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मंगलवार, 2 जून 2015

जब तक जीने की चाह हो जीते रहें




अनुभव की सीढ़ी कहें 
या वर्ष का तकाजा 
.... अपने अपने जन्मोत्सव के साथ 
हम एक वर्ष आगे बढ़ गए हैं  ....
 स्वस्थ कदम बढ़ते रहें 
जब तक जीने की चाह हो जीते रहें 
यही शुभकामना है 
यही उपहार है  … 


कुछ बीते पल, कुछ आज के लम्हें - 




8 टिप्पणियाँ:

कविता रावत ने कहा…


स्वस्थ है इंसान तो जीवन सार्थक वर्ना जीने की चाहत भर ..बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति

Unknown ने कहा…

बुलेटिन की सुंदर प्रस्तुति, शामिल करने के लिए धन्यवाद

vandana gupta ने कहा…

सुन्दर लिंक संयोजन .........आभार

वाणी गीत ने कहा…

स्वस्थ कदम बढते रहें!
बेहतरीन!

Dr. pratibha sowaty ने कहा…

thnx :)

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

जन्मोत्सव की ढेरों बधाइयाँ । सुंदर बुलेटिन आभारी है 'उलूक' सूत्र 'बुद्धिजीवियों के शहर में चर्चा है किताबों की का कुछ शोर हो रहा है' को बुलेटिन में स्थान दिया ।

HARSHVARDHAN ने कहा…

सुन्दर कड़ियों से सजी आज की बुलेटिन। आभार।।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जिजीविषा प्रबल है, जीवन को उत्सव मान बितायें।

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