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बुधवार, 7 मार्च 2012

ब्लॉग की सैर - ब्लॉग बुलेटिन



ब्लॉग तो अनगिनत हैं .... जहाँ तक दृष्टि ले जाइये - एहसासों की , सत्य की , सपनों की , दर्द की अपनी अपनी दुनिया है . दुनिया तो समाचारों की भी हैं , पर मेरी रूचि उसमें न के बराबर है . दर्द , सत्य.... अक्सर मुझे अपनी तरफ खींचते हैं और खींचता है मानवीय आध्यात्म !
२००७ से मैं ब्लॉग संसार में आई , और लगा भावनाओं के अलौकिक मेले में पहुँच गई हूँ . समीर लाल जी , रंजना भाटिया जी , शोभना चौरे जी ,संजीव तिवारी जी ....... जब भी मिली यानि पढ़ा तो लगा - ' स्वर्ग यहीं है यहीं है यहीं है ...' . ऑरकुट पर मित्र बनते खास होने सा एहसास हुआ . फिर धीरे धीरे कई लोग इस साहित्यिक यात्रा में मिले - नाम गिनाऊँ , इससे बेहतर है - आइये आपको मैं इनके ब्लॉग की सैर कराऊँ .....

तेरी बहुत याद आती है..... - उड़न तश्तरी

"वो तेरी ऊँगली पकड कर के चलना
समुंदर की लहरों पर गिरना मचलना
वो तेरा मुझको अपनी बाहों मे भरना
माथे पे चुबंन का टीका वो जडना
जब भी हवा अपने संग
समुंदर की खुशबु लाती है
मॉ
मुझको तेरी बहुत याद आती है "

रंजना भाटिया जी

कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **: खुदे हुए नाम

"पुराने किले की

खंडहर हुई दीवारों

और सदियों से स्तब्ध

पेड़ों के तने

पर खुदे

हुए कई नामो को

देख कर सोचती हूँ

क्या प्रेमियों के

यह खुदे हुए नाम

प्रेम की उम्र भी बढ़ा देते हैं ..?"


" कैद कर रखना था पंछी को अगर सैय्याद ने
फड्फड़ाने के लिए क्यों छोड़ उसके पर दिए

कुछ नहीं मिलता है रब से जान लो खैरात में
नींद लेता उस से जिसको रेशमी बिस्तर दिए "

सरस्वती प्रसाद जी
" पोर-पोर में थकान लिए,
शरीर और मन दोनों से हार कर
तुम्हारी देहरी पर बैठी हूँ
प्रकोष्ठ का द्वार खोलो.....
तमस में घिरी हूँ,कुछ दिखाई नहीं पड़ता
कहाँ जाऊं, किधर जाऊं के उलझन में घिरी हूँ
प्रभु कृपा करो
अपने प्रभामंडल का आलोक प्रसारित करो
प्रकोष्ठ ................
मेरे विनम्र निवेदन की अर्जी को
किसी पत्थर जड़ी मंजुषा में मत डालो "

" ज़िंदगी के चाक पर
भावनाओं की मिट्टी गूँथ
छोटी छोटी ख्वाहिशों के
दिए बना
चढा दिया था
यथार्थ के ताप पर
जिम्मेदारियों के
तेल में भिगो
अरमानो की बाती
जला दी थी
आज उजाला है चारों ओर
बस है तो
दीपक तले अँधेरा ...."

" बाजी -दर -बाजी
चल रहा है चाल कोई
गोटियाँ बैठाता
इधर से उधर कोई ...
उन्माद का मारा
भय फैलाता
दवा के भ्रम में
दर्द बांटता कोई .... "

श्मि रविजा

अपनी, उनकी, सबकी बातें: उम्र की सांझ का, बीहड़ ....

" अक्सर किताबों में लोगो के संस्मरण या उनके अनुभवों में सुना है...'पिता बहुत सख्त थे...हम उनसे बहुत डरते थे...उनके सामने बैठते नहीं थे...छोटी सी गलती की भी वे कड़ी सजा देते थे..' जाहिर है पिता यह सब बेटे के अच्छे भविष्य के लिए ही करते होंगे. पर इन सबमे वे बेटे के मन में एक कठोर पिता के रूप में ही जगह बना पाए...एक स्नेही पिता के रूप में नहीं. और अपनी वृद्धावस्था में जब वे बेटे से प्रेम की अपेक्षा करते हैं तो बेटा वह प्रेम दे ही नहीं पाता...क्यूंकि प्रेम का पौधा पिता ने उसके हृदयरूपी जमीन पर लगाया ही नहीं. जिंदगी कभी इतनी मोहलत नहीं देती कि कुछ काम हाशिए पर रखे जाएँ और समय आने पर उनका हिसाब-किताब किया जाए. कर्तव्य-देखभाल-अनुशासन-प्रेम-हंसी-ख़ुशी....सब साथ चलने चाहिए. जिंदगी के हर लम्हे में शामिल होने चाहिएँ . वरना अफ़सोस के सिवा कुछ और हाथ नहीं लगता."
वंदना गुप्ता

ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: यूँ ही नहीं राधा को मोहन ...

" चाहत कोई भी हो

कैसी भी हो

किसी की भी हो

एक बार नैराश्य के

भंवर में जरूर डूबती है

फिर भी इंसान चाहत की

पगडण्डी नहीं छोड़ता

एक आस का पंछी

उसके मन की मुंडेर पर

उम्र भर चहचहाता रहता है

उसे जीने की एक वजह

देता रहता है "


क्रमशः .......

18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर लिंक्स रश्मि दी.....

    जिंदगी कभी इतनी मोहलत नहीं देती कि कुछ काम हाशिए पर रखे जाएँ और समय आने पर उनका हिसाब-किताब किया जाए.

    बहुत प्यारी प्रस्तुति.....
    आभार.

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  2. आपकी इस साहित्यिक यात्रा में कुछ पल साथ के मिले .... और चल रही हूँ आपके पीछे पीछे ... :) सुंदर मेला सजाया है .... आभार

    होली की शुभकामनायें

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  4. वाह रश्मि दीदी होली पर बढ़िया उपहार दिया आपने इस पोस्ट के रूप में ... खूब सैर होगी ... जय हो !

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  5. बहुत उत्कृष्ट संकलन,..रश्मी जी बधाई
    पूरे ब्लॉग बुलेटिन टीम को होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

    RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,

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  6. सुन्दर प्रस्तुति...



    रंगों का त्योहार मुबारक हो।
    खुशियों की फुहार मुबारक हो।
    सात रंग से सजे आपका तन-मन जीवन।
    एक नहीं, दो नहीं सौ-सौ बार मुबारक
    होली की हार्दिक शुभकामनाएं
    इस आनंदोत्सव में आपको और परिवार को हार्दिक बधाई

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  7. साती ब्लॉग बुलेटिन की टीम को हार्दिक शुभकामनाएं होली के पावन अवसर पर |
    आशा

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  8. सुन्दर सूत्र..होली की शुभकामनायें..

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  9. बहुत सुंदर लिंक्स है
    होली की बहुत बहुत बधाई

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  10. साहित्यिक यात्रा बहुत मनभावन रही ...इस यात्रा की एक साथी बनकर बहुत ख़ुशी हुई ..
    आभार !
    बहुत बधाई और शुभकामनायें !

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  11. सुंदर लिंक्स मिले हैं दी...
    आप सभी को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!

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  12. बहुत सुन्दर लिंक्स से बुलेटिन सजाया है …………होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  13. bahut hi sundar sanyojan kuchh purani yadein taja ho uthi , sameer ji, rashmi ji..........orkut ki mitrata ...........bahut bahut shukriya rashmi ji

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