प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
अकसर ऐसा होता है कि कोई मित्र किताब ले जाता है और देना भूल जाता है या फिर कई बार हम आप स्वयं किसी को कोई चीज देकर भूल जाते हैं और देर-सवेर उसकी याद आती है ... लेकिन अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
अब आप डब्ल्यूडब्ल्यू.रिटर्नमाईपैंट्स.कॉम पर उधार दी गई या ली गई चीजों की लिस्ट बनाकर रख सकते हैं।
अब आप डब्ल्यूडब्ल्यू.रिटर्नमाईपैंट्स.कॉम पर उधार दी गई या ली गई चीजों की लिस्ट बनाकर रख सकते हैं।
साइट पर लॉग-इन करने के बाद आपको उधार ली या दी गई चीज का नाम लिखना है, वापस लेने या देने की तारीख लिखनी है और उस फ्रेंड का ईमेल आईडी लिखना है, जिसे आपने चीज उधार ली या दी है। साइट निश्चित तारीख पर आपको और आपके फ्रेंड को ईमेल भेज देगी। अगर आपका फ्रेंड भी इस साइट पर सदस्य है तो और बेहतर है, क्योंकि तब आप काफी सारी चीजों की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी कर पाएंगे।
तो फिर आप अब जल्दी से शुरू हो जाइये लिस्ट बनाने में अपनी उधार दी और ली हुयी चीजों की तब तक मैं भी आप सब की पोस्टें उधार ले कर एक बुलेटिन के रूप में उनको लौटने की तैयारी में लग जाता हूँ !
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
----------------------------------------------------------------------------
posted by रवीन्द्र प्रभात at परिकल्पना*हिंदी के कुछ ऐसे ब्लॉग्स जिसने बदल दिए ब्लॉगिंग के मायने। परंपरागत मीडिया के द्वारा जो नहीं किया जा सका उसे किये हैं ये साकार ....चाहे साहित्य-संस्कृति की गतिविधियाँ हो या समाचार ....!* ब्लॉगिंग को बुद्ध...
posted by Pushpendra Singh "Pushp" at PSINGH "PUSHP"देश के जाने माने प्रकख्यात प्रशासक एवं शायर जनाब पवन कुमार (आई.ए.एस.)की पुस्तक "बावस्ता" का विमोचन दिल्ली के अंतर राष्ट्रीय पुस्तक मेले मे हुआ | पुस्तक इतनी आकर्षक और मधुर बन पड़ी है कि देखते ही बनता है |125...
posted by Shah Nawaz at प्रेमरस.कॉम*15 मार्च*, अर्थात अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार आज मेरा जन्मदिवस है, हालाँकि भारतीय कैलेंडर के अनुसार तो मेरा जन्मदिवस 'चैत्र मास' की पहली तिथि अर्थात रंगों की होली के दिन था... आज सुबह से मूड बहुत अच्छ...
posted by Maheshwari kaneri at अभिव्यंजना*सपने * सोई सोई इन आँखों में …. अकसर सपने जगा करते है ये सपने मेरे अपने हैं.. क्यों कि.. जीवन के हर लम्हें ,इन में बसा करते हैं कभी खुशियों का सौगात बन कर कभी उम्मीदों की बगिया बनकर फूल अकसर यहाँ खिला ...
posted by Devendra Gehlod at Mirza Ghalibग़ालिब के किस्सों की यह चौथी खेप आप सभी के लिए, उम्मीद है आपको पसंद आएगी: ★ जाड़े का मौसम था । तोते का पिंजरा सामने रखा था । सर्द हवा चल रही थी । तोता सर्दी के कारण परों में मुँह छिपाए बैठा था । मिर्ज़ा ने द...
posted by गिरिजेश राव, Girijesh Rao at खस्ता शेर - खुदा खैरमुद्दत के बाद की मेहरबानी, जब इश्क़ पर भरोसा ही न बचा दौड़ा दिये खच्चरों को रेस में, बोझ ढोने को यह गधा ही बचा सजग रहना न होना मशरूफ, अब चलेगी दुलत्ती और जोर से देर से सही अक्ल गई है खुल, भाँपने को क...
posted by जयदीप शेखर at कभी कभारहोली मनानेअपने गाँव बरहरवा गया था।'सम्मत' (होलिका-दहन) से एक रोज पहले मैं घर पहुँचा। दोस्तों से मिला। जयचाँद नेकहा- चाँदनी रात है, कहीं चलेंगे; भाभीजी से कह दीजिये, रात करीब नौ बजे लौटेंगे।(दरअसल, जय...
posted by dheerendra at काव्यान्जलि ...तब मधुशाला हम जाते है,... जब गम के बादल छाते है, तब मधुशाला हम जाते है, जब गम का कोई इलाज नही, तब थोड़ी सी पी जाते है! रुक,रुक, थम,थम, सब कहते है,पी इसे भूल गम जाते है, जब गम के बादल छाते है,तब मधुशाला हम ज...
posted by शिवम् मिश्रा at पोलिटिकल जोक्स - Political Jokes"अब आप समझे मैं मौन क्यूँ रहता हूँ ... " - एमएमएस
posted by ashish at युग दृष्टिकल गोधुलि में, किसी ने मेरे ,अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाया क्षण भर को वितृष्णा जाग उठी , अकिंचन मन भी अकुलाया दुर्भेद्य अँधेरे में भी, मन दर्पण , प्रतिबिंबित करता मेरी छाया लाख जतन कोटि परिश्रम , पर अस्तित...
posted by rashmi ravija at अपनी, उनकी, सबकी बातेंतंगम,अनीता,मैं और राजी 'मैराथन' शब्द से परिचय ओलम्पिक का टेलीकास्ट देखते हुए हुआ था. देखती, छोटे-छोटे कदमो से लोग लम्बी दूरी तय करते हैं...बस इतना ही पता था 'मैराथन' के विषय में. फिर परिचय हुआ दुबई में ...
----------------------------------------------------------------------------
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
14 टिप्पणियाँ:
बहुत बढ़िया लिंक्स.
ब्लांग बुलेटिन में सभी लिंक्स बहुत सुन्दर और लाजवाब हैं...मेरी रचना को मान देने के लिए आभार शिवम जी...
कॉलेज के ज़माने में दिल गुम हुआ था.. देकर भूल गया था... आज भी उस दिल को खोजता हूँ.. किसी ऐसी वेबसाईट का पता चले तो खबर कीजियेगा!!
सुन्दर चर्चा . मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार .
बहुत सही चीज़ मिली आज तो.... सुपर बुलेटिन भाई....
प्रभावशाली बुलेटिन।
आज बुलेटिन के सभी शुत्र बहुत बेहतरीन लगे,शिवम जी बधाई,...
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत२ आभार.....
MY RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
waah bahut badhiyaa.
wah shivam ji jordar buletin
bvadhai.....
wah shivam ji jordar buletin
bvadhai.....
उधार माल पसंद आया :-)
कलेवर बहुत अच्छा लगा शिवम् , बधाई !
बढ़िया बुलेटिन!
सुन्दर चर्चा
आप सब का बहुत बहुत आभार !
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!