tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post2313785169220840655..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम - ४०० वीं ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-21843757282140487012013-01-31T10:56:16.496+05:302013-01-31T10:56:16.496+05:30पूरी बुलेटिन टीम और सभी पाठकों को ४००वी पोस्ट के इ...पूरी बुलेटिन टीम और सभी पाठकों को ४००वी पोस्ट के इस पड़ाव तक पहुँचने की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें ! <br /><br />सलिल दादा दिल से दिल को राहत होती है ... हम लोग बेशक दूर है पर फिर भी इतनी नज़दीकियाँ तो है ही कि एक दूसरे की तकलीफ बाँट सकें ... है न ???शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-44292713323010940522013-01-31T09:41:15.421+05:302013-01-31T09:41:15.421+05:30बधाई ४०० वीं पोस्ट की..सुन्दर सूत्र..बधाई ४०० वीं पोस्ट की..सुन्दर सूत्र..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-45463640696758187272013-01-30T22:01:10.484+05:302013-01-30T22:01:10.484+05:30बेहतरीन ,,,,
बुलेटिन की ४०० सौं वीं पोस्ट के लिए ...बेहतरीन ,,,,<br />बुलेटिन की ४०० सौं वीं पोस्ट के लिए बधाई.सलिल जी,,,,,<br /><br />recent post<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/01/blog-post_27.html#links" rel="nofollow">: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,</a> धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-76559274016353418982013-01-30T21:13:25.373+05:302013-01-30T21:13:25.373+05:30आपका अंदाज निराला है।
पहली बार रश्मि रविजा जी की...आपका अंदाज निराला है। <br /><br />पहली बार रश्मि रविजा जी की कविता पढ़ी। कौशलेंद्र जी का अनुभूति.. जंगल का फूल पढ़ा। मनोज जी की साहसी बेटी की काव्यमय सत्य कथा पढ़ी..गिरिजा जी को अब पढ़ने लगा हूँ..दिगंबर नासवा जी की ग़ज़लें और रश्मि प्रभा जी की कविता तो वर्षों से पढ़ता रहा हूँ। आपकी प्रस्तुति का अंदाज ही कुछ ऐसा होता है कि सभी पढ़ने की इच्छा होती है। इतने अच्छे लेखकों के साथ मेरी कविता का लिंक देने के लिए आभार और शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई।<br />देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-62414232367212031832013-01-30T20:51:00.187+05:302013-01-30T20:51:00.187+05:30:):)Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-69677264113804504492013-01-30T20:00:11.766+05:302013-01-30T20:00:11.766+05:30मिलकर रोयें फ़रियाद करें उन बीते दिनों को याद करें...मिलकर रोयें फ़रियाद करें उन बीते दिनों को याद करें ............<br />400वीं कामयाबी जबरदस्त है - हम भी हैं इसमें और सोच रहे - <br />ऐ काश कहीं मिल जाये कोई <br />वो मीत पुराना बचपन का रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-46430266500732433782013-01-30T19:24:29.228+05:302013-01-30T19:24:29.228+05:30arey waaah...400 post bhi pure ho gaye :) :) arey waaah...400 post bhi pure ho gaye :) :) abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-65634223652509207232013-01-30T19:12:30.006+05:302013-01-30T19:12:30.006+05:30शुभकामनाएं आदरणीय ||शुभकामनाएं आदरणीय ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-50915323048942275162013-01-30T18:46:10.703+05:302013-01-30T18:46:10.703+05:30अच्छा लगा पुराना जमाना :) और उसे आपका याद करना भी....अच्छा लगा पुराना जमाना :) और उसे आपका याद करना भी.<br />बधाई.. बढ़िया बुलेटिन.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-13461582483926246232013-01-30T18:17:49.743+05:302013-01-30T18:17:49.743+05:30...बधाई सलिल दा ! ...बधाई सलिल दा ! संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-53501352731019912932013-01-30T17:46:32.718+05:302013-01-30T17:46:32.718+05:30आपका जवाब नहीं सलिल दा.....
पुरानी पोस्ट को नए रंग...आपका जवाब नहीं सलिल दा.....<br />पुरानी पोस्ट को नए रंग रोगन के साथ पेश किया...<br />हाँ आपकी परेशानियों का ज़िक्र ज़रा हमको भी परेशान कर गया...<br />दुआ करती हूँ कि आप सदा खुश रहें...परेशानियों,तकलीफों से मुक्त रहें.<br />blog बुलेटिन को ४०० सौं वीं पोस्ट की बधाई.<br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com