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मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

बड़ी बात




क्यूँ चाहते हो तुम 
कि तुम जो कुछ लिखते हो 
उसकी समीक्षा ही लिखी जाए !
कोई तुम्हें बिना पढ़े न रह पाए 
जीवन के व्यस्तम पलों से वह जब भी लौटे 
तुम तक 
यानि तुम्हारे शब्दों तक चलकर आए 
और सुकून पा ले  ... 
- यह बड़ी बात है। 


2 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति।

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति... आभार

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