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बुधवार, 24 अगस्त 2016

१०८ वीं जयंती पर अमर शहीद राजगुरु जी को नमन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव का नाम भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में अत्यंत आदर के साथ लिया जाता है. इनमें से राजगुरु का जन्म 24 अगस्त, 1908 को पुणे (महाराष्ट्र) के खेड़ा गाँव में हुआ था. इनके पिता का नाम श्री हरि नारायण और माता का नाम पार्वती बाई था. पिता का निधन इनके बाल्यकाल में हो जाने के कारण इनका पालन-पोषण इनकी माता और बड़े भैया ने किया था. पिता की मृत्यु के समय राजगुरु की उम्र 6 वर्ष थी. इनका पूरा नाम शिवराम हरी राजगुरु था. इनकी माता भगवान शिव में बहुत आस्था रखती थी. इनके माता-पिता ने इन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद मानते हुये, इनका नाम शिवराम रखा. ये बचपन से ही वीर, साहसी और मस्तमौला स्वभाव के थे.
अमर शहीद राजगुरु
जिस दौर में राजगुरु का जन्म हुआ उस समय अंग्रेजी शासन दमनकारी नीति अपनाये हुए था. इसी को लागू करते हुये अंग्रेजों ने 1919 में रोलेक्ट एक्ट लागू किया. इस एक्ट के विरोध में जलियाँवाला बाग में एक शान्तिसभा का आयोजन किया गया. लेकिन ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जनरल डायर ने बाग को चारों तरफ से घेर कर वहाँ उपस्थित सभी व्यक्तियों पर गोलियाँ चलवा दी. इस हत्याकांड में हजारों निर्दोष लोगों की जान चली गयी. इसकी पूरे देश में आलोचना हुई. इस हत्याकांड के समय राजगुरु मात्र 11 वर्ष के थे. इन्होंने अपने विद्यालय में शिक्षकों को इस घटना के बारे में बात करते सुना. ये अपने अध्यापकों से इस बारे में कोई बात न कर सके किन्तु इस घटना का इनके दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ा. इस घटना का जिक्र उन्होंने अपने गाँव के एक वृद्ध फौजी से किया. वृद्ध फौजी द्वारा बतायी गयी बातों से राजगुरु क्रोध में आ गए और खुद को देशभक्त के रुप में देखने लगे. उसी समय राजगुरु ने देश को आजाद कराने का संकल्प ले लिया.

आज अमर शहीद राजगुरु जी की १०८ वीं जयंती के अवसर पर ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हम सब उनको शत शत नमन करते हैं |

सादर आपका

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बाबा मेरे बच्चे कैसे हैं .....

तीन लोक से मथुरा न्यारी यामें जन्में कृष्णमुरारी

जन्माष्टमी -हाईकू

प्रेरणा...!

और मैं तुम्हे जी लुंगी......!!!

**~मधुर तेरी तान~** --चोका

मैं तुमसे कम भी नहीं हूँ

हमारा कोलंबस सफर

राखी [कुण्डलिया]

एक क्रांतिकारी का ठाकुर जी प्रतिमा के आगे शस्त्र समर्पण

अमर शहीद राजगुरु जी की १०८ वीं जयंती 

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

10 टिप्पणियाँ:

Sushil Bakliwal ने कहा…

आभार आपका चयनित लिंक्स में मेरी पोस्ट को भी शामिल करने के लिये.

Sushil Bakliwal ने कहा…

आभार आपका चयनित लिंक्स में मेरी पोस्ट को भी शामिल करने के लिये.

कविता रावत ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
अमर शहीद राजगुरु जी की १०८ वीं जयंती पर शत शत नमन!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

महान शहीद को नमन!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

घूम आए सारे ब्लॉग पर और अपनी टिप्पणी भी दर्ज़ की! कई जगह अप्रूवल का ताला लगा मिला. आजकल जब ब्लॉग पढने वाले कम रह गए हैं, यह बन्धन व्यवधान उत्पन्न करता है!
सारे लिंक्स बहुत ही अच्छे हैं और तमाम रचनाएँ, बेजोड!!

Asha Joglekar ने कहा…

अमर शहीद राजगुरु जी को श्रध्दांजली। इस बुलेटिन में मेरी पोस्ट को जगह देने का आभार। सुंदर चिट्ठा संकलन।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति शिवम जी। सलिल जी की बात से सहमत हूँ। बहुत जगह तो टिप्पणी करने के बाद भी अनुमोदन नहीं मिलता है कोफ्त होती है ।

Asha Lata Saxena ने कहा…

हर बार एक जानकारी देने वाला बुलेटिन बहुत अच्छा लगता है |
आज मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
|

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

अमर शहीद श्री राजगुरु जी की १०८वीं जयंती पर शत-शत नमन!
सुंदर ब्लॉग संयोजन ! अच्छी रचनाएँ !!
हमारी रचना को यहाँ स्थान देने हेतु आभार !!!

~सादर
अनिता ललित

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