Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 9 जून 2015

पतन का कारण - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज का ज्ञान:
जब जब किसी भी के अंदर "मैं" की भावना आ जाती है तो समझ लेना उसका पतन निश्चित है।
अब उदाहरण के लिए ... 




"मै"गी को ही देख लो। 


सादर आपका 
*****************************

धूप

देवेन्द्र पाण्डेय at बेचैन आत्मा 
 
*****************************
अब आज्ञा दीजिये ...
 
जय हिन्द !!! 

10 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

हा हा पर चिंता नहीं करिये रामदेव जी हमगी लाने वाले हैं :)
सुंदर सूत्र सुंदर प्रस्तुति ।

प्रभात ने कहा…

बहुत-बहुत आभार!

SKT ने कहा…

नज़रे इनायत के लिए आभार शिवम् भाई

SKT ने कहा…

नज़रे इनायत के लिए आभार शिवम् भाई

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर सूत्रों से सजी बुलेटिन.
'देहात' से पोस्ट शामिल करने के लिए आभार.

Manoj Kumar ने कहा…

आभार शिवम जी . सभी अच्छी पोस्ट का संकलन

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

भावना नहीं उसमें MSG की आत्मा "लेट"गयी थी ;-)

Ashi ने कहा…

बहुत ही उपयोगी लिंक साझा किये हैं, आभार।
............
लज़ीज़ खाना — Laziz Khana

जी ललचाए, रहा न जाए!!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

Anita ने कहा…

विविधता भरे सूत्रों से सजी पोस्ट ..आभार मुझे भी शामिल करने के लिए..

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार