tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post3706545341713563045..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: भूली-बिसरी सी गलियाँ - 1 ब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-60425975422500298622016-09-26T18:01:22.919+05:302016-09-26T18:01:22.919+05:30फ़िर से यादें हरी हो गई...आभार फ़िर से यादें हरी हो गई...आभार Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-32790301959267689612016-09-25T14:41:50.434+05:302016-09-25T14:41:50.434+05:30ब्लाग जगत फिर सक्रीय हो गया है।ब्लाग जगत फिर सक्रीय हो गया है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-13791014229646936402016-09-23T18:07:10.725+05:302016-09-23T18:07:10.725+05:30बहुत दिनों से ऐसा कुछ करने का विचार मन मे आ रहा था...बहुत दिनों से ऐसा कुछ करने का विचार मन मे आ रहा था ... बिना कुछ कहे ही दीदी आपने न जाने कैसे जान लिया ... लोग सच ही कहते है ... दिल की बात को दिल ही समझता है ... और जब मामला छोटे भाई और दीदी का हो तब तो इस की रफ्तार और भी तेज़ रहती है ... :)<br /><br />जय हो दीदी आप की | शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-72370110192475972072016-09-22T16:06:06.573+05:302016-09-22T16:06:06.573+05:30सच दी वो भी क्या दिन थे ..........मैंने खुद २००७ म...सच दी वो भी क्या दिन थे ..........मैंने खुद २००७ में बनाया था और धीरे धीरे यहाँ सबसे जुड़ी थी <br />vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-43587768472412888282016-09-22T09:33:38.688+05:302016-09-22T09:33:38.688+05:30गुजरते हुए उन राहों से, जहाँ कभी सबका बसेरा था, अच...गुजरते हुए उन राहों से, जहाँ कभी सबका बसेरा था, अच्छा लगा..... <br />बेहतरीन प्रयास.राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-78469890545105807842016-09-20T23:35:29.006+05:302016-09-20T23:35:29.006+05:30बस यह गाना याद आता है....छोड़ आए हम वो गलियां...बस यह गाना याद आता है....छोड़ आए हम वो गलियां...राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-32595518085325192272016-09-19T23:08:24.616+05:302016-09-19T23:08:24.616+05:30वाह बहुत सुन्दर कुछ अलग सी प्रस्तुति ।वाह बहुत सुन्दर कुछ अलग सी प्रस्तुति ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-84969608705737520312016-09-19T22:07:45.304+05:302016-09-19T22:07:45.304+05:30हम यहीं मिले थे
ठहरे भी हैं
जो है आपके साथ की वजह ...हम यहीं मिले थे<br />ठहरे भी हैं<br />जो है आपके साथ की वजह से हैं<br />आभारविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-10096920347827120392016-09-19T20:38:11.985+05:302016-09-19T20:38:11.985+05:30यादों की बारात निकली है ..
बहुत सुन्दर यादगार बु...यादों की बारात निकली है .. <br />बहुत सुन्दर यादगार बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार! कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-34386451193102641472016-09-19T20:10:07.654+05:302016-09-19T20:10:07.654+05:30बहुत सुन्दर प्रयास और कमाल का अंदाज़ रश्मि दी | बहु...बहुत सुन्दर प्रयास और कमाल का अंदाज़ रश्मि दी | बहुत ही सुन्दर बुलेटिन अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-57697928632530553242016-09-19T19:29:43.934+05:302016-09-19T19:29:43.934+05:30"एक आलसी का चिट्ठा" अपने आलस्य से उबर गय..."एक आलसी का चिट्ठा" अपने आलस्य से उबर गया है... "चला बिहारी..." की अपने रंग में वापसी हो चुकी है. अब आपने जब यह श्रृंखला शुरू कर ही दी है तो हम भी घूम आएँ कुछ पुरानी यादों के गलियारों में...! आपकी यह विशेषता हमेशा दिल को छू जाती है, एक नौस्टाल्जिक सा अनुभव!! क्या बात है दीदी!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-32782423094907758292016-09-19T17:24:08.850+05:302016-09-19T17:24:08.850+05:30ये सच है दी कि ब्लॉग ने पाला पोसा है....फेसबुक पर ...ये सच है दी कि ब्लॉग ने पाला पोसा है....फेसबुक पर भी उन्हें से ज़्यादा आत्मीयता बढ़ी जिन्हें ब्लॉग के दौर से जाना :-)<br />हाँ लेकिन तुम नहीं तो मैं क्यूँ- तो ब्लॉग में भी हमेशा महसूस हुआ....फॉलो भी यूँ किया गया जैसे...क्या कहूँ...<br />मगर ये तो दुनिया के दस्तूर हैं....इंसान सब जगह एक सा है...<br />मगर मेरे लिए ब्लॉग लिखने में आपका प्रोत्साहन शायद सबसे बड़ी चीज़ थी....और हीर जी का भी... <br />:-)<br />शुक्रिया दी...हमेशा !! <br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-47699390940675053362016-09-19T16:44:10.978+05:302016-09-19T16:44:10.978+05:30तुम नहीं तो मैं क्यों वाली बात अच्छी लिखी. अहम सबम...तुम नहीं तो मैं क्यों वाली बात अच्छी लिखी. अहम सबमें घर कर गया किसी में कम किसी में ज्यादा.<br />फिर भी कुछ ब्लॉग इतने अच्छे/ इतने अपने लगते हैं कि उन्हें किताब के पन्ने की तरह पलट पलट कर पढ़ती रही हूँ .वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-80303196624792214262016-09-19T16:42:04.157+05:302016-09-19T16:42:04.157+05:30मेरे लिए भी ये जगत कुछ ऐसा ही है जैसे -
हंसा पाये ...मेरे लिए भी ये जगत कुछ ऐसा ही है जैसे -<br />हंसा पाये मानसरोवर<br />मन मस्त हुआ क्या कहिए रे ! <br /> आपका आभार ।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.com