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रविवार, 12 जनवरी 2014

स्वामी विवेकानन्द जी की १५० वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

स्वामी विवेकानन्द (१२ जनवरी १८६३ – ४ जुलाई १९०२)
 
"सभी मरेंगे- साधु या असाधु, धनी या दरिद्र- सभी मरेंगे। चिर काल तक किसी का शरीर नहीं रहेगा। अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो जाओ।
भारत में घोर कपट समा गया है। चाहिए चरित्र, चाहिए इस तरह की दृढ़ता और चरित्र का बल, जिससे मनुष्य आजीवन दृढ़व्रत बन सके।"
 
- स्वामी विवेकानन्द
 
 
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अब आज्ञा दीजिये ... 
 
जय हिन्द !!! 

10 टिप्पणियाँ:

Sadhana Vaid ने कहा…

सभी लिंक्स पठनीय एवँ रोचक प्रतीत होते हैं ! मेरी रचना को आज के बुलेटिन में स्थान दिया , आपका हृदय से धन्यवाद एवँ आभार शिवम जी !

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

स्वामी विवेकानन्द जी की १५० वीं जयंती के अवसर पर उनको शत शत नमन | जय हिन्द !!!

Sunil Deepak ने कहा…

धन्यवाद ब्लाग बुलेटिन व शिवम :)

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

sabhi links pathniy.............swami ji ko samarpit buletin sundar bhav............

Neeraj Neer ने कहा…

बहुत ही उम्दा बुलेटिन , सारे अच्छे सूत्र .. मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

नमन इस चिरयुवा को!!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

स्वामी विवेकनन्द जी को नमन, उनकी मधुर स्मृतियों को याद दिलाने के लिए आपका आभार।

लिंक अच्छे लग रहे हैं..पढ़ना पड़ेगा।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

rashmi ravija ने कहा…

अच्छे लिंक्स मिले..
बहुत बहुत आभार

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

स्वामी विवेकानन्द को नमन, सुन्दर और पठनीय सूत्र..

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