रश्िम रविजा के फेसबुक स्टे्टस अपडेट से
'विकी डोनर' फिल्म में कोई बड़े या जाने-पहचाने स्टार नहीं हैं...महंगे सेट्स और फॉरेन लोकेशन भी नहीं है....पर सिर्फ एक नया विषय...अच्छी कहानी..बढ़िया डायरेक्शन...कलाकारों का सहज अभिनय और कॉमेडी का टच फिल्म को देखने लायक बना देती है. सेकेण्ड हाफ में फिल्म थोड़ी इमोशनल और प्रेडिक्टेबल हो जाती है....फिर भी देखकर निराशा नहीं होगी.
रविश कुमार लिखते हैं
एक ड्राईवर की आत्मकथा-लप्रेक
हिन्दीकुंज लिखते हैं
जीवन : एक अनुभूति / महेंद्र भटनागर
बिखरता जा रहा सब कुछ
सिमटता कुछ नहीं !
खुशदीप सहगल लिखते हैं
बकौल जस्टिस काटजू 90 % भारतीय 'मक्खन'...खुशदीप
स्लॉग ओवर
जस्टिस काटजू की राय वाली इस रिपोर्ट के बारे में जब से मक्खन ने सुना है, उसके पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे. हंस रहा है कि वो खुद को इस देश में अपने जैसा एक ही नमूना समझता था. लेकिन यहां तो..
कुलवंत हैप्पी लिखते हैं
महिलाओं को चाहिए तराशे हुए वक्ष, मर्दों को चुस्त की चाहत
विद्या बालन की 'द डर्टी पिक्चर'
रुपहले पर्दे का असली द एंग्री यंग मैन
दिलीप लिखते हैं
दिल की कलम से...
तो क्या बुरा होगा...
मैं रोऊँ तो खुदा हँसता रहे, तो क्या बुरा होगा...
ये कारोबार यूँ चलता रहे, तो क्या बुरा होगा...
मनीष जी लिखते हैं
मूली रे मूली तू हुई क्यूं इतनी रंगीली
पूजा उपध्याय लिखती हैं
घर फूंके आपना...
उन्मुक्त लिखते हैं
ब्रह्मा की आंख - शापित?
भगत भोपाल लिखते हैं
बड़े काम का गूगल डॉक्स
डॉ॰ मोनिका शर्मा लिखती हैं
घर छोड़कर जाता छोटू
ओके जी अब चलते है ... लौट के मिलते है !!
'विकी डोनर' फिल्म में कोई बड़े या जाने-पहचाने स्टार नहीं हैं...महंगे सेट्स और फॉरेन लोकेशन भी नहीं है....पर सिर्फ एक नया विषय...अच्छी कहानी..बढ़िया डायरेक्शन...कलाकारों का सहज अभिनय और कॉमेडी का टच फिल्म को देखने लायक बना देती है. सेकेण्ड हाफ में फिल्म थोड़ी इमोशनल और प्रेडिक्टेबल हो जाती है....फिर भी देखकर निराशा नहीं होगी.
रविश कुमार लिखते हैं
एक ड्राईवर की आत्मकथा-लप्रेक
हिन्दीकुंज लिखते हैं
जीवन : एक अनुभूति / महेंद्र भटनागर
बिखरता जा रहा सब कुछ
सिमटता कुछ नहीं !
खुशदीप सहगल लिखते हैं
बकौल जस्टिस काटजू 90 % भारतीय 'मक्खन'...खुशदीप
स्लॉग ओवर
जस्टिस काटजू की राय वाली इस रिपोर्ट के बारे में जब से मक्खन ने सुना है, उसके पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे. हंस रहा है कि वो खुद को इस देश में अपने जैसा एक ही नमूना समझता था. लेकिन यहां तो..
कुलवंत हैप्पी लिखते हैं
महिलाओं को चाहिए तराशे हुए वक्ष, मर्दों को चुस्त की चाहत
विद्या बालन की 'द डर्टी पिक्चर'
रुपहले पर्दे का असली द एंग्री यंग मैन
दिलीप लिखते हैं
दिल की कलम से...
तो क्या बुरा होगा...
मैं रोऊँ तो खुदा हँसता रहे, तो क्या बुरा होगा...
ये कारोबार यूँ चलता रहे, तो क्या बुरा होगा...
मनीष जी लिखते हैं
मूली रे मूली तू हुई क्यूं इतनी रंगीली
पूजा उपध्याय लिखती हैं
घर फूंके आपना...
उन्मुक्त लिखते हैं
ब्रह्मा की आंख - शापित?
भगत भोपाल लिखते हैं
बड़े काम का गूगल डॉक्स
डॉ॰ मोनिका शर्मा लिखती हैं
घर छोड़कर जाता छोटू
ओके जी अब चलते है ... लौट के मिलते है !!
13 टिप्पणियाँ:
bahut achche pathaniy linkon ka samavesh kiya hai ..
सुन्दर लिंक चयन्।
बुलेटिन में लिंक बड़े चुनिदे हैं।
प्रभावी लिंक्स ,..
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....
अच्छे लिंक्स.....
बढ़िया बुलेटिन..........
शुक्रिया.............................
अनु
बढ़िया आभार
बढ़िया लिंक्स, अच्छे लगे !!!
बहुत खूब कुलवंत भाई ... बेहद उम्दा लिंक्स से सजाई है आपने आज की ब्लॉग बुलेटिन !
सारे के सारे पठनीय सूत्र..
बढ़िया लिंक्स, अच्छे लगे !!!
ओह! मैं तो 'विकी डोनर' पढ़ कर ये देखने चली आई की किसी ने शायद कोई पोस्ट लिखी है:)
पर यहाँ तो मेरे FB स्टेटस का ही जिक्र है...शुक्रिया.
काफी अच्छे लिंक्स भी मिले...
बड़ा व्यवस्थित ब्लॉग. एक बार में सीमित ब्लॉग परिचय ताकि लोग कम समय में सभी ब्लॉग पढ़ सकें. मेरा ब्लॉग शामिल करने के लिए धन्यवाद.
Abhar Shamil karne ka....Badhiya Links Chune
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