tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post7355311385054505852..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: विवादित पर जानदार चित्रकार - मक़बूल फ़िदा हुसैनब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-51278970915135466142016-09-18T18:07:18.913+05:302016-09-18T18:07:18.913+05:30आप सब का बहुत बहुत आभार |आप सब का बहुत बहुत आभार |शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-73390384312872709672016-09-18T11:53:48.772+05:302016-09-18T11:53:48.772+05:30बेशक़ वे अच्छे चित्रकार थे लेकिन विवाद उनकी छवि के ...बेशक़ वे अच्छे चित्रकार थे लेकिन विवाद उनकी छवि के साथ यह हमेशा जुड़ा रहेगा. बहुत अच्छी बुलेटिंग। पठनीय लिंक्स। आभार मेरी रचना शामिल करने के लिए।Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-66054012922607668622016-09-18T11:53:15.564+05:302016-09-18T11:53:15.564+05:30बेशक़ वे अच्छे चित्रकार थे लेकिन विवाद उनकी छवि के ...बेशक़ वे अच्छे चित्रकार थे लेकिन विवाद उनकी छवि के साथ यह हमेशा जुड़ा रहेगा. बहुत अच्छी बुलेटिंग। पठनीय लिंक्स। आभार मेरी रचना शामिल करने के लिए।Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-24094557628760055872016-09-18T08:12:05.435+05:302016-09-18T08:12:05.435+05:30आभार ,शिवम जी।आभार ,शिवम जी।पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-66418608744325964482016-09-18T08:11:48.341+05:302016-09-18T08:11:48.341+05:30आभार ,शिवम जी।आभार ,शिवम जी।पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-43586716812773590432016-09-17T21:54:35.681+05:302016-09-17T21:54:35.681+05:30एम. ऍफ़ हुसैन की छोटी सी यद् है मेरे पास भी. शायद व...एम. ऍफ़ हुसैन की छोटी सी यद् है मेरे पास भी. शायद वो १९८१-८२ का साल होगा. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बड़े भाई एम्. ऍफ़ ए. के छात्र थे और मैं कामर्स का. किसी समारोह के सिलसिले में वे बी.एच यू. आये थे. उन्होंने भाई साहब की पेंटिंग से खुश होकर उनको अपनी कई पेंटिंग्स यूं ही गिफ्ट में दे दी थी. भाई साहब कई दिनों तक उन पेंटिंग्स को लेकर नाचते-कूदते रहते थे. बहुत खुश थे. वे वास्तव में एक कलाकार थे. दूसरे का उत्साह बढ़ाना जानते थे. कलाकारों से बहुत बहुत प्रेम से मिलते थे. एक पहुंचा हुआ कलाकार दूसरी दुनियाँ का प्राणी होता है. जिसे मजहब और देश की सीमाओं में बंधकर नहीं रख सकते. वह वही उकेरता है जो उस वक्त अस्तित्व उसे प्रेरित करता है. इसे हम सीमाओं में बंधे लोग नहीं समझ सकते. देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-39496440078707760552016-09-17T20:26:03.954+05:302016-09-17T20:26:03.954+05:30साहित्यिक ग्रंथों के अग्रणी प्रकाशक "वाणी प्र...साहित्यिक ग्रंथों के अग्रणी प्रकाशक "वाणी प्रकाशन" का लोगो इन्हीं का बनाया हुआ है और दिल्ली हवाई अड्डे पर इनकी कला का फैलाव, इनके विस्तार का नमूना है. देवी देवताओं की पेंटिंग के विषय में कुछ नहीं कहूँगा, मेरा विषय नहीं है, लेकिन इनके बनाए घोड़े उनकी कला की उड़ान का प्रतिनिधित्व करते हैं.. <br />वे हमेशा नंगे पैर सफर करते थे, अब इसे क्या कहा जाए!! आपने इस बुलेटिन के माध्यम से उन्हें याद किया, अच्छा लगा. चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-1223252018002415572016-09-17T19:32:37.718+05:302016-09-17T19:32:37.718+05:30बहुत बढ़िया शनिवारीय बुलेटिन प्रस्तुति शिवम जी । बहुत बढ़िया शनिवारीय बुलेटिन प्रस्तुति शिवम जी । सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-69636418569445677272016-09-17T19:22:45.847+05:302016-09-17T19:22:45.847+05:30सच कहा आपने इनकी प्रतिभा को लेकर कहीं शक और शुबहे ...सच कहा आपने इनकी प्रतिभा को लेकर कहीं शक और शुबहे की कोइ गुंजाईश नहीं है अलबत्ता विवादों में रहना भी इनके नियति बन कर रह गयी थी | बढ़िया सम्पादकीय लिखे हैं जी | लिंक सबके साथ बुलेटिन शानदार बना है ..लौट रहे हैं हम जल्दी ही घर में वापस ...अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.com