tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post4726580825145169199..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: जोकर, मुखौटा और लोग - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-34791358340708779912019-04-26T15:55:36.920+05:302019-04-26T15:55:36.920+05:30स्वयं की ग़ज़ल को आपके इस पटल पर देखना अत्यंत सुखद अ...स्वयं की ग़ज़ल को आपके इस पटल पर देखना अत्यंत सुखद अनुभव है। कृतार्थ हूं मैं आपकी...<br /> सादर 🙏Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-51270366788623280462019-04-22T21:15:04.125+05:302019-04-22T21:15:04.125+05:30आप सब का बहुत बहुत आभार |आप सब का बहुत बहुत आभार |शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-14765873735569406662019-04-22T10:03:47.270+05:302019-04-22T10:03:47.270+05:30बेहतरीन मुखड़ा! 'वामन मंदिर खजुराहो' को शाम...बेहतरीन मुखड़ा! 'वामन मंदिर खजुराहो' को शामिल करने के लिए आभार.Harsh Wardhan Joghttps://www.blogger.com/profile/12389755985429791949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-82337201899120395202019-04-21T23:38:33.035+05:302019-04-21T23:38:33.035+05:30जी मेरे लेख को स्थान देने के लिये धन्यवाद।
प्रणाम...जी मेरे लेख को स्थान देने के लिये धन्यवाद। <br />प्रणाम।व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-53013896602102428092019-04-21T21:53:34.912+05:302019-04-21T21:53:34.912+05:30बेहतरीन ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 👌
मुझे स्थान देने...बेहतरीन ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 👌<br />मुझे स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-73431896153758389732019-04-21T21:31:11.046+05:302019-04-21T21:31:11.046+05:30वाहह्हह.. भूमिका की पंक्तियाँ गज़ब है👌
मुखौटों के ...वाहह्हह.. भूमिका की पंक्तियाँ गज़ब है👌<br />मुखौटों के जंगल में<br />एक किरदार हम भी है<br />बिना मुखौटों जीने वालों के<br />एक गुनहगार हम भी है।<br /><br />बहुत अच्छी रचनाएँ हैंं सारी..मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत आभार।<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com