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मंगलवार, 21 जनवरी 2014

आत्मविश्वास और बाह्य क्षेत्र की भयानकता - विपरीत स्थिति





आत्मविश्वास और बाह्य क्षेत्र की भयानकता - विपरीत स्थिति 
थोड़ी सकारात्मक थोड़ी नकारात्मक 
किसका पलड़ा भारी होगा, कौन जाने !
घर के बाहर असुरक्षा है 
तो घर के अंदर भी 
हर सीख हर जगह काम नहीं आती 
जो जी गया, वह समझदार 
जो मर गया, उसका दुर्भाग्य 
और अनगिनत कहानियाँ  …। 












12 टिप्पणियाँ:

Neeraj Neer ने कहा…

आपका बहुत आभार ।

Anita ने कहा…

कुछ लिंक्स पढ़ चुके थे कुछ नये मिले..ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए आभार...

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन रश्मि दी आभार |

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

मेरी कहानी को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए आपका आभार। लिंक देखता हूँ..

Amrita Tanmay ने कहा…

हर सीख हर जगह काम नहीं आती

अति सुंदर सीख के साथ सुंदर बुलेटिन। आभार।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर सूत्र सुंदर बुलेटिन !

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन के क्या कहने। देखकर आनंद आ गया। अब लिंक्स पर जाता हूँ।
मेरी ताजा पोस्ट का लिंक यह रहा-
माइक, कैमरा, एक्शन और आम आदमी
http://www.satyarthmitra.com/2014/01/blog-post.html

अशोक सलूजा ने कहा…

आभार रश्मि जी ....

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

सुंदर सूत्र ......... !!

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

शामिल करने के लिए आभार! अच्छे लिंक्स.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

विपरीत स्थितियों में जीना ही दुष्कर है ...
अच्छे सूत्र ... आभार मेरी गज़ल शामिल करने का ...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़े ही सुन्दर और पठनीय सूत्र।

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