tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post3212569765448031087..comments2024-03-18T12:47:03.171+05:30Comments on ब्लॉग बुलेटिन: सिसकियाँ - १८०० वीं ब्लॉग-बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिनhttp://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-5330391184369273602018-05-30T13:51:29.738+05:302018-05-30T13:51:29.738+05:30वाह !वाह !उषा किरणhttps://www.blogger.com/profile/14723538513393658010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-69638706358630729442017-09-08T00:28:14.546+05:302017-09-08T00:28:14.546+05:30अच्छी याद दिलाई !!! अच्छी याद दिलाई !!! मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-67781245307902615782017-09-05T19:46:13.496+05:302017-09-05T19:46:13.496+05:30सभी पाठकों और पूरी बुलेटिन टीम को १८०० वीं पोस्ट क...सभी पाठकों और पूरी बुलेटिन टीम को १८०० वीं पोस्ट की हार्दिक बधाइयाँ |<br />ऐसे ही स्नेह बनाए रखिए |<br /><br />सलिल दादा ,<br />प्रणाम | शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-49278114887008349772017-09-05T19:09:52.733+05:302017-09-05T19:09:52.733+05:30अरुण जी! बहुत से ब्लॉग पोस्ट्स का मैं पहला और इकलौ...अरुण जी! बहुत से ब्लॉग पोस्ट्स का मैं पहला और इकलौता पाठक और टिप्पणिकर्त्ता भी हुआ करता था! अब व्यस्तताओं ने कमर तोड़ रखी है! अपने ब्लॉग पर भी कुछ नहीं लिख पा रहा! ब्लॉग बुलेटिन से प्यार हो गया है! इसलिए इससे बेवफाई नहीं कर पाता! धन्यवाद आपके मुख से मेरे प्रति अस्वीकार्य होगा! अच्छी रचना पढ़ने का सौभाग्य प्रदान करना आपको धन्यवाद का पात्र बनाता है! <br />आदरणीय गगन शर्मा जी, 2000 वीं पोस्ट पर मिलने की बात कहकर पराया कर दिया! अभी तो 1850, 1900, 1950 और तब 2000. इस बीच भी कभी कलम कुलबुलाई तो यहाँ दिखूँगा, बस आपका आशीष मिलता रहे!! <br />सभी बुलेटिन पाठकों का ह्रदय से आभार!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-88725240650282658052017-09-05T19:07:39.730+05:302017-09-05T19:07:39.730+05:30अरुण जी! बहुत से ब्लॉग पोस्ट्स का मैं पहला और इकलौ...अरुण जी! बहुत से ब्लॉग पोस्ट्स का मैं पहला और इकलौता पाठक और टिप्पणिकर्त्ता भी हुआ करता था! अब व्यस्तताओं ने कमर तोड़ रखी है! अपने ब्लॉग पर भी कुछ नहीं लिख पा रहा! ब्लॉग बुलेटिन से प्यार हो गया है! इसलिए इससे बेवफाई नहीं कर पाता! धन्यवाद आपके मुख से मेरे प्रति अस्वीकार्य होगा! अच्छी रचना पढ़ने का सौभाग्य प्रदान करना आपको धन्यवाद का पात्र बनाता है! <br />आदरणीय गगन शर्मा जी, 2000 वीं पोस्ट पर मिलने की बात कहकर पराया कर दिया! अभी तो 1850, 1900, 1950 और तब 2000. इस बीच भी कभी कलम कुलबुलाई तो यहाँ दिखूँगा, बस आपका आशीष मिलता रहे!! <br />सभी बुलेटिन पाठकों का ह्रदय से आभार!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-85131311398976257482017-09-05T17:39:13.995+05:302017-09-05T17:39:13.995+05:30वाह ! बहुत रोचक प्रस्तुति..आभार आज के बुलेटिन में ...वाह ! बहुत रोचक प्रस्तुति..आभार आज के बुलेटिन में मुझे शामिल करने के लिए..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-79182397170775887582017-09-05T16:39:42.198+05:302017-09-05T16:39:42.198+05:30किताबी चेहरे ने कुछ देर के लिए ही सही इन अनमोल खजा...किताबी चेहरे ने कुछ देर के लिए ही सही इन अनमोल खजानों पर तरजीह पा ली हो पर पुस्तकें कभी चुप नहीं रह सकतीं ! <br />2000वीं पर जल्द भेंट होगी। गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-57398411969174710002017-09-05T16:33:24.703+05:302017-09-05T16:33:24.703+05:30"यादें" आज बनी होती तो शायद ऑस्कर भी पा ..."यादें" आज बनी होती तो शायद ऑस्कर भी पा जाती ! गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-73786678049294611502017-09-05T11:40:26.489+05:302017-09-05T11:40:26.489+05:30
बाकी किताबों के कराहने की आवाज़ कम लोग सुन पाते है...<br />बाकी किताबों के कराहने की आवाज़ कम लोग सुन पाते हैं। अब तो किताबें विस्थापित हो रहे हैं, बेदखल हो रहे हैं घरों से। किताबें कराहें नहीं इसलिए अपने घर में किताबों को अलमीरा में नहीं रखे हैं. खुले में रहते हैं। खुशबू फैलाये रहते हैं ये। <br /><br />सलिल जी कभी आप हमारी कविताओं के पहले पाठक हुआ करते थे। आपकी टिप्पणियाँ हमारे कविता की जान हुआ करती थी। आपने हमारे सैकड़ो कविताओं पर सार्थक कहा है। उनको कविता के साथ जोड़ लूं तो आधी किताब तक बन जाएगी। काफी दिनों बाद आपने हमारी कविता पढ़ी और इस सार्थक बुलेटिन में शामिल किया है। धन्यवाद कहते अच्छा नहीं लग रहा है। अपने आप कोई उपयुक्त शब्द ढूंढ लीजियेगा। <br />अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-53097780023509967122017-09-05T11:35:39.786+05:302017-09-05T11:35:39.786+05:30बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ...बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-40315623455936424302017-09-05T10:54:04.885+05:302017-09-05T10:54:04.885+05:30वाह ... किताबों का दर्द आपने सही लिखा है ...
सुन्द...वाह ... किताबों का दर्द आपने सही लिखा है ...<br />सुन्दर बुलेटिन ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-13721928085737433372017-09-05T09:47:16.897+05:302017-09-05T09:47:16.897+05:30अच्छा लिखने के लिए अच्छा पढ़ना जरूरी है – वाकई। इस...अच्छा लिखने के लिए अच्छा पढ़ना जरूरी है – वाकई। इस वेदवाक्य को अब बहुत कम लोग अपनाते हैं। लोगों को जल्दी-जल्दी लिखना है, मशहूर होना है। किताबें सच में बेहतरीन साथी होती हैं।दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-71722466951278438642017-09-04T22:52:17.883+05:302017-09-04T22:52:17.883+05:30अद्भुत 1800 वीं प्रस्तुति
शुभ कामनाएँ
सादरअद्भुत 1800 वीं प्रस्तुति<br />शुभ कामनाएँ<br />सादरyashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-74488026271045966222017-09-04T22:06:07.955+05:302017-09-04T22:06:07.955+05:30रोचक प्रस्तुति। बधाई। रोचक प्रस्तुति। बधाई। Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-51973911648967830432017-09-04T20:48:07.755+05:302017-09-04T20:48:07.755+05:30बात को कही से शुरु करके बड़े सार्थक और रोचक तरीके स...बात को कही से शुरु करके बड़े सार्थक और रोचक तरीके से कहना आपका ही हुनर हो सकता है .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-44201094947927911052017-09-04T20:42:00.764+05:302017-09-04T20:42:00.764+05:30हमेशा की तरह जबरदस्त पोस्ट .... अच्छा लिखने के लिय...हमेशा की तरह जबरदस्त पोस्ट .... अच्छा लिखने के लिये अच्छा पढना बहुत जरूरी होता है.👌<br />सहमत 🙏सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7855737057694827709.post-84992935873540153822017-09-04T19:34:22.786+05:302017-09-04T19:34:22.786+05:30वाह। लाजवाब बुलेटिन सलिल जी । आभार किताब याद दिलान...वाह। लाजवाब बुलेटिन सलिल जी । आभार किताब याद दिलाने के लिये।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com