरान ये ले चलूं....वो ले चलूं कि‍ गुहार लगती रही। बड़ा बेटा अमि‍त्‍युश चेस ... more »
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*माधव की Summer vacations चल रही है . इन दिनों दिल्ली में दिन में सूरज आग बरसा रहा है सो दिन में कही जाने का सवाल ही नहीं है . इसलिए जनाब दिन में अच्छी नींद लेते है . अब दिन में नींद लेने के बाद , रात में जल्दी नींद कहा आती है , फिर क्या ,रात बारह बजे समर होम वर्क करने लगे . होम वर्क में मन ऐसा रमा कि उठने का नाम ही नहीं ले रहे थे , फिर जबरदस्ती लाईट आफ की गयी तब जाकर जनाब सोये .* 
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अंधविश्वास की तिजारत और राजनीति   Suman at लो क सं घ र्ष !

सनल इडामारूकू जहाँ एक ओर समेले इडामरक्कू नामक तार्कितावादी, “धार्मिक विश्वासों को चोट पहॅुचाने“ के आरोप में कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे हंै वहीं दूसरी ओर, निर्मल बाबा पर धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। निर्मल बाबा का दावा है कि वे दैवीय शक्तियों के स्वामी हैं। उनके कार्यक्रम 40 से अधिक टी.व्ही. चैनलों पर प्रसारित होते हैं और उनकी “कृपा“ प्राप्त करने के लिए बाकायदा पैसा भी चुकाया जाता है। निर्मल बाबा के पास आपकी और मेरी हर समस्या का दैवीय हल मौजूद है। एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को निर्मल बाबा के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। यद्यपि सेमेल इडामरक्कू और निर्मल बाब... more »

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सोनाक्षी की दूसरी फिल्‍म और जन्‍मदिवस  Kulwant Happy "Unique Man" at युवा सोच युवा खयालात


सोनाक्षी सिन्‍हा, एक ऐसा नाम है। एक ऐसा चेहरा है। जो आज किसी पहचान का मोहताज नहीं। दबंग से पहले भले ही मायानगरी में होने वाली पार्टी में लोग उसको शॉटगन की बेटी के रूप में पहचानते हो, मिलते हो। मगर आज उसकी अपनी एक पहचान बन चुकी है। पहली ही फिल्‍म सुपर डुपर हिट और नवोदित अभिनेत्री पुरस्‍कार भी झोली में आन गिरा। ऐसा नहीं कि ऐसा केवल सोनाक्षी के साथ ही हुआ, पहले भी बहुत सी अभिनेत्रियों के साथ हुआ। मगर सोनाक्षी की आंखों में जो कशिश है, चेहरे पर जो नूर है, वो उसको बिल्‍कुल अलग करता है। जहां दो जून को सोनाक्षी पच्‍चीस साल की हो जाएगीं, वहीं उनकी दूसरी फिल्‍म राउड़ी राठौड़ उनके जन्‍मदिवस ... more »



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ज़िन्दगी की धूप मे   डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"(Dr.Rajendra Tela,Nirantar)" at "निरंतर" की कलम से..... 

ज़िन्दगी की धूप में बाल तो सफ़ेद नहीं हुए दिल सफ़ेद हो गया सारा खून ज़माना पी गया छल कपट के सामने कमज़ोर पड गया मोहब्बत से जीने वाला घबरा गया पर उम्मीद अभी बाकी है सांस भी चल रही हैं जब तक रहेगी जान में जान हार नहीं मानूंगा मोहब्बत के खातिर लड़ता रहूँगा.. 


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गर्मी पे चढा शबाब , और आदमी भुन के हुआ कबाब .   अजय कुमार झा at खबरों की खबर 

* गर्मी की मार से हो सकती है आपकी सेहत खराब , सेहत खराब , अजी यहां तो दिमाग का दही हो गया जनाब , (गर्मी पे चढा शबाब , और आदमी भुन के हुआ कबाब ) पीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप गलत हैं , ऐसा कह रही है सरकार , अपने अपने हाथ उठाओ , इसपे किसको किसको है भरोसा यार , (अमां हाथ उठाने को कहे हैं हो , आप लोग तो जुत्ता उठाने लगे , भगिहे रे सरकार ) कम होगी पेट्रोल की आग , पेश होगा दिल्ली का बजट आज , हां हां साले जरूरे होगा , दिल्ली में तो चल रहा है जैसे राजा हरीश्चंद्र का राज , (अबे हट , हुर्रर्रर्रर्र ..ई थेथरलोजी से जनता को लेमनचूस चुसा रहे हो बेट्टा , आवे दो अबके चुनाव ) कडप्पा के सांसद जगनमोहन... more »

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जारी है बिहार में व्यवसायियों की ह्त्या  Rajneesh K Jha at आर्यावर्त

बिहार के गोपालंगज जिले में शनिवार को हुए एक शराब व्यवसायी की हत्या के मामले को पुलिस अभी सुलझा भी नहीं पाई थी कि रविवार की रात जिले के थावे थाना क्षेत्र में एक शराब की दुकान के सेल्समैन की अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार थावे रेलवे स्टेशन के सामने जगदीश प्रसाद की शराब दुकान में सुनील कुमार सोनी काम करता था। रविवार की रात भी वह काम पर था, इसी दौरान अज्ञात अपराधियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने सोमवार की सुबह उसका शव दुकान से बरामद किया। उसके सीने में गोली मारी गई थी। सुनील नगर थाना के पुराना चौक मुहल्ले का निवासी था। पुलिस के एक अधिकारी के अन... more »

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चाय, यादें, रोटी, मैं और बुज़ुर्ग...  दिलीप at दिल की कलम से...

चाय... ------------ अदरक की चाय... तुलसी की चाय... काली मिर्च की चाय... मसाले की चाय... इलायची की चाय... इनमें से कुछ भी पसंद नहीं आता... अब तुम्हारे हाथ की चाय जो नहीं मिलती... ----------------------------------------------- यादें... ------------ कल रात से बारिश हो रही है... कागज़ी लॉन में भूल गया था उन्हें... अभी उठा कर लाया हूँ... अंदर हेंगर मे टाँग दिया हैं... पर अंदर भी सीलन ही है... वक़्त लगेगा सूखने में... मोटे कपड़े की जो हैं... कभी सर्द रातों मे ओढ़ लिया करता था उन्हे... गर्माहट के लिए... अब पुरानी हो चली है.. सोचता हूँ अब जब ठंड हो... तो उन्हे जलाकर ही ताप लूँ.. ------------... more »

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मेहनत का आज सिला मिल ही गया  वन्दना at ज़ख्म…जो फूलों ने दिये 

आज मेरे बेटे ईशान का सी बी एस सी बारहवीं का रिज़ल्ट आ गया उसके 94% मार्क्स आये हैं और पी सी एम 96% है ।इतने वक्त की मेहनत का आज सिला मिल ही गया और अब उसका उसके मनपसन्द सब्जैक्ट के साथ इंजीनियरिंग मे और एडमीशन हो जाये तो जीवन सफ़ल है । बस आप सबकी दुआओं और आशीर्वाद की जरूरत है ।

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राष्ट्र भक्त वीर विनायक दामोदर सावरकर जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन!   संगीता तोमर Sangeeta Tomar at सादर ब्लॉगस्ते! 

 
*(28 मई 1883 -26 फरवरी 1966)* *तुजसांठी मरण ते जनन,तुजवीण जनन ते मरण!* *हे मातृभूमि!तेरे लिए मरना ही जीना है और तुझे भूल कर जीना ही मरना है!* *जिस प्रकार एक भारतीय नाटक के सभी पात्र-मृत और जीवित भी,एक समय अंत में मिलते हैं,उसी तरह इस संघर्ष नाटक के हम सभी असंख्य पात्र भी कभी इतिहास के रंगमंच पर अवश्य मिलेंगे.तब तक के लिए मित्रो!विदा!विदा!!मेरी लाश कहीं भी गिरे,चाहे अंडमान की अंधेरी कालकोठरी में अथवा गंगा की पवित्र धारा में,वह हमारे संघर्ष को प्रगति ही देगी.युद्ध में लड़ना और गिर पड़ना भी एक प्रकार की विजय है. अत:प्यारे मित्रो! विदा!* *-स्वातंत्र्यवीर सावरकर *
 

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आशा है आप सभी को आज का बुलेटिन पसन्द आया होगा.... चलिए तो फ़िर एक छोटे से ब्रेक के बाद फ़िर मुलाकात होगी..... 

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-देव


12 टिप्‍पणियां:

  1. veer savarkar ko naman...meri post ke liye abhaar...blogging saagar hai..main ik nanhi si chanchal boond jo idhar udhar uchalti rehti hai...aap mujhe judaav ka ehsaas karaate rehte hain..iske liye shukriya...

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  2. जय हो देव बबा की , एकदम कटिंगदार बुलेटिन । प्रस्तावना में तो पिरधान जी को धो डाले हैं । लिंक सब बहुत कमाल धमाल हैं । बहुत बढिया बांचे हैं जी

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  3. बुलेटिन बहुत बढ़िया है...हम तो यूँ भी लिंक्स की खोज में रहते हैं

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  4. मनमोहन सिंह कमाल के प्रधानमंत्री हैं। उनको पता है कि आज नहीं तो कल पूर्व लगने वाला है, क्‍यूं न लोक मुहावरों में चले जाएं। सारी उम्र लोग हमको याद रखेंगे। लोग कहेंगे किस्‍मत का दूसरा नाम है मनमोहन सिंह।

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  5. जय हो देव बाबू ... क्या खूब धोया है आज ... "सिंह या शिखंडी.... या फ़िर जस्ट रोबोट" ... बढ़िया सवाल है ... लिंक्स देखते है अब एक एक कर के ...

    वीर सावरकर जी को शत शत नमन !

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