जब 2014 में मोदी देश के प्रधानमन्त्री बने थे तब उस समय से लेकर अब तक सरकारी तंत्र के काम काज के तरीकों में बहुत बड़ा बदलाव आया है। हमने एक ही सरकार के मंत्रालयों को न्यायालयों में झगड़ते हुए देखा है और योजनाओं को सरकारी फाइलों की धुल फांकते देखा है। आज मैं आपको मोदी सरकार के एक महत्वकांक्षी ई-गवर्नेंस पोर्टल प्रगति के बारे में बताता हूँ।
प्रगति-प्रोऐक्टिव गवर्नेंस तथा समयबद्ध कार्यान्वयन प्लेटफार्म
प्रगति-(प्रोएक्टिव गवर्नेंस तथा समयबद्ध कार्यान्वयन) इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सतर्क प्रशासन और एक सर्विस लेवल एग्रीमेंट के अनुसार काम करने वाले तौर तरीके को अपनाने की बात कही गयी है। आईटी प्रोडक्शन सपोर्ट में MTTA (Mean time to Assign) और MTTR(Mean time to resolve) नामक दो शब्द प्रचलित हैं। इनका अर्थ है कि कोई भी समस्या कितनी देर में किसी ने सुनी और एकनॉलेज की और कितनी देर में उसका निपटारा हुआ। ठीक ठीक कुछ ऐसा ही मॉडल प्रधानमंत्री कार्यालय में है और अब इस प्रगति के डैशबोर्ड के जरिये अब समस्याओं के निदान की प्रक्रिया में जबरदस्त सुधार हुआ है। आपने एक साल के टारगेट वाले पुल को छः महीने में बनते देखा है, ऐसा इसके पहले किसी सरकार के काल में नहीं हुआ।
यह काम कैसे करता है:
प्रगति बहु-उद्देशीय,मल्टी प्लेटफार्म को जोड़ने वाला ई-गवर्नेंस पोर्टल है, इसका उद्देश्य आम जन की शिकायतों का समाधान करना और साथ-साथ देश के महत्वपूर्ण कार्यक्रम और परियोजनाओं की निगरानी और समीक्षा करना है।
प्रगति प्लेटफॉर्म अनूठे तरीक से तीन नवीनतमअभियांत्रिकी डिजीटल डाटा मैनेजमेंट, वीडिया कॉन्फ़्रेंसिंग तथा भू-आकाशीय तकनीक एक साथ उपयोग में लाता है। यह प्लेटफार्म संघीय ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अनूठे तरीके से काम करते हुए भारत सरकार के सचिवों तथा राज्यों के मुख्य सचिवों को एक स्थान प्रदान करता है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसी विषय पर संबद्ध केंद्रीय तथा राज्य के अधिकारियों से पूरी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। जमीनी स्तर पर स्थिति सही आकलन भी प्राप्त होगा।यह ई-गवर्नेंस तथा सुशासन में अभिनवकारी परियोजना है।
प्रगति प्लेटफॉर्म की विशेषताएंयह तीन स्तरीय (प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्यों के मुख्य सचिव) प्रणाली है। इस योजना से जुड़े हुए नगर, राज्य, सचिवालय, प्रदेश और प्रधानमन्त्री कार्यालय और सभी मंत्रालय सीधे प्रधानमंत्री के समक्ष लोक शिकायत, चालू कार्यक्रम तथा लंबित परियोजनाओं से संबंधित मामले सीधे आ जाते हैं। यह प्रणाली शिकायतों, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप (पीएमजी) तथा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के लिए सीपीजीआरएएमएस डाटाबेस को मजबूती देगी। प्रगति दिवस यानी प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार से सात दिन पहले लाए जाने वाले मामले अपलोड किए जाते हैं।एप्लीकेशन में दर्ज होने के साथ ही केंद्र सरकार के विभिन्न सचिव तथा राज्यों के मुख्य सचिव इन दर्ज मामलों को देख सकते हैं। केंद्र सरकार के प्रत्येक सचिव तथा राज्यों के मुख्य सचिवों के लिए यूजर आईडी तथा पासवर्ड बना कर उपलब्ध करा दिए गए हैं। केंद्र सरकार के सचिव तथा राज्यों मुख्य सचिव अपने विभाग/राज्य से संबंधित विषयों को देख सकते हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न सचिव तथा राज्यों के मुख्य सचिव को-मामला सामने आने के तीन दिन के अंदर यानी अगले सोमवार को मामले पर अपनी राय और ताजा कार्रवाई की जानकारी देनी होती है। एक दिन यानी मंगलवार प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए उपलब्ध है ताकि केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्य सरकारों के सचिवों द्वारा दिये गये डाटा की समीक्षा की जा सके। इसकी डिजाइनिंग इस तरह है कि प्रधानमंत्री द्वारा विषय की समीक्षा करते समय स्क्रीन पर विषय संबंधी सूचना, ताजा अपडेट और संबंधित विजुअल उपलब्ध होते हैं। अब जैसे ही किसी भी मामले का स्टेटस लाल हुआ, पीएमओ के हस्तक्षेप से उसे निपटा लिया जाता है।
यह एक पारदर्शी और साफ़ प्रक्रिया है, इसमें केंद्र से आये हुए पैसे और उसका खर्च भी पीएमओ देख सकता है, वित्तीय अनियमितताओं से निपटने के लिए सभी संभव कंट्रोल हैं इस प्रगति में। आशा है विकास मार्ग की बाधाओं से निपटने में यह सफल होगा....
चलिए अब आज के बुलेटिन की ओर :
8 टिप्पणियाँ:
बढ़िया बुलेटिन हमेशा की तरह । आभारी है 'उलूक' के हॉर्स ट्रेडिंग 'आदमी और आदमी के घोड़े हो जाने का व्यापार' को स्थान देने के लिये ।
आपका लेख काफ़ी जानकारी पूर्ण है. इसके लिए आपका आभार .
बुलेटिन में यात्रानामा शामिल करने के लिए पुनश्च आभार :)
शुक्रिया देव .... अच्छी लिंक्स ...
लेख जानकारी से भरा और सकारात्मक है । मोदी-सरकार के लिये सुयश की कामना।
बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति
आभार!
जानकारीपूर्ण बुलेटिन ... आभार देव बाबू |
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
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