tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post5185730229446975082..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: 2016 अवलोकन माह नए वर्ष के स्वागत में - 43 : डेढ़ हज़ार पचासवीं ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-58072321168045063812016-12-31T18:39:37.258+05:302016-12-31T18:39:37.258+05:30कुछ भी कहने के लिए मेरे पास शब्द नही है , निःशब्द ...कुछ भी कहने के लिए मेरे पास शब्द नही है , निःशब्द हूँ , प्रणाम करती हूँ। priyadarshinihttps://www.blogger.com/profile/09926652534587817667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-2333348251246599402016-12-28T23:01:30.072+05:302016-12-28T23:01:30.072+05:30बाबू मोशाय!! रश्मि दी की रचना क्या सचमुच आत्मकथा ह...बाबू मोशाय!! रश्मि दी की रचना क्या सचमुच आत्मकथा है...उन सबकी जो लिखना चाहते हैं लेकिन सिमटता ही नहीं सबकुछ कलम में...<br /><br />और आपके उस पत्थर के बचे खुचे हिस्से को ढूंढने की कोशिश कर रही हूँ...क्या पता वो भी तराश दिए गए हों आपके हाथों....शुभकामनाएँ आप दोनों को !!!अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-49291238799310587182016-12-28T18:42:32.068+05:302016-12-28T18:42:32.068+05:30एक पूरा चलचित्र... आत्मकथा के विराट समुद्र में से ...एक पूरा चलचित्र... आत्मकथा के विराट समुद्र में से कुछ मोती वाली सीपें ! अयं पुरुषः लोक सम्मितः .....लोक तो ब्रह्माण्ड है । ब्रह्माण्ड की आत्मकथा लिख पाना सम्भव है क्या ! किंतु उसी ब्रह्माण्ड में... रात के गहन अंधियारे में दिख जाते हैं कुछ चमकते हुये सूर्य । रोशनी के लिए और क्या चाहिए ! बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-66141345881189680362016-12-28T14:30:00.039+05:302016-12-28T14:30:00.039+05:30आदरणीय प्रतिभा जी , आपकी बात सुनने के लिये प्रतीक्...आदरणीय प्रतिभा जी , आपकी बात सुनने के लिये प्रतीक्षित हूँ रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-80962457748856561552016-12-28T12:29:37.726+05:302016-12-28T12:29:37.726+05:30रश्मि दी के बारे में जिंतना लिखा जाय कम होगा। आपन...रश्मि दी के बारे में जिंतना लिखा जाय कम होगा। आपने बहुत ही सुन्दर भूमिका के साथ अपने अनूठे अंदाज में दी को समर्पित बुलेटिन प्रस्तुत किया है, इसके लिए आभार!<br />बुलेटिन परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के महारथी हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। ब्लॉग बुलेटिन यूँ ही निरंतर अग्रसर रहे यही शुभकामनाएं हैं कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-37947577534768374352016-12-28T10:07:00.798+05:302016-12-28T10:07:00.798+05:30भावाविष्ट हो उठी !सलिल की भूमिका फिर रश्मि की यात्...भावाविष्ट हो उठी !सलिल की भूमिका फिर रश्मि की यात्रा-कथा समझने की कोशिश कर रही हूँ.अभी तो एक बार पढ़ी है .....प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-13762021722711599512016-12-28T09:48:26.978+05:302016-12-28T09:48:26.978+05:30रश्मि दी वास्तव में परिचय की मोहताज नहीं हैं फिर भ...रश्मि दी वास्तव में परिचय की मोहताज नहीं हैं फिर भी आपके शब्दों ने उनके दों व्यक्तित्त्व को और भी गरिमा और विस्तार दिया है .रश्मि दी को नमन और आपकी लेखनी को भी .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-33533988234637585142016-12-27T22:26:06.606+05:302016-12-27T22:26:06.606+05:30सलिल सर ने 1550वीं बुलेटिन में रश्मि मैम का सूत्रध...सलिल सर ने 1550वीं बुलेटिन में रश्मि मैम का सूत्रधार के रूप में जो परिचय प्रस्तुति दी है वो काफी पठनीय और संग्रहणीय है। जिसके लिए सलिल सर बधाई के पात्र है।<br /><br />मैं अपने आपको काफी गौरवान्वित महसूस करता हूँ कि मुझे ब्लॉग बुलेटिन टीम में आदरणीय रश्मि मैम, सलिल सर, शिवम् भईया, कुमारेन्द्र सर, देव सर, अजय सर आदि के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-10270440024111385822016-12-27T20:17:30.608+05:302016-12-27T20:17:30.608+05:30ब्लॉगबुलेटिन परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना...ब्लॉगबुलेटिन परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। <br />सादर—<br />http://chahalkadami.blogspot.in/<br />http://charichugli.blogspot.in/jayant sahu_जयंतhttps://www.blogger.com/profile/02414362150433374382noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-50702344906053292682016-12-27T20:16:56.916+05:302016-12-27T20:16:56.916+05:30रश्मि प्रभा जी और सलिल भाई दोनों का लिखा मुझे बहुत...रश्मि प्रभा जी और सलिल भाई दोनों का लिखा मुझे बहुत पसंद आता है ..और आज यहाँ उन्हीं में से एक , दूसरे के बारे में लिख रहा है ..ज़ाहिर है कि सोने में सुहागा वाली बात है ..शब्दों की बुनावट बेहद खूबसूरत है ..वाह !mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-87958392689087369612016-12-27T19:40:41.490+05:302016-12-27T19:40:41.490+05:30जब १५५०वीं पोस्ट लिखने की मेरी बारी आई, तो मैंने स...जब १५५०वीं पोस्ट लिखने की मेरी बारी आई, तो मैंने सोचा कि पहले तसल्ली कर लूँ कि आज के दिन का कोई विशेष महत्व तो नहीं. देखा कि चचा ग़ालिब की सालगिरह है. फिर सोचा उनसे माफी माँग लेंगे, अगर रश्मि दी की चर्चा नहीं हुई तो यह पोस्ट महत्वहीन हो जाएगी. और फिर जो मुझे कहना था मैंने उनके लिये कहा इस पोस्ट में. लेकिन लगता है कि न जाने कितनी बातें अनकही रह गई. <br />कुछ छूट गया हो तो दीदी से बाद में हिसाब कर लेंगे! पूरी ब्लॉग बुलेटिन की टीम की ओर से दीदी का आभार इस वर्ष भर के अवलोकन के लिये!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-26191752820402533492016-12-27T18:35:53.939+05:302016-12-27T18:35:53.939+05:30वाह !
बस इतना ही बहुत है सलिल जी ।
वाह !<br />बस इतना ही बहुत है सलिल जी ।<br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-66895947685578721912016-12-27T18:23:48.983+05:302016-12-27T18:23:48.983+05:30मार्मिक मार्मिक http://bal-kishor.blogspot.com/https://www.blogger.com/profile/11252918558633202477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-52038110587540951172016-12-27T16:21:54.543+05:302016-12-27T16:21:54.543+05:30जिनकी सशक्त लेखनी के कायल है हम और सीखते रहते है अ...जिनकी सशक्त लेखनी के कायल है हम और सीखते रहते है अभिव्यक्ति की कला...उनका शानदार परिचय। बधाई आप दोनों को।ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-65350669737018986192016-12-27T15:35:08.042+05:302016-12-27T15:35:08.042+05:30हिंदी ब्लॉगिंग में जो साहित्य बना या बचा रह गया है...हिंदी ब्लॉगिंग में जो साहित्य बना या बचा रह गया है उसमें बहुत बड़ा योगदान रश्मि जी का है.....<br />ब्लॉगिंग से जो अनमोल मिला है उसमें भी उनका बड़ा मकाम है....<br />प्रणाम और आभार...<br /><br />वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-27210657376914894952016-12-27T15:22:29.179+05:302016-12-27T15:22:29.179+05:30कभी कभी सूत्रधार को भी परिचय की आवश्यकता पड़ जाती ह...कभी कभी सूत्रधार को भी परिचय की आवश्यकता पड़ जाती है आज की बुलेटिन भी कुछ ऐसा ही रूप लिए है | <br /><br />जब सलिल दादा से ब्लॉग बुलेटिन की १५५० वीं बुलेटिन लगाने के बाबत चर्चा हुई तब उन्होने बताया कि वे अवलोकन २०१६ के अंतर्गत ही पोस्ट लगाएंगे और रश्मि दीदी का परिचय करवाएँगे|<br /><br />पिछले डेढ़ महीने से बिना नागा रश्मि दीदी ने अवलोकन २०१६ का सफल संचालन और आयोजन किया और हिन्दी ब्लॉग जगत के विभिन्न ब्लॉगरों के साथ साथ बाकी भाषाओं के ब्लॉगरों से हम सब का परिचय करवाया | पर इन सब के बीच वे खुद को भूल गई ... हिन्दी ब्लॉग जगत मे उनके योगदान को नज़रअंदाज़ करना उन के लिए तो शायद संभव है पर हम सब के लिए नहीं|<br /><br />रश्मि दीदी आपको सादर प्रणाम |शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-2628449442298555272016-12-27T14:21:10.806+05:302016-12-27T14:21:10.806+05:30क्या बोलूं
हर रोज लगता है
नया स्वरूपक्या बोलूं<br />हर रोज लगता है<br />नया स्वरूपविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-43604549363649004252016-12-27T13:46:25.669+05:302016-12-27T13:46:25.669+05:30शब्द चेहरे से लेकर मन तक जब हर्षित होते हैं तो .....शब्द चेहरे से लेकर मन तक जब हर्षित होते हैं तो ... हूबहू कहना मुश्किल है ! यह कमाल होता है बिहारी बहन के बिहारी भाई का ... बहुत बहुत स्नेह सलिल भाई। <br />जब शब्दों की विरासत मुझे मिली तो निःसंदेह एक ख़ास पाण्डुलिपि आप रहे <br />मैं ऐसी हूँ या नहीं, पता नहीं <br />पर आपकी कलम से खुद को देखकर हैरान हूँ <br />यह पत्थर ऐसा रूप भी ले सकता है क्या !!! <br />रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-52289998046184103442016-12-27T13:34:30.714+05:302016-12-27T13:34:30.714+05:30वाह...
दीदी को सादर नमन
रचना तो बहत पढ़ी
पर लम्बी ...वाह...<br />दीदी को सादर नमन<br />रचना तो बहत पढ़ी<br />पर लम्बी व उत्कृष्ठ रचना <br />पहली बार पढ़ने को मिली<br />सादर<br />yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com