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रविवार, 6 जनवरी 2019

सच्चे भारतीय और ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

यदि आप "कोका कोला" की बोतल में पानी भर कर फ्रिज में रखते हैं और हॉर्लिक्स/बॉर्नविटा के जार में दाल या मसाला भर कर रखते हैं तो...

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.आप एक सच्चे भारतीय हैं!

सादर आपका 
शिवम् मिश्रा

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दिल जो दीवाना नहीं आखिर को दीवाना भी था - जॉन एलिया

उलझन

ऐसा है उपहार कहाँ......

मांडू देखने के बाद...

503.अहसास तुम्हारा

न बिक पाने का दुःख

राजेन्द्र वर्मा के चार नवगीत

मैन्यूअल ओवरराइड

महाभारत की लोककथा (भाग - 65)

मेरा भाई नेवला

बीती रात का गीत


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अब आज्ञा दीजिए ... 

जय हिन्द !!!

5 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

आज की परिभाषाओं के हिसाब से भारतीय हो जाना बहुत मुश्किल है। हो ही नहीं पा रहे हैं। गनीमत बस इसनी है की कोकाकोला की बोतल में पानी नहीं रखने वाले अभारतीय देश से अभी निकाले नहीं जा रहे हैं ।

सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।

Devendra Gehlod ने कहा…

सच कहें तो यह तो हमारी जुगाड़ है जो हम मध्यम वर्गीय लोगो मे पायी जाती है ।
सुंदर बुलेटिन
जखीरा को शामिल करने हेतु धन्यवाद

yashoda Agrawal ने कहा…

बेहतरीन बुलेटिन.
आभार..
सादर.

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

शुक्रिया भाई।

जयन्ती प्रसाद शर्मा ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति।
रचना शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।

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