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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

अब मृत परिजनों से भी हो सकेगी वीडियो चैट - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर  मित्रों,
प्रणाम |

दुनिया से चले जाने के बाद अपने प्रियजनों, रिश्तेदारों और दोस्तों से वीडियो चैट कर पाना अब संभव हो सकता है। हाल ही में लांच हुई एक नई वेबसाइट लोगों को एक ऐसी सुविधा प्रदान कर रही है जिसके जरिए किसी मृत व्यक्ति की आभासी छवि तैयार की जा सकती है।

मेसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा तैयार की गई इटर्नीडॉटमी नाम की यह वेबसाइट डिजिटल दुनिया में एक बड़ा कदम है। एमआइटी के उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत कुछ इंजीनियरों, डिजाइनरों और कारोबारियों द्वारा इसे मिलकर तैयार किया गया है। इस टीम ने दावा किया है इस वेबसाइट के जरिये किसी व्यक्ति को उसकी मौत के बाद आभासी दुनिया में जिंदा रखा जा सकता है।

सीएनईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति मरने के बाद अपने परिजनों से संपर्क में रहना चाहता है तो पहले उसे इस वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद अपनी चैट हिस्ट्री , सोशल नेटवर्किग की जानकारी, फोटो और ईमेल आदि की जानकारी दी जाती है। इनके इस्तेमाल से उस व्यक्ति की यादों, शैली और व्यवहार को नए सिरे से संगठित कर आभासी छवि तैयार की जाती है।

वेबसाइट के मुताबिक, जानकारियों के इस्तेमाल से तैयार वर्चुअल छवि आपके व्यक्तित्व से काफी हद तक मेल खाने वाली होगी। यह आपके दुनिया से चले जाने के बाद आपके करीबियों, रिश्तेदारों, दोस्तों से बातचीत कर सकेगी, उन्हें सलाह दे सकेगी। यह अपने अतीत से नए सिरे से बातचीत करने जैसा अनुभव होगा। 24 घंटे के भीतर इस वेबसाइट को 36 हजार लोग देख चुके हैं और 1300 से अधिक अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। 

 यह खबर यहाँ भी है |

सादर आपका 

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प्रेमोत्सव वाया छिनरोत्सव


जो चाहा

Asha Saxena at Akanksha

प्यार को मैगी मत बनाओ

नारदमुनि at नारदमुनि जी

संत रविदास के उपदेश हमें कर्म, सच्चाई और सेवा के लिए प्रेरित करते हैं

मनोज कुमार at मनोज

आज के दिन के नाम कुछ 'हाइकु'

हरकीरत ' हीर' at हरकीरत ' हीर' 

मेरी वेलेंटाइन...


अब इंकलाब जरूरी है


बॉलीवुड में उतरी नूरां बहनें तो शेखर रव्जिवानी भी पहुंचें माईक के पीछे


भावी- वधू.

प्रतिभा सक्सेना at शिप्रा की लहरें

दस का नोट (वेलेंटाइन कविता)

Kumar Harsh at खड़न्जा

एक चीज़ होती है ........."कनेक्ट"


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अब आज्ञा दीजिये ... 

जय हिन्द !!!

11 टिप्पणियाँ:

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

मरने के बाद भी बेचैन आत्मा! ना बाबा ना।

लिंक्स देखता हूँ।

रंजना ने कहा…

गज़ब !!!
मतलब काल्पनिक संसार में वास्तविक विचरण :))

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

कमाल के लिंक्स हैं शिवम भाई। आपके पसंद की दाद देता हूँ। यह संजोग ही है कि सभी लिंक्स पढ़ता चला गया। कुछ तो बेहतरीन लगे..पढ़ाने के लिए आभार व्यक्त किये बिना नहीं रहा जाता। जैसे..मनोज की संत रविदास पर आलेख, शिप्रा जी की कविता भावी-वधू, रेडियो प्लेबैक के दोनो गीत..अमित जी का आलेख.. वाह! आनंद आ गया।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

@देवेन्द्र पाण्डेय जी
भाई साहब ... बहुत बहुत आभार इस प्रस्तुति को मान देने के लिए ... सच मानिएगा आप जैसे पाठक ही हम जैसे लोगो को ऊर्जा देते है रोज़ ब्लॉग जगत से लिंक्स छाँट कर प्रस्तुत करने की ... ऐसे ही स्नेह बनाए रखिए ... प्रणाम |

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति !

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छे पठनीय सूत्र संजोये हैं ......

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आत्माओं को तो शान्ति से रहने दें। पठनीय सूत्र।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच में गज़ब ...
आभार मुझे शामिल करने का ...

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुतअच्छा लगता है ब्लॉग बुलेटिन पर आकर| अपने लोगों से जो गुजर गए मिलना तो शायद हर व्यक्ति चाहता है |यह विशेष रूप से अच्छा लगा |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

shikha varshney ने कहा…

कभी कभी सुकून दे सकती है ऐसी बात चीत ... फिलहाल तो डर सा लग रहा है :).

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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