आज है महिला दिवस तो एक एक गुलाब उनके नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर :) ........... काँटे अदृश्य हैं :) खैर - अंतर्राष्ट्रीय दिन है तो कुछ खासियत होनी चाहिए न . लिंक के साथ पढ़िए जो मैं उपहारस्वरूप लायी हूँ ... सिर्फ नारियों के लिए नहीं,पुरुषों के लिए भी . कोई भी दिवस हो - भागीदार तो सब होते हैं न !!!
मेरा मानना है -
महिला आरम्भ से सशक्त थी
अर्धनारीश्वर के रूप में
महादेव-पार्वती ने
आधी आधी शक्तियों का विभाजन किया था
निर्णय,कार्य,अभिव्यक्ति,निर्मा ण - हर क्षेत्र में !
श्रद्धा के बगैर मनु अधूरा
और मनु के बगैर श्रद्धा ....
पर शारीरिक संरचना ने कार्य विभाजन किया
पुरुष कर्ता
और स्त्री अन्नपूर्णा बनी
पर घर के सौन्दर्य में
पुरुष ने उसे शक्तिहीन मान लिया
या यूँ कहें बना दिया
स्त्री के सहयोग से स्त्री को ही नगण्य बना
उसे 'अबला' शब्द से अलंकृत किया !
आरोपों प्रत्यारोपों ने
अग्नि में स्वाहा होने की घटनाओं ने
एक चिरौरे सी गंध ने
पूरी मानसिकता -
सामाजिक व्यवस्था में कोहराम मचा दिया
शिक्षा,बराबरी,आरक्षण .... और एक दिन की सौगात देकर
सबने अपने कर्तव्यों की इति मान ली
गंगा सूख गई
फल्गु उफन गई
जिन्हें एक दिन का अर्घ्य नहीं चाहिए था
वे मुस्कुराकर शून्य में लिखती रहीं
कहती रहीं ...
और जिन्होंने बराबरी के मूलमंत्र पर अंगूठा लगा दिया
उन्होंने हदें तोड़ दीं
!!!
एक बार भी किसी ने नहीं सोचा
कि सम्मान के लिए दिवस का औचित्य नहीं
और ना ही दिवस का अर्थ है बगावत !
महिला दिवस
सही अर्थों में कहा जाये
तो उस वर्ग के लिए है
जो माँ,बहन,पत्नी,बेटी के स्वत्व से अनभिज्ञ होता है
उन महिलाओं के लिए है
जो भय या अजीबोगरीब मानसिकता लिए
कन्या को मार देती हैं
उनके जन्म पर उदास हो जाती हैं
या बहू में सिर्फ खामियां देखती हैं
....
महिला दिवस का अर्थ यह नहीं
कि महिला पुरुषत्व आचरण करे
और ना ही 12 घंटे में
12 महीनों का अन्याय न्याय में बदल सकता है
...........
हाँ इसे एक सालगिरह मान सकते हैं
पर क्या हव्वा का जन्म
या श्रद्धा का जन्म 8 मार्च ही है ?
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...............
खैर खैर खैर .... पढ़ते जाइये
2 hours ago near Delhi, India ·
दुनिया की आधी आबादी को मेरा सलाम......महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें -
एक पुरुष जिसे हमेशा से ही अपने
मान का गर्व और अभिमान रहा करता है,
उस गर्व और उस अभिमान के लिए वो
सदा ही एक 'स्त्री' के प्रति आश्रित रहता है,
जन्म के साथ ही उसका मान
उसकी "माँ" से जुडता है,
आगे चलते हुए "बहन" से
वक़्त बदलता है अब उसका
मान "पत्नी" के हिस्से आता है
और आखिर में उसे उसकी
अपनी 'बेटी' संभालती है,
इनकी एक ज़रा सी 'चूक'
अभिमानी पुरुष की गर्दन
हमेशा के लिए नीची कर देती है
कितना कुछ वहन करती है 'स्त्री'
दो कुलों की लाज का भार
उठाती है अपने नाज़ुक कन्धों पर
कितना कुछ देती है वो पुरुष को
और इसके बदले क्या माँगती है?
सिर्फ सम्मान, प्यार और बराबरी का हक़
क्या हम उसे ये भी नहीं दे सकते ???
20 टिप्पणियाँ:
सम्मान से तुम्हें पुकारें
मिलने की इच्छा रखें
नारी को सम्मान दो
नारी को अधिकार दो
नारी की रक्षा करो
खिलोना मत समझो
सुनता रहा पढता रहा
लोगों को नारे लगाते देखा
पर जितना होना चाहिए
उसका आधा भी नहीं हुआ
इच्छा शक्ति की कमी
पुरुषों के अहम् ने
ऐसा होने ही नहीं दिया
डा .राजेंद्र तेला,निरंतर
wah.. naari shakti ko naman..
कोई भी दिवस हो - भागीदार तो सब होते हैं न !!!
सार्थकता लिये यह दिवस अपनी विशिष्टता का भान कराता हुआ ...
शुक्रिया रश्मि जी .इतना तीव्र रेस्पोंसे ........ तहे दिल से आभार
सभी को महिला दिवस की शुभकामनाये सभी लिंक्स बहुत ही उम्दा हैं .......
सार्थक और सुन्दर संयोजन
वाकई नारी जीवन का आधार हैँ इनके कारण ही हमारा अस्तित्व कायम है
सभी रचनाकारो को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
लिंक्स अच्छे लगे!
नारी को खुद पहले 'नारी' के बारे में सोचने की शुरुआत करनी चाहिए...
~सादर!!!
वाह! बहुत सुन्दर बुलेटिन...नारी शक्ति का अभिनन्दन...
बड़ा ही रोचक संकलन..
बहुत शुक्रिया यहाँ शामिल करने का......सलाम है आपके जज़्बे को ।
bahut acchhe sanklan padhne ko mile. sabne gahrayi me kalam ko poorn roop se dubo diya hai. Kavita Verma ji ki lekhni bahut hi sashakt hai jo aam zindgi ki baato ko itne prabhavi shabdo me dhaal payi.
meri rachna ko yaha samman dene k liye aabhari hun.
sadar
anamika
महिला दिवस की शुभकामनायें | बढ़िया लिंक सूची | बधाई
एक बेहद उम्दा प्रस्तुति रश्मि दीदी ... आज की इस बुलेटिन के माध्यम से आपने 'महिला दिवस' के साथ भरपूर न्याय किया ! जय हो आपकी और सभी नारी शक्ति की !
bahut umda prasyuyi...mahila diwas par gahan gambheer bhav ke sath sundar prastutiya padhane ko mile...
mujhe shamil karne ke liye abhar..
कोई भी दिवस हो - भागीदार तो सब होते हैं न ....
सब भागीदार ना होंगे तो उत्सव कैसे होगा ....
शुभकामनायें !!
bahut badhiya prastuti ....8 march to kewal ik pratik hai ...waise mera to manna hai rashmi jee ki apna din 365 nahi 366 ka hota hai .....bhul chuk leni deni....1 din se kya hoga .....
सुंदर बुलेटिन।
कल तो टाईम ही नहीं मिला..अब कल ही देख पाउंगी .. :-(
सदियों से कुछ सिरफिरे लोगों द्वारा नारी के प्रति जो विभाजक रेखा खींच दी गयी उसी का नतीजा है यह दिवस ..वर्ना दिवस तो सभी के लिए के जैसे होता है ...
बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति ...
सब कुछ पठनीय और चिंतनीय!
बढ़िया किंक्स दी हैं रश्मी जी |आपने इन लिंक्सके साथ भरपूर न्याय किया है महिला दिवस के साथ |
आशा
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