नमस्कार मित्रों! मैं मनोज कुमार आज की इमर्जेंसी बुलेटिन ले कर हाज़िर हूं।
२. रविकर जी कविता में ही टिप्पणी करते हैं, और टिप्पणी से बन जाती है पोस्ट, पढ़िए - मुखड़े पर मुस्कान, जनाजा निकले धांसू –
फिर मिलेंगे। नमस्कार!
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
10 टिप्पणियाँ:
ओह हो आज तो इमरजेंसी के बहाने ट्रीट हो गई ...जमाना हो गया मनोज जी की चर्चा पढ़े.उनका वो फ्लेवर न सही पर ये भी बढ़िया है.
इमरजेंसी बुलेटिन लाज़वाब रही पढने की नीयत है सभी लिंक बिला शक रात के बारह बज रहें हैं तारीख बदलने को है अरे भाई ये बदलाव ही तो शाश्वत है केलेंडर की तरह एक दिन हमारा चोला भी बदल जाएगा -
दीवार पर टंगा हूँ पुराने केलेंडर की मानिंद ,नै तारीखें बतलाने में असमर्थ .ज्ञान वर्धक ब्लॉग बुलेटिन .
मनोज जी,..इमरजेंसी ब्लॉग बुलेटिन के सभी लिंक्स अच्छे लगे,
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...:गजल...
आभार,
आपातकाल।
मस्त देखभाल ।।
बधाई -
हो बुलेटिन हरहाल ।।
इमरजेंसी बुलेटिन लाज़वाब रही ... बहुत बहुत आभार मनोज दादा !
बड़े सुकून से बैठकर पढ़ने वाला बुलेटिन।
इमरजेंसी में इतने ख़ास लिंक्स... ICU में सही देखरेख
रविवार को ओपीडी बंद होता है इसलिए इमरजेंसी बुलेटिन ही होनी थी.. दवा तो आपने ठीक-ठाक लिख दी है.. आहिस्ता आहिस्ता डोज़ लेते हैं..!!
वाह.................
"जुदाई" का सेहरा हमारे सर............
प्रसन्न हूँ!!
:-)
आभार मनोज जी
अनु
पाठकों की प्रतिक्रिया में जो आत्मीयता है, वह उत्साहित करती है कि ... !
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