tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post3735317674962887170..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: कैसे कैसे लोग ???ब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-21929618646045343002013-12-19T09:48:07.130+05:302013-12-19T09:48:07.130+05:30आभासी दुनिया में भी वास्तविक जीवन के लोग ही हैं , ...आभासी दुनिया में भी वास्तविक जीवन के लोग ही हैं , इसलिए सारे गुण अवगुण भी वैसे ही। हम में से अधिकांश के अनुभव आप जैसे ही हैं , क्या कीजे ! बस इन्ही अनुभवों से सीखता रहा जाए !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-20761916003171422432013-12-18T21:21:22.308+05:302013-12-18T21:21:22.308+05:30जय हो ! काफी है ! बाकी चाय बनाने के लिये किसने बोल...जय हो ! काफी है ! बाकी चाय बनाने के लिये किसने बोला था ?सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-88313780144307183302013-12-18T20:17:45.846+05:302013-12-18T20:17:45.846+05:30बहुत अच्छा प्रश्न उठाया है!! लेकिन उत्तर अपेक्षित ...बहुत अच्छा प्रश्न उठाया है!! लेकिन उत्तर अपेक्षित नहीं आये!! कोई बात नहीं!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-54814462133652566782013-12-18T16:49:14.931+05:302013-12-18T16:49:14.931+05:30रोचक व पठनीय सूत्र।रोचक व पठनीय सूत्र।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-84667343130039369882013-12-18T08:46:55.923+05:302013-12-18T08:46:55.923+05:30सादर धन्यवाद् अपना बहुमूल्य समय देने और अमूल्य विच...सादर धन्यवाद् अपना बहुमूल्य समय देने और अमूल्य विचार प्रकट करने के लिए | बहुत बहुत आभार | जय हो :)Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-68758830848072072632013-12-18T00:46:25.239+05:302013-12-18T00:46:25.239+05:30nahi aise logon ke sath vahi karna chahiye jo aapn...nahi aise logon ke sath vahi karna chahiye jo aapne kafi der se kiya ..jai raam ji ki .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-27009490708560233242013-12-17T23:03:17.798+05:302013-12-17T23:03:17.798+05:30sabhi links behtarin......................aapke an...sabhi links behtarin......................aapke anubhav ko padh kar yahi kah sakti hu ki ye bhi jeevan ka ek sach hai .............Dr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-83599970507492579382013-12-17T22:37:30.418+05:302013-12-17T22:37:30.418+05:30देखे,अनुमानित रिश्ते
अनदेखे रिश्ते जैसे ही होते ह...देखे,अनुमानित रिश्ते <br />अनदेखे रिश्ते जैसे ही होते हैं - निजी अनुभव की एक मानसिक स्थिति होती है और पारदर्शी पालन-पोषण का असर भी . <br />चाल चलनेवाले पारदर्शिता नहीं पा सके तो उन जैसा गरीब कोई नहीं . <br />किससे कैसा माध्यम है बात करने का, यह मायने रखता है . <br />यूँ कब किसकी क्या असलियत होगी,इसे जानना-समझना थोड़ी टेढ़ी खीर है रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-11010127113702720702013-12-17T22:21:13.374+05:302013-12-17T22:21:13.374+05:30सच में बहुत तरह के लोग होते हैं, और हम उनसे सोशल स...सच में बहुत तरह के लोग होते हैं, और हम उनसे सोशल साईट्स पर या निजी जीवन में जुड़ते रहते हैं, मेरा उद्देश्य सिर्फ़ यही रहता है कि खुद के जीवन में सुधार करती रहूं ...<br />बाकि अनुभवों को बाँटना न बाँटना अपना निजी निर्णय होता है...हम निरन्तर कुछ न कुछ सीखते ही हैं .... सीखते रहना चाहिए ....Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-29634912837613242022013-12-17T21:45:51.643+05:302013-12-17T21:45:51.643+05:30बढ़िया बुलेटिन....मेरी रचना शामिल करने के लिए ...बढ़िया बुलेटिन....मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद...रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-51436782345149259772013-12-17T20:59:23.951+05:302013-12-17T20:59:23.951+05:30आप सभी ने बहुत अच्छे विचार प्रकट किये | आपका बहुत ...आप सभी ने बहुत अच्छे विचार प्रकट किये | आपका बहुत बहुत आभार | उम्मीद है और लोग भी अपने विचार व्यक्त करने में सक्षम होंगे | इंतज़ार रहेगा | Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-82252749764477697322013-12-17T19:33:15.502+05:302013-12-17T19:33:15.502+05:30तुषार जी ये तो आम जीवन में भी होता है 100% यही सब ...तुषार जी ये तो आम जीवन में भी होता है 100% यही सब ! मेरी राय में सच सच होता है और हमेशा सच होता है झूठ को आदत होती है सच का लबादा ओढ़ने की और वो उसकी मजबूरी होती है यहाँ आभासी दुनिया में वही लोग हैं जो आपके घर में आपके मौहल्ले में आपके आफिस में और आपके शहर में होते हैं सबके पास अपने अपने आईने होते हैं और सब अपने अपने चेहरे देखते हैं अपने आईने में ! मुझे लगता है हमें यहाँ भी वही सोच रखनी चाहिये जो हमारी है आम जिंदगी की बाकी सामने वाला अपने आप अपने को एक्स्पोज कर ही देता है कभी ना कभी और उससे उसको कोई फर्क नहीं पड़्ता है ! इसलिये आप भी चलते रहिये मुस्कुराते हुऐ अपने हाथ हिलाते हुऐ बाकी सामने वाला अपने हिसाब से करे मन आये तो सोचे ना आये तो खिसिया के खम्बा नोचे ! जयादा कह दिया हो तो भी कह दिया तो कह दिया :)सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-28111331216790887502013-12-17T17:11:30.090+05:302013-12-17T17:11:30.090+05:30अक्सर, हम जैसे दीखते हैं... वैसे होते नहीं...
यही ...अक्सर, हम जैसे दीखते हैं... वैसे होते नहीं...<br />यही सच है... <br />चाहे वो वास्तविक जीवन हो... या आभासी मंच!<br />हाँ, सच्चे लोग भी हैं जिनके बल बूते टिकी है यह दुनिया...!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-70445022654123909822013-12-17T17:03:58.480+05:302013-12-17T17:03:58.480+05:30बढ़िया बुलेटिन-
आभार
आदरणीय तुषार --बढ़िया बुलेटिन-<br />आभार <br />आदरणीय तुषार --रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com