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शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014

मसालेदार बुलेटिन

आदरणीय ब्लॉगर मित्रगण सादर नमस्कार,

आज दिल बहुत प्रसन्न है तो कुछ संजीदा लिखने का दिल नहीं है | तो आज प्रस्तुत है उमंग, तरंग और ठहाको से भरपूर रंगारंग, मसालेदार बुलेटिन |



अध्यापक (कक्षा मे) , बच्‍चो बताओ कि दूध को खराब होने से बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
सोनू, जी उसे पी लेना चाहिए ।
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टीचर : व्हॉट इज यूअर नेम...?
बच्चा : सर, सूर्य प्रकाश...
टीचर : इंग्लिश में जवाब दो...
बच्चा : सर, सनलाइट...
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एक भिखारी ने होटल में फोन करके एक नान, एक बटर चिकन और एक प्लेट पनीर टिक्का भिजवाने का ऑर्डर दिया...
दूसरी ओर से सवाल किया गया, "सर, बिल किसके नाम का बनेगा...?"
भिखारी ने तपाक से जवाब दिया, "भगवान के नाम का दे दो, बाबा..."
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तीन औरतें आपस में अपने पतियों की मूंछों के बारे में बातें कर रही थीं...
पहली ने कहा, मेरे पति की मूंछें इतनी छोटी हैं कि बहुत अजीब दिखाई देते हैं...
दूसरी बोली, मेरे पति की तो मूंछ ही नहीं है, और उन्हें देखकर मुझे हंसी आती है...
तीसरी ने तपाक से कहा, मेरे पति की मूंछें तो इतनी बड़ी-बड़ी हैं कि मुझे गुदगुदी होती है...
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प्रेमसुख जब मरकर स्वर्ग पहुंचा तो उसके सामने स्वर्ग या नरक किसी एक को चुनने का विकल्प रखा गया। यमदूत के साथ जब उसने स्वर्ग की देहरी से अंदर झांका तो पाया कि एक बड़ी उजाड़-सी जगह में कुछ लोग टहल रहे हैं, कई बीमार हैं, कई कराह रहे हैं।
फिर प्रेमसुख ने नरक के द्वार से झांका तो वहां का नजारा उलटा था- कई अप्सराएं वहां नाच रही थीं। एक ओर कॉकटेल पार्टी चल रही थी। यह सब देख उसने नरक में जाने का तय किया। अंदर जाने पर देखा कि एक गरम तेल भरी कड़ाही में लोगों को डाला जा रहा है। किसी-किसी की खाल भी खींची जा रही है, किसी पर कोड़े बरसाए जा रहे हैं। अब प्रेमसुख चकरा गया और यमदूत से पूछा- यह सब क्या है? जो बाहर से दिख रहा था, वह यहां है नहीं। ऐसा क्यों?
यमदूत ने कहा - यह तो नरक के मार्केटिंग विभाग का कमाल है।
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टीचर ने क्लास में बच्चों से सवाल किया, "तुम सबसे ज्यादा किससे नफरत करते हो...?
एक बच्चे ने जवाब दिया, "राजा राममोहन राय...
टीचर ने हैरानी से फिर पूछा, "लेकिन क्यों...?
बच्चे ने तपाक से कहा, "उन्होंने बाल विवाह बंद करवा दिया था...
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टीचर (क्लास मे पढाते हुए), "बच्चो आयकर, बिक्रीकर, भूमिकर से मिलता झुलता कोइ और शब्द बताओ।"
निशु, "सर, एक नही तीन शब्द सुने, सुनील गावासकर, सचिन तैंदुलकर और दिलीप वेंगसरकर।"
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मेली अपने पति प्रेमसुख से- जब आप चश्मा उतारते हो, तो बहुत हैंडसम दिखते हो।
प्रेमसुख चमेली को बाहों में लेकर बोला- सही है, जब मैं चश्मा उतारता हूं, तभी तुम खूबसूरत दिखती हो।
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मनु,"डेडी, ज्यादा काबिल कौन है मैं या आप?"
डैडी, " मै, क्योकि मैं एक तो तुम्हारा बाप हुँ, दुसरे उम्र मे भी तुम से बडा हुँ और मेरा तजुर्बा भी तुम से ज्यादा है।"
मनु, "फ़िर तो आप जानते होगें कि अमेरिका की खोज किस ने की थी? "
डैडी, "कोलम्बस ने की थी"
मनु, "कोलम्बस के बाप ने क्यों नही की, उसका तजुर्बा तो कोलम्बस से कही ज्यादा होगी?"
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एक छोटा बच्‍चा दुसरे बच्‍चे से, अगर दिन को सूर्य न निकला तो क्या होगा?
दुसरे बच्‍चे ने जवाब दिया, "बिजली का बिल बढ जाएगा।"
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टीचर (मिन्नी से), "आज स्कूल मे देर से आने का तुमने क्या बहाना ढूंढा है?"
मिन्नी, "सर आज मै इतनी तेज दौड कर आई कि बहाना सोचने का मौका ही नही मिला।"
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मरते समय पति ने अपने पत्नी को सब कुछ सच बताना चाहा । उस ने कहा " मै तुम्हे जीवन भर धोखा देता रहा। सच तो यह है कि दर्जनो औरतों से मेरे नाजायज संबंध थे।"
पत्नी बोली, "मै भी सच बताना चाहूँगी । तुम बीमारी से नही मर रहे मैने तुम्हे धीरे-धीरे असर करने वाला जहर दिया है।"
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पत्नी: मैने आज सपनो मे देखा है कि तुम मेरे लिए हीरों का हार लाए हो, इस सपने का क्या मतलब है?
पति: आज शाम को बताऊगा। शाम को पति ने एक पैकेट पत्नी को लाकर दिया। पत्नी ने खुशी-खुशी पैकेट खोला तो उस मे एक किताब निकली । किताब का नाम था, 'सपनो का मतलब' ।
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नया सिपाही (इंस्पैक्टर से), "सर ये बिलकुल गलत है कि मैं उस चोर से डर गया था।"
इंस्पैक्टर, "तो तुम उस गाडी के पिछे क्यों छिपे थे?"
नया सिपाही, "जी वह तो मैं कुत्ता देख कर छिपा था ।"
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मैनेजर ने आने वाले से पूछा, " क्या तुम्हें पता नही कि आज्ञा के बिना अन्दर आना मना है।"
आने वाला, "जनाब मैं आज्ञा लेने के लिए ही अन्दर आया हूं।"
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अध्यापक," बाबर भारत मे कब आया?"
बंटी, "पता नही सर।"
अध्यापक, " बोर्ड पर नही देख सकते, नाम के साथ ही लिखा है।"
बंटी, मैने सोचा, शायद वह उसका फ़ोन नम्बर है।"
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मेली - मां, मैं प्रेमसुख से शादी नहीं करूंगी।
शीला - क्यों बेटी, क्या तेरी नजर में कोई और है?
चमेली - नहीं मां!
शीला - क्या कोई परेशानी है?
चमेली - हां! प्रेमसुख को तो स्वर्ग-नरक में विश्वास ही नहीं है।
शीला - तू घबरा मत बेटी, पहले उससे शादी तो कर ले। उसके बाद उसे स्वर्ग-नरक में विश्वास अपने आप ही हो जाएगा।
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एक बहानेबाज कर्मचारी का दादा उस के दफ़तर में जा कर उस के बाँस से बोला, " इस दफ़तर मे सुनिल नाम का व्यक्ति कार्य करता है, मुझे उस से मिलना है, वह मेरा पोता है।"
बाँस ने मुस्करा कर कहा, " मुझे अफ़सोस है, आप देर से आए है, वह आप के आर्थी को कंधा देने के लिए छुट्टी लेकर जा चुका है।"
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सेठानी (नौकरानी से), "क्यों महारानी जी आज आने मे इतनी देर क्यों लगा दी?"
नौकरानी, "सेठानी जी मै सीढियों से गिर गई थी।"
सेठानी, "तो क्या उठने मे इतनी देर लगती है।"
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एक घर में चोरी की नियत से घुसे चोर को वहां की मोटी औरत ने पकड़ा और उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गई।
फिर अपने नौकर से बोली,  जा जल्दी से, पुलिस को बुला ला।
नौकर घबरा कर बोला - बीवी जी, मेरी चप्पल नहीं मिल रही।
तभी चोर जोर से चीखा - ओह... यार, मेरी पहन ले, पर जल्दी जा...।
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अध्यापक कक्षा में छात्रों को चींटी के संबंध में शिक्षाप्रद बातें बता रहे थे |
अध्यापक - अब बताओ कि चींटी से हमें क्या सिख मिलती है |
छात्र - मास्टरजी चींटीयां यह बता देती है कि मां ने मिठाई कहां रखी है |
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प्रस्तुत हैं आज की कड़ियाँ 

मेरी कुछ हायकू रचनाएँ - संध्या

राजनैतिक तुकबन्दियाँ - राजीव तनेजा

चाँद - प्रियंका जैन

हाल - रेवा

तुरंत बदलिये अपना पासवर्ड और बचिये हार्टब्‍लीड से - माय बिग गाइड

फिल्‍म समीक्षा : भूतनाथ रिटर्न्‍स - चवन्नी चैप

प्यार वो एहसास है - अपर्णा खरे

हुआ ये क्यूँ कर? - पूनम

सागर - सुरेश राजपूत

रविकर ले हित-साध, आप मत डर खतरे से - रविकर

बहारें फिर भी आएँगी - सरोज

स्वागत है, तुम्हारा नवागत हे नए वर्ष - मोना परसाई

अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
जय श्री राम | हर हर महादेव शंभू | जय बजरंगबली महाराज 

7 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर चुटकुले सुंदर गुदगुदता बुलेटिन :)

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

वाह... मजेदार प्रस्तुति...अच्छे लिंक्स...बहुत बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@भूली हुई यादों

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढ़िया व मदमस्त बुलेटिन अच्छे सूत्रों के साथ , तुषार भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
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priyankaabhilaashi ने कहा…

धन्यवाद तुषार राज रस्तोगी जी..!!

सादर आभार..!!

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही मजेदार हास्य प्रस्तुति, लिंक भी नायाब हैं ,आभार।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बेहद उम्दा प्रस्तुति ... तुषार भाई आभार आपका |

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

मसाला और तत्व, दोनों ही।

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