प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
प्रणाम |
अगर आप कभी थके-हारे या परेशान हों और आराम करना
चाहते हो और चाहते हैं कि मोबाइल पर भी आपको कोई फोन करके परेशान ना करे तो इसका 100%
कामयाब और अचूक उपाय ये है कि सभी यार दोस्तों को व्हाट्सएप्प पर एक मैेसेज
भेज दो।
"भाई मुझे 50,000/- ₹ की जरूरत है।"
कसम से मित्रों , पूरे दिन एक कॉल भी नहीं आयेगा और तो और जिसको लगाओगे वो भी नहीं उठायेगा।
फिर जब आराम कर लो तो बाद में एक मैेसेज ये वाला भेज दो कि...
"किसी ने 1,00,000/- ₹ का इंतजाम कर दिया है, इसलिए अब तुम परेशान मत होना। अगर कुछ जरूरत हो तो बता देना।"
और फिर देखो कितने फोन आते हैं।
"भाई मुझे 50,000/- ₹ की जरूरत है।"
कसम से मित्रों , पूरे दिन एक कॉल भी नहीं आयेगा और तो और जिसको लगाओगे वो भी नहीं उठायेगा।
फिर जब आराम कर लो तो बाद में एक मैेसेज ये वाला भेज दो कि...
"किसी ने 1,00,000/- ₹ का इंतजाम कर दिया है, इसलिए अब तुम परेशान मत होना। अगर कुछ जरूरत हो तो बता देना।"
और फिर देखो कितने फोन आते हैं।
चाहे तो आज़मा कर देख लें |
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
नया शिक्षा सत्र : सतर्कता एवं सुरक्षा !
'' बैजनाथ मंदिर ''--(काँगड़ा )
मन का मौसम !!!!
हाँ मैं लिखता हूँ...
दो गीत-कच्चे घर में हम और अज़नबी की तरह
देश देख रहा है
रहे बरकत बुजुर्गों से घर की
मैनपुरी: 150 शिक्षकों का रोका वेतन, पांच-पांच नामांकन भी न करा पाए, 14 हेड मास्टर भी चपेट में
हरिजन एक्ट के बहाने मन की भड़ास..
राष्ट्रकवि पर हाली तथा टैगोर का प्रभाव
एक एनआरसी ने बर्र का डंक मार दिया तो देशभर में क्या हाल होगा
जब आप पक्षकार बन जाते हैं तब पत्रकार नहीं रह जाते , कुत्तागिरी कर रहे होते हैं
द्विजा..
फेसबुक में पुस्तक चर्चा -2
रोटियाँ हैं खाने और खिलाने की नहीं हैं कुछ रोटियाँ बस खेलने खिलाने के लिये हैं
सपने
सपनों का संसार अनूठा
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पक - पिंगली वैंकैया
अंग्रेज़ी में कहते हैं
कविता : डरपोक का डर
मोहन की हर अदा निराली
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
10 टिप्पणियाँ:
19, 20, 21 बहुत सारे सूत्रों के साथ पेश आज की खूबसूरत बुलेटिन। आभार शिवम जी 'उलूक' की रोटियों को भी जगह देने के लिये।
सुंदर बुलेटिन, आपकी प्रस्तुति बहुत मजेदार है।
हा हा ! अचूक उपाय सुझाया है आपने..पठनीय सूत्रों से सजा बुलेटिन..आभार !
सच चैन पाने का अचूक उपाय बताया है आपने, कमबख्त पैसा चीज ही ऐसी है .........
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
सुन्दर बुलेटिन सार्थक सूत्र ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शिवम् जी !
आप सब का बहुत बहुत आभार।
@चैन....एक दिन; मुझे तो लगता है कि फिर कभी भी कॉल नहीं आएगा :-)
आभार sir
वाह बहुत ही बढ़िया लिंक संयोजन एवम प्रस्तुति
आप अपने ब्लॉग की डिज़ाइन और स्पीड ऑप्टिमाइज के लिए सम्पर्क कर सकते हे.pushpendrask555@gmail.com
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!