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रविवार, 17 जून 2018

फदर्स डे और हमारे बुजुर्ग - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज जून महीने का तीसरा रविवार है ... हर साल की तरह इस साल भी जून का यह तीसरा रविवार फदर्स डे  के रूप मे मनाया जा रहा है ... पर क्या सिर्फ एक दिन पिता को समर्पित कर क्या हम सब उस के कर्ज़ से मुक्त हो सकते है ... क्या यही है क्या वास्तव मे हमारा संतान धर्म ??? क्या इतना काफी है उस पिता के लिए जिस ने हमें जन्म दिया ... हमें अपने पैरों पर खड़ा होने के काबिल बनाया !!??

एक रिपोर्ट के अनुसार कहने को तो हमारे देश में बुजुर्गो की बड़ी इज्जत है, मगर हकीकत यह है कि वे घर की चारदीवारियों के अंदर भी बेहद असुरक्षित हैं। 23 फीसदी मामलों में उन्हें अपने परिजनों के अत्याचार का शिकार होना पड़ रहा है। आठ फीसदी तो ऐसे हैं, जिन्हें परिवार वालों की पिटाई का रोज शिकार होना पड़ता है।

बुजुर्गो पर अत्याचार के लिहाज से देश के 24 शहरों में तमिलनाडु का मदुरई सबसे ऊपर पाया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश का कानपुर दूसरे नंबर पर है। गैर सरकारी संगठन हेल्प एज इंडिया की ओर से कराए गए इस अध्ययन में 23 फीसदी बुजुर्गो को अत्याचार का शिकार पाया गया। सबसे ज्यादा मामलों में बुजुर्गो को उनकी बहू सताती है। 39 फीसद मामलों में बुजुर्गो ने अपनी बदहाली के लिए बहुओं को जिम्मेदार माना है।

बूढ़े मां-बाप पर अत्याचार के मामले में बेटे भी ज्यादा पीछे नहीं। 38 फीसदी मामलों में उन्हें दोषी पाया गया। मदुरई में 63 फीसदी और कानपुर के 60 फीसदी बुजुर्ग अत्याचार का शिकार हो रहे हैं। अत्याचार का शिकार होने वालों में से 79 फीसदी के मुताबिक, उन्हें लगातार अपमानित किया जाता है। 76 फीसदी को अक्सर बिना बात के गालियां सुनने को मिलती हैं।

69 फीसदी की जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया जाता। यहां तक कि 39 फीसदी बुजुर्ग पिटाई का शिकार होते हैं। अत्याचार का शिकार होने वाले बुजुर्गो में 35 फीसदी ऐसे हैं, जिन्हें लगभग रोजाना परिजनों की पिटाई का शिकार होना पड़ता है। हेल्प एज इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैथ्यू चेरियन कहते हैं कि इसके लिए बचपन से ही बुजुर्गो के प्रति संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है। साथ ही बुजुर्गो को आर्थिक रूप से सबल बनाने के विकल्पों पर भी ध्यान देना होगा।

सादर आपका
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Fathers Day पर पढ़िए अज्ञेय की कविता – चाय पीते हुए

अब्बा, पिता

पिता

भारतीय परिवार और पिता

पिताजी आप अच्छे थे

विरोधियों को टोंटी-तोड़ जवाब !

शहीदी पर्व गुरु अर्जन देव जी महाराज

तुम्हे लड़ना होगा

‘उलूक’ तू दो हजार में उन्नीस जोड़ या इक्कीस घटा तेरी बकवास करने की आदत का सरकार पेटेंट कराने फिर भी नहीं जा रही है

महाबलिदानी महारानी लक्ष्मी बाई की १६० वीं पुण्यतिथि

शामें जब खुबसूरत होती थी

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अब आज्ञा दीजिए ...

जय हिन्द !!!

4 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर फादर्स डे बुलेटिन। आभार शिवम जी 'उलूक' के सूत्र को भी जगह देने के लिये।,

Madhulika Patel ने कहा…

बहुत सुंदर संकलन। फादर्स डे पर सभी को शुभकामनाएं। मेरी रचना को स्थान देने पर तहेदिल से शुक्रिया

संध्या आर्य ने कहा…

शुक्रिया और आभार आपका !

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार।

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