tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post1490738723940045403..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: आविष्कार हो या परिवर्तन लाभ-हानि होते ही हैं !ब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-11421600514008357092017-10-02T12:36:01.913+05:302017-10-02T12:36:01.913+05:30बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ..बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-7665339547334718252017-10-01T23:04:31.202+05:302017-10-01T23:04:31.202+05:30" तर्क, मान्यता , तर्क ... कुछ समय बाद मान्य..." तर्क, मान्यता , तर्क ... कुछ समय बाद मान्यताओं की धज्जियाँ और कुतर्क कभी रुका है क्या ?" <br /><br />जी सही फरमाया । कभी नाव गधों पर कभी गधे नाँव के ऊपर समय कुतर्कों का है किये जा रहे हैं :) <br />आभार आज की छोटी सी बुलेटिन में 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये रश्मि प्रभा जी।<br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com