tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post5685901925865718602..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: भावों की अभिव्यक्ति कविता कहलाती है .... - ब्लॉग बुलेटिनब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-15244931074816118062012-02-16T11:23:25.581+05:302012-02-16T11:23:25.581+05:30रचना को हम ब्लॉगिंग के शुरूआती जमाने से पढ़ते आ रह...रचना को हम ब्लॉगिंग के शुरूआती जमाने से पढ़ते आ रहे है। रचना के लेखन वो चाहे कविता हो या लेख सभी मे उनके व्यक्तित्व की झलक मिलती है । ऐसा इस लिए कह रहे है क्यूंकि हम उनसे मिल चुके है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-61437804550052328062012-02-05T20:30:15.514+05:302012-02-05T20:30:15.514+05:30सुंदर चर्चा।सुंदर चर्चा।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-67081688730404593722012-02-04T14:52:01.876+05:302012-02-04T14:52:01.876+05:30रचना जी की कविताएँ...आलेख..टिप्पणियाँ पढ़ती आई हूँ...रचना जी की कविताएँ...आलेख..टिप्पणियाँ पढ़ती आई हूँ...<br />लेखन के हर विधा पर उनकी अच्छी पकड़ हैrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-35318814343114576132012-02-04T10:33:26.858+05:302012-02-04T10:33:26.858+05:30मुझे भी रचना जी के कविताएँ लिखने की बात काफी बाद म...मुझे भी रचना जी के कविताएँ लिखने की बात काफी बाद में पता चली थी इससे पहले मैं भी उनके महिला संबंधी लेखन से ही परीचित था.पहली बार उनकी कविताएँ पढकर आश्चर्य भी हुआ कि उनकी तेज तर्रार लेखनी ऐसी कोमल भावनाओं को भी खूबसूरती से व्यक्त कर सकती हैं.<br /><br />प्रतुल जी ने 'आदरणीय' और 'जी' वाली बात बिल्कुल सही कही हैं.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-82879063680268134582012-02-03T17:20:16.537+05:302012-02-03T17:20:16.537+05:30सात-आठ शब्दों वाली उनकी कविता को पढ़कर अक्सर लगता ...सात-आठ शब्दों वाली उनकी कविता को पढ़कर अक्सर लगता था कि यह कोई कविता नहीं है। बस,कविता में भी हाथ आजमाने की कोशिश भर है। मगर उनकी अपेक्षाकृत लम्बी कविताएं उनके व्यक्तित्व और साहित्यिक समझ को बयां करती हैं।<br />रचना जी को समझने के लिए,मैं उनकी विविध विषयक पोस्टों अथवा विभिन्न पोस्टों पर उनकी टिप्पणियों की बजाए,मैं उनकी कविताएं पढ़ना चाहूंगा जहां न तो मौसम पर बेकार के शब्दजाल से लोगों को भुलावा देने की कोशिश है,न ही पुरुष समाज के प्रति कोई भड़ास। ये कविताएं वास्तविक दुनिया से हमारा परिचय कराती हैं और आत्ममंथन के लिए प्रेरित नहीं,विवश करती है। प्रतीकों और बिम्बों का मकड़जाल भी यहां नहीं है जिनके लिए शब्दकोष का सहारा लेना पड़े। ये सीधे-सीधे हमारे जीवन के सरोकार से जुड़ी कविताएं हैं जिनकी उपेक्षा वास्तविकता से मुंह मोड़ने जैसा है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-68665595946290953832012-02-03T10:26:02.270+05:302012-02-03T10:26:02.270+05:30अपनी ब्लोगिंग के शुरुआती दिनों(2007)में रचना जी की...अपनी ब्लोगिंग के शुरुआती दिनों(2007)में रचना जी की कुछ कविताएँ पढ़ने का मौका मिला था...फिर ना जाने उनका कविताओं वाला ब्लॉग नज़रों से कैसे ओझल हो गया और तीखे एवं धारदार विचारों की बदौलत उनका 'नारी' ब्लॉग दिल औ दिमाग पर छा गया| आज पुन: इस ब्लॉग के माध्यम से उनके कविता पक्ष से रूबरू होने का मौक़ा मिला तो पुरानी यादें ताज़ा हो गयी|राजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-60015871969259268532012-02-03T10:00:51.415+05:302012-02-03T10:00:51.415+05:30बहुत अच्छा लगा रचना जी के बारे में यह पोस्ट देखकर!...बहुत अच्छा लगा रचना जी के बारे में यह पोस्ट देखकर!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-89744500464293051312012-02-03T09:01:22.686+05:302012-02-03T09:01:22.686+05:30rachna, jisane khud ko siddh kiya hai. main use ja...rachna, jisane khud ko siddh kiya hai. main use janati hoon agar vah sachchai par adi hai to phir use koi diga nahin sakata hai. apane aapko sthapit karne ka naam hai rachna. bahut sashakt lekhani kee malik hai, jo ek disha deta hai aur sambal bhi.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-67982210879563290272012-01-31T18:05:27.287+05:302012-01-31T18:05:27.287+05:30शब्दों में दूसरो को
अपने को अगर खोज लो
दूसरो को जी...शब्दों में दूसरो को<br />अपने को अगर खोज लो<br />दूसरो को जीवन कुछ<br />आसाँ हो जाये.<br />@ ... इसे कुछ यूँ होना चाहिए.<br />"शब्दों में दूसरो के <br />अपने को अगर खोज लो<br />दूसरो का जीवन कुछ<br />आसाँ हो जाये"<br />________________<br />स्थूल मूल्यांकन : <br />रचना की भाषा<br />रचना के विचार <br />रचना की प्रतिक्रिया<br />रचना की तकरार .... कभी अपना संतुलन नहीं खोते.<br />मुझे लगता है संतुलन वही खोते हैं<br />जिनके ओर-छोर पर वजनदार <br />'आदरणीय' और 'जी' बैठे होते हैं.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-24319075879420874242012-01-31T12:16:48.142+05:302012-01-31T12:16:48.142+05:30बेहतरीन परिचय एवं बेमिसाल रचनाएं ! रचना जी के धारद...बेहतरीन परिचय एवं बेमिसाल रचनाएं ! रचना जी के धारदार व्यक्तित्व से ब्लॉगजगत में कौन परिचित नहीं है ! बहुत अच्छा लगा उनकी संवेदनशील रचनाओं को पढ़ कर ! आभार आपका !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-83938277824629070772012-01-30T23:19:38.642+05:302012-01-30T23:19:38.642+05:30रचना जी ब्लॉगजगत में औरतों के विरुद्ध अपमानजनक बात...रचना जी ब्लॉगजगत में औरतों के विरुद्ध अपमानजनक बातों का विरोध करने के लिए जानी जाती हैं, लेकिन उनका एक भावुक रूप भी है, जो उनकी कविताओं में दीखता है. मैं उनकी कविताओं को अक्सर पढ़ती रही हूँ. उनके बारे में इतना सब यहाँ साझा करने के लिए धन्यवाद !muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-24370771887257113052012-01-30T23:06:02.964+05:302012-01-30T23:06:02.964+05:30बहुत खूब । रचना जी की जीवटता को सलाम । बहुत बार उ...बहुत खूब । रचना जी की जीवटता को सलाम । बहुत बार उनसे वैचारिक मतभेद रहा है , और खूब विचार विमर्श और बहस भी । एक कमाल की ब्लॉगर और अपने मुद्दे को पकड कर उस पर दृढ रहने वाली मित्र हैं वे । ब्लॉगिंग में और जीवन में भी उन्हें असीम शुभकामनाएंअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-74057081376427486082012-01-30T21:45:10.776+05:302012-01-30T21:45:10.776+05:30मन पर पड़ी लकीरें हों
या सेलेट पर पड़ी खुंरसटे हों
ध...मन पर पड़ी लकीरें हों<br />या सेलेट पर पड़ी खुंरसटे हों<br />धोने या पोछने से<br />नहीं हट्ती नहीं मिटती<br />पूरानी पड़ गयी स्लेट को<br />बदलना पड़ता है<br />विवश मन को<br />भुलाना होता है "... <br />बहुत गहरी सोचवाली कवियत्री से मिलना , आपके प्रस्तुति के बदौलत समभ्व हो सका.... ! अभी जानना तो , बहुत कुछ बाकि है.... !!विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-56190783158685682202012-01-30T20:22:57.026+05:302012-01-30T20:22:57.026+05:30कभी कभी ज़िन्दगी में
ऐसा समय आता है
हर प्रश्न बेमान...कभी कभी ज़िन्दगी में<br />ऐसा समय आता है<br />हर प्रश्न बेमानी हो जाता है .bilkul shi.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-52555482925482036912012-01-30T20:17:33.883+05:302012-01-30T20:17:33.883+05:30पहली बार कितना कुछ जाना..पहली बार कितना कुछ जाना..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-66282929421607573442012-01-30T19:18:06.357+05:302012-01-30T19:18:06.357+05:30रचना जी के बारे में इतना कुछ जानकार अच्छा लगा... ब...रचना जी के बारे में इतना कुछ जानकार अच्छा लगा... बहुत-बहुत धन्यवाद रश्मि जी.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-79183067802305393052012-01-30T18:31:24.207+05:302012-01-30T18:31:24.207+05:30खोज लो मेरे शब्दों मे अपने को
जीवन के इस नाट्य म...खोज लो मेरे शब्दों मे अपने को<br /><br /><br />जीवन के इस नाट्य मंच<br />असंख्य किरदार में बटा हैं जीवन<br />कहता हैं क़ोई तुम ये हो<br />कहता हैं क़ोई तुम वो हो<br />यहाँ तक भी कहने वाले कहते हैं<br />जैसी दिखती हो वैसी तो नहीं हो<br />क्यूँ समझने की चाहत रखता हैं<br />हर क़ोई दूसरो को<br />शब्दों में दूसरो को<br />अपने को अगर खोज लो<br />दूसरो को जीवन कुछ<br />आसाँ हो जाये<br />रखिये अभी कहीं से क़ोई आयेगा<br />और एक टिपण्णी फिर दे जाएगा<br />यहाँ सब अपने ही तो हैं<br />अपनों से कैसा दुराव छिपाव<br />ख़ैर<br />अगर खोज सको मेरे शब्दों मे अपने को<br />तो शब्द मेरे सार्थक हैं<br />कविता कभी मैने लिखी नहीं<br />लिखनी आती भी नहीं<br />बस शब्द हैं और उन शब्दों मे<br />मै नहीं आप हैं <br /><br />http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2012/01/blog-post_30.htmlरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-64726541758714070642012-01-30T17:59:33.735+05:302012-01-30T17:59:33.735+05:30रचना जी से मिलकर अच्छा लगा...रचना जी से मिलकर अच्छा लगा...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-17314998634982568122012-01-30T17:50:39.033+05:302012-01-30T17:50:39.033+05:30पढ़ा है कई जगह और कई बार, ये ब्लॉग भी ..पर नियमित क...पढ़ा है कई जगह और कई बार, ये ब्लॉग भी ..पर नियमित कभी नही...अच्छा लगा आज फ़िर मिलना रचना जी से ..Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-91936737512473236722012-01-30T17:14:38.195+05:302012-01-30T17:14:38.195+05:30रचना जी की कविताएं भी बहुत ही सुन्दर है। उनकी प्रख...रचना जी की कविताएं भी बहुत ही सुन्दर है। उनकी प्रखर प्रतिक्रियाओं से तो वाकिफ है, पर आपकी इस प्रस्तुति से कईं नए आयाम भी जानने को मिले!!<br />रश्मि जी इस ब्लॉग-बुले्टीन प्रस्तुति का आभार!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-38366742817844767222012-01-30T15:50:39.127+05:302012-01-30T15:50:39.127+05:30रचना जी की कविताओं से रूबरू कराने का बेहद शुक्रिया...रचना जी की कविताओं से रूबरू कराने का बेहद शुक्रिया.उनके तेज तर्रार लेख ही पढ़े थे.एहसासों से लवरेज कवितायेँ पहली बार पढ़ीं.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-492953674577873192012-01-30T15:42:42.017+05:302012-01-30T15:42:42.017+05:30रचना जी की कविताएँ पहली बार पढ़ीं.एहसासों को बेहतर...रचना जी की कविताएँ पहली बार पढ़ीं.एहसासों को बेहतरीन ढंग से कलम बढ किया है.आभार आपका.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-5655306901649454102012-01-30T14:28:19.692+05:302012-01-30T14:28:19.692+05:30सुन्दर ब्लॉग का सम्मान करने के लिए हार्दीक धन्यवाद...सुन्दर ब्लॉग का सम्मान करने के लिए हार्दीक धन्यवाद। इसी सकारात्मक भाव से आगे बढ़ते रहें है...शुभकामनाऐं...Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-7637339463047845202012-01-30T13:43:39.730+05:302012-01-30T13:43:39.730+05:30एहसासों के इस कमरे तक की यात्रा के लिए आपकी कलम ने...एहसासों के इस कमरे तक की यात्रा के लिए आपकी कलम ने खूब प्रेरित किया है!<br />सुन्दर परिचय!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-38761882027817343222012-01-30T13:22:14.052+05:302012-01-30T13:22:14.052+05:30" काश ज़िन्दगी भी एक स्लेट होती
जब चाह्ती लिखा..." काश ज़िन्दगी भी एक स्लेट होती<br />जब चाह्ती लिखा हुआ पोछ्ती<br />और नया लिख लेती<br />..... kashh!!<br />ham jo sochte samajhte .. bina likhe hi log usko dekh pate, anubhav kar pate..:)<br />Rachna jee ke liye itna sab padh kar khushi hui...<br />abhar!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.com