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शनिवार, 30 जनवरी 2016

अविभाजित भारत की प्रसिद्ध चित्रकार - अमृता शेरगिल - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

अमृता शेरगिल (३० जनवरी १९१३ - ५ दिसंबर १९४१)
अमृता शेरगिल (३० जनवरी १९१३ - ५ दिसंबर १९४१) भारत के प्रसिद्ध चित्रकारों में से एक थीं। उनका जन्म बुडापेस्ट (हंगरी) में हुआ था। कला, संगीत व अभिनय बचपन से ही उनके साथी बन गए। २०वीं सदी की इस प्रतिभावान कलाकार को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण ने १९७६ और १९७९ में भारत के नौ सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में शामिल किया है। सिख पिता उमराव सिंह शेरगिल (संस्कृत-फारसी के विद्वान व नौकरशाह) और हंगरी मूल की यहूदी ओपेरा गायिका मां मेरी एंटोनी गोट्समन की यह संतान ८ वर्ष की आयु में पियानो-वायलिन बजाने के साथ-साथ कैनवस पर भी हाथ आजमाने लगी थी।
१९२१ में अमृता का परिवार समर हिल शिमला में आ बसा। बाद में अमृता की मां उन्हें लेकर इटली चली गई व फ्लोरेंस के सांता अनुंज़ियाता आर्ट स्कूल में उनका दाखिला करा दिया। पहले उन्होंने ग्रैंड चाऊमीअर में पीअरे वेलण्ट के और इकोल डेस बीउक्स-आर्टस में ल्यूसियन सायमन के मार्गदर्शन में अभ्यास किया। सन १९३४ के अंत में वह भारत लौटी। बाईस साल से भी कम उम्र में वह तकनीकी तौर पर चित्रकार बन चुकी थी और असामान्य प्रतिभाशाली कलाकार के लिए आवश्यक सारे गुण उनमें आ चुके थे। 
पूरी तरह भारतीय न होने के बावजूद वह भारतीय संस्कृति को जानने के लिए बड़ी उत्सुक थी। उनकी प्रारंभिक कलाकृतियों में पेरिस के कुछ कलाकारों का पाश्चात्य प्रभाव प्रभाव साफ झलकता है। जल्दी ही वे भारत लौटीं और अपनी मृत्यु तक भारतीय कला परंपरा की पुन: खोज में जुटी रहीं। उन्हें मुगल व पहाडी कला सहित अजंता की विश्वविख्यात कला ने भी प्रेरित-प्रभावित किया। भले ही उनकी शिक्षा पेरिस में हुई पर अंततः उनकी तूलिका भारतीय रंग में ही रंगी गई। उनमें छिपी भारतीयता का जीवंत रंग हैं उनके चित्र।
 
अमृता ने अपने हंगेरियन चचेरे भाई से १९३८ में विवाह किया, फिर वे अपने पुश्तैनी घर गोरखपुर में आ बसीं। १९४१ में अमृता अपने पति के साथ लाहौर चली गई, वहाँ उनकी पहली बडी एकल प्रदर्शनी होनी थी, किंतु एकाएक वह गंभीर रूप से बीमार पडीं और मात्र २८ वर्ष की आयु में शून्य में विलीन हो गई।
 
स्व॰ अमृता शेरगिल जी की १०३ वीं जंयती के अवसर पर ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं !!
सादर आपका
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7 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन । आभार शिवम जी 'उलूक' के सूत्र 'एक हैं पी0 सी0 तिवारी' को आज के बुलेटिन में जगह देने के लिये । पी0 सी0 तिवारी के संघर्ष को कुछ बल मिले आमीन ।

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

अमृता शेरगिल जी की जयंती पर सुंदर परिचयात्मक आलेख । उन्हें सादर नमन !

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने हेतु हृदय से आभार ।

कविता रावत ने कहा…

प्रसिद्ध चित्रकार अमृता शेरगिल के बारे में बहुत अच्छी जानकारी के साथ सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

उम्दा, बेहतरीन.....बहुत बहुत बधाई.....

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

Arun sathi ने कहा…

आभार ..बहुत सार्थक पोस्ट

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