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मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

गुनाह किसे कहते हैं ?




बता दिया जाये 
कि गुनाह किसे कहते हैं 
तो तुम गुनाह करना बंद कर दोगे ?
या नए तर्क लिए खुद को बेगुनाह ही कहोगे ?


सोचते हुए इन्हें पढ़िए - सोच की परिधि बढती जाएगी =

9 टिप्पणियाँ:

सुज्ञ ने कहा…

शानदार बुलेटिन!!
हमारी रचना को सम्मलित करने के लिए बहुत बहुत आभार!!!

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुदर संकलन !

जो वो करता है वो होता है गुनाह
मैं करता हूं जब कभी मांफी भी
मांग लेता हूं साथ में !

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

सुंदर पठनीय सूत्र ...!

RECENT POST : अपनी राम कहानी में.

रश्मि शर्मा ने कहा…

शानदार बुलेटि‍न..मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए आभार...

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बहुत छाँट छाँट कर नगीने लाई है आप ... आभार दीदी !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पठनीय बुलेटिन

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

बहुत खूब बुलेटिन | जय हो

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