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मंगलवार, 16 जनवरी 2018

ओ. पी. नैय्यर और ब्लॉग बुलेटिन

सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को सादर नमस्कार।
ओ.पी. नैय्यर
ओंकार प्रसाद नैय्यर (अंग्रेज़ी: Omkar Prasad Nayyar, जन्म: 16 जनवरी, 1926; मृत्यु: 28 जनवरी, 2007) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। अपने सुरों के जादू से आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी जैसे कई पार्श्वगायक और पार्श्वगायिकाओं को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने वाले महान संगीतकार ओ. पी. नैय्यर के संगीतबद्ध गीत आज भी लोकप्रिय है।

16 जनवरी 1926 को लाहौर (पाकिस्तान) के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे ओंकार प्रसाद नैय्यर उर्फ ओ.पी. नैय्यर का रुझान बचपन से ही संगीत की ओर था। वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। भारत विभाजन के पश्चात् उनका पूरा परिवार लाहौर छोड़कर अमृतसर चला आया। ओंकार प्रसाद ने संगीत की सेवा करने के लिए अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी। अपने संगीत के सफ़र की शुरूआत इन्होंने आल इंडिया रेडियो से की।



आज महान संगीतकार ओ. पी. नैय्यर जी के 92वें जन्म दिवस पर हम सब उनके संगीतमय योगदान को स्मरण करते हुए शत शत नमन करते हैं। सादर।।


~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~













आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर .... अभिनन्दन।। 

6 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

संगीतकार ओ. पी. नैय्यर जी के 92वें जन्म दिवस पर उन्हें नमन। सुन्दर बुलेटिन और आभार हर्षवर्धन 'उलूक' की तेरहसौवीं बकबक को जगह दी।

satyendra ने कहा…

बहुत धन्यवाद, वंचितों के मसले अपने मंच पर आपने लिया।

गोपेश मोहन जैसवाल ने कहा…

ओ. पी. नैयर ने संगीतकार के रूप में सफलता के नए मापदंड स्थापित किए थे. पंजाबी लोक धुनों और पाश्चात्य संगीत का उन्होंने अनूठा संगम कर उन्होंने हलके-फुल्के गानों से हिंदी फ़िल्म संगीत को एक नयी ताज़गी दी थी. पार्श्व गायक के रूप में मुहम्मद रफ़ी तो ओ. पी. नैयर के आने से पहले ही स्थापित हो चुके थे लेकिन आशा भोंसले को एक शीर्षस्थ गायिका के रूप में स्थापित करने में उनका बहुत बड़ा योगदान था. आगमन से पहले ही

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ...

Jyoti khare ने कहा…

शानदार बुलेटिन और सूत्र संयोजन के लिए साधुवाद
सभी रचनाकारों की बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर

Unknown ने कहा…

Nice line, publish online book with best
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