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रविवार, 19 मई 2013

ब्लॉग पोस्टों का किंछाव - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !

बेहद गर्मी पड़ने लगी है अभी जब बुलेटिन लगाने बैठा तो डेशबोर्ड गर्मी के मारे तप रहा था ... इस लिए सोचा क्यों न थोड़ा किंछाव किए देता हूँ ... कम से कम आज की बुलेटिन को कुछ तो राहत मिलेगी ... इस गर्मी से
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क्यों गीली मिट्टी की सौंधी सौंधी महक आई या नहीं ... बाकी राहत इन चुनिन्दा ब्लॉग पोस्टों से मिलेगी ... ;)

सादर आपका 
शिवम मिश्रा 
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याद

Ramakant Singh at ज़रूरत
*माँ रोज कहानी सुनाती है बेटा आज चंदामामा आयेगा*कोई हमें कहां ले जायेगा? ले भी गया तो क्या पायेगा? कुछ ही पलों में वो हमसे परेशान हैरान हो जायेगा बिना मुस्कुराये हमें वापस अकेला राह पर छोड़ जायेगा उपर उछालोगे तो बालक आँखें मींचकर गाना ही गायेगा? सोचते हो पानी गिरेगा तो? शानू दौड़कर छाता ही लायेगा? हम जीते हैं रोज इसी धूप में और बिखर जाती है छाँव कब? जीवन के आपाधापी में बस यही रंग पल पल आयेगा माँ रोज कहानी सुनाती है बेटा आज चंदामामा आयेगा पुनः प्रकाशन २१ अक्टूबर २०१० को लिखी रचना का जिसका प्रकाशन १६ जनवरी शरद पूर्णिमा को। ललित डॉट कॉम के सर्जक ब्लॉ.ललित शर्मा की एक मात्र टिपण्णी यायावर... more »

हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए…..( मेरी १००वी पोस्ट )

Maheshwari kaneri at अभिव्यंजना
मेरी १००वी पोस्ट * ** हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए…..* * * दर्द का सैलाब बन कर उठा हमें मिटाने के लिए हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए….. वक्त की हर चाल हम पर तिरछी पड़ती रही हादसे पर हादसे होते रहे हमें झुकाने के लिए हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए….. आँसू पीकर भी हम मुस्काते रहे खुशी का ज़ज्बा जुटाते रहे पता न था वो तो जि़द्द में बैठे थे हमें रुलाने के लिए हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए….. रास्ते और भी तो हैं हम तो साथ चले थे सिर्फ साथ निभाने के लिए हम भी चुनौती बन गए ज़माने के लिए….. सुना था बंद मुठ्ठी लाख की खुली तो खाक... more »

बहू जो बन गई बेटी

Rekha Joshi at Ocean of Bliss
आज तो सुबह सुबह ही पड़ोस के मोहन बाबू के घर से लड़ने झगड़ने की जोर जोर से आवाजें आने लगी ,लो जी आज के दिन की अच्छी शुरुआत हो गई सास बहू की तकरार से ,ऐसा क्यों होता है जिस बहू को हम इतने चाव और प्यार से घर ले कर आते है फिर पता नही क्यों और किस बात से उसी से न जाने किस बात से नाराजगी हो जाती है |जब मोहन बाबू के इकलौते बेटे अंशुल की शादी एक ,पढ़ी लिखी संस्कारित परिवार की लड़की रूपा से हुई थी तो घर में सब ओर खुशियों की लहर दौड़ उठी थी ,मोहन बाबू ने बड़ी ईमानदारी और अपनी मेहनत की कमाई से अंशुल को डाक्टर बनाया ,मोहन बाबू की धर्मपत्नी सुशीला इतनी सुंदर बहू पा कर फूली नही समा रही थी लेक... more »

करोड़ो खर्च कर के बीमारी से बचने के लिये जीन म्यूटेशन की प्रक्रिया कितनी "आम महिला " करवा सकती हैं

रचना at नारी , NAARI
तीन दिन पहले समाचार था की एक महिला ने ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिये ब्रेस्ट की सर्जरी करवा ली . उस महिला की माँ को कैंसर था और महिला *BRCA1 gene defect * को अपने अन्दर रखती थी . इस दिफेक्टिवे जीन से कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं . कैंसर होने की सम्भावना को रोकने के लिये महिला ने preventive double mastectomy करवा ली . साधरण शब्दों में कहे तो उन्होंने अपने ब्रेस्ट की सर्जरी करवा ली , नेचुरल टिशु को निकाल कर "फिल्लर " के साथ दुबारा ब्रेस्ट को बनाया जाता हैं . महिला का मानना हैं की ऐसा करना से उन्होने कैंसर होने की सम्भावना को कम कर लिया हैं . जो सम्भावना पहले ८७ % थी वो अब घट क... more »

शुगर ( Diabetes ) को दूर भगाए इस घरेलु आयुर्वेदिक उपचार से !!

पूरण खण्डेलवाल at शंखनाद
डाइबिटीज अथवा शुगर ( मधुमेह )एक ऐसी बीमारी है जो किसी को एक बार हो जाए तो लगातार एलोपेथिक दवाइयां लेनी पड़ती है और उसके बाद भी उससे छुटकारा दिला पाने में ये दवाइयां नाकाम रहती है ! आज में आपके सामने शुगर के लिए ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा लेकर आया हूँ जो आपको शुगर से निजात दिला सकता है और इसको घर पर तैयार किया जा सकता है ! जो बिलकुल सस्ता भी है ! घरेलु आयुर्वेदिक उपचार होने के कारण किसी तरह के नुकशान की कोई सम्भावना भी नहीं है ! आशा करता हूँ कि इस आयुर्वेदिक नुस्खे का प्रयोग करने वाले अपना अनुभव रूपी प्रतिक्रिया अवश्य देंगे ताकि अन्य लोग भी इसको आजमाने के लिए प्रेरित होंगे ! एक बात और यह ... more »

पवित्र प्रश्नवीरों की पुण्य स्मृति में

Samar at Mofussil Musings
*स्वयं-प्रमाणित प्रश्नवीरों के छापामार शिविर में अफरातफरी का आलम है.*असली प्रश्नवीरों के माथे पर छलक छलक पड़ रहा पसीना उनकी फर्जी और ज्यादातर स्त्रीवेशी फेसबुक प्रोफाइलों के पोंछे नहीं पूछ रहा. पवित्र प्रश्नवीर हनुमान संशय की रात में घिरे हुए थोड़ा कम पवित्र प्रश्नवीर अंगद से पूछ रहे हैं कि प्रश्नागार में विश्राम कर रही अन्य फर्जी प्रश्नात्माओं का क्या हुआ अंगद.. उन्हें मोर्चे पर क्यों नहीं भेज रहे? *छोटे और कम पवित्र प्रश्नवीर अंगद परेशान..* कैसे बताएं कि तात.. वे सब जाके लड़ के और धूलधूसरित होकर आये हैं और अब आपका फर्जी एजेंडा लागू करने को बिलकुल तैयार नहीं हैं. यहाँ तो लोगों को ब... more »

‘मधुकर श्याम हमारे चोर...’ : भैरवी आधारित एक कालजयी गीत

noreply@blogger.com (कृष्णमोहन) at रेडियो प्लेबैक इंडिया  
संगीत-प्रेमियों की साप्ताहिक महफिल ‘स्वरगोष्ठी’ में एक नई लघु श्रृंखला के पहले अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र उपस्थित हूँ। इस नई लघु श्रृंखला का शीर्षक है- ‘एक कालजयी गीत जिसने संगीतकार को अमर कर दिया’। इस श्रृंखला की प्रत्येक कड़ी में हम एक ऐसा राग आधारित, गीत प्रस्तुत करेंगे जिसके संगीतकार को आज प्रायः भुला दिया गया है। ये सदाबहार गीत आज भी रेडियो पर प्रसारित होते रहते हैं।

विविधा

कालीपद प्रसाद at अनुभूति
१ सुख के हर दिन, हर पल, ख़ुशी के नहीं होते महकते मखमली गुलाब भी निष्कंटक नहीं होते। सड़क पर खून से लटपत औरत दम तोड़ रही है संवेदनहीनता देखिये गाडी से झांककर कायर भाग रहे है। इंसान थे ,बन गए नेता ,इंसानियत खो गयी कहीं शायद मर गई ,हो गया मुर्दा ,उनमे अब संवेदना नहीं। गम -ए -ज़माना का आलम अजीब है आदमी ही आदमी का खून प़ी रहा है। ..............................................................................२ दुनिया फरेबी हो जाए तो होने दीजिये ,खुद न बदलिए. ले जाने दीजिये सब तगमे ,आप लालच न कीजिये। ना काया से ,ना मोह कोई रिश्तों से, क्षण भंगुर है सारा मौसम के अनुकूल ... more »

पुस्तक परिचय --- " मन पखेरू उड़ चला फिर " / सुनीता शानू

संगीता स्वरुप ( गीत ) at गीत.......मेरी अनुभूतियाँ
सुनीता शानू ब्लॉग जगत में कोई अनचीन्हा नाम नहीं है । कल उनकी पुस्तक " मन पखेरू उड़ चला फिर " काव्य संग्रह का विमोचन दिल्ली में हुआ । सुनीता जी का यह पहला काव्य संग्रह है , उनके मन पखेरू का एक पंख जिसने बहुत संतुलित अंदाज़ में उड़ान लगाई है और यह उड़ान मात्र कल्पना के आकाश की नहीं है बल्कि यथार्थ के धरातल पर चलते हुये अपनी भावनाओं को विस्तार दिया है । जीवन में आई कठिनाइयों से संघर्ष करते हुये आगे बढ़ना ही जिजीविषा है । जिसे सुनीता जी ने बड़ी सहजता से जिया है । उनकी कवितायें इस बात को प्रमाणित भी करती हैं । संवेदनशील मन मात्र अपनी ही व्यथा कथा नहीं कहता , इनसे जुड़े हर ... more »

" कहानी .......एक जोड़े की "

एक प्यारा सा जोड़ा था , दोनों ने तिल तिल , आपस में प्यार था जोड़ा , इस जोड़े हुए प्यार से उनकी , हयाते-राह खुशगवार हुई , जोड़ा जोड़ने की , ख्वाहिश लिए , खुद को दुनिया से, रिश्ते तमाम जोड़ता गया , हयाते-राह एक भूल हुई , दोनों ने प्यार के इस जोड़ में , अपने अपने हिस्से का प्यार , बराबर न जोड़ा , *प्यार का जोड़ गलत हुआ ,* *जोड़ा जोड़ में उलझ गया ,* *जोड़ जोड़ खुल गया ,* *प्यार तितर बितर हो गया ,* *जोड़ा जड़वत हो गया । * * ** "प्यार में हिसाब कैसा ..प्यार तो बे-हिसाब होना चाहिए "*

स्मृति शेष

sushila at वीथी
माँ की याद में जो २ मई २०१३ को हम सब को स्नेहिल यादें दे कर सदा-सदा के लिए विदा कह गईं ...... मगर माँ क्या कभी अपने बच्चों से दूर जा सकती है? हर पल महसूस करती हूँ उन्हें...... स्मृति शेष स्मृति शेष तेरे अवशेष खूँटी पर टँगा नीली छींट का कुर्ता जैसे अभी बढ़ेंगे तेरे हाथ और पहन लेंगे पीहर का प्यार बंधेज का पीला बंधा है जिसमें अभिमान तीन बेटों की माँ का पोते-पड़पोते करते रहे समृद्ध तेरे भाग्य को ! करती गई निहाल बेटियों, बहुओं की ममता । शांत, सलिल जल में मंथर चलती तेरी जीवन-नैया घिरी झंझावात में दौड़े आए तेरे आत्मज बढ़ाए हाथ कि खींच लें सुरक्षित जलराशि में । कैंसर का भँवर खींचता रहा तुझे... more »

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

18 टिप्पणियाँ:

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन !!
आभार !!

HARSHVARDHAN ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन। इस बुलेटिन ने तो ब्लॉगर डैशबोर्ड पर गर्मी से राहत पहुँचा दी। :)

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बारिश की रिमझिम देख राहत मिली .... सार्थक पोस्ट ।

Anupama Tripathi ने कहा…

सुन्दर भाव से सजा सुन्दर बुलेटिन ....!!
सभी को गरमी से निजात मिली ....शुभकामनायें ...!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बूंदो की रिमझिम शुकुन दायक है.:)

रामराम.

Maheshwari kaneri ने कहा…

बूंदो की रिमझिम के साथ सुन्दर बुलेटिन !!मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार शिवम जी..

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन !

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बढिया लिंक्स

Shikha Kaushik ने कहा…

सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने .आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.

अरुणा ने कहा…

आते ही सावन का एहसास हुआ .........छिडकाव के साथ लिंक भी बढ़िया ......

अजय कुमार झा ने कहा…

गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए ये शीतल बौछार बहुत जरूरी थी शिवम भाई । बकिया लिंक सब चकाचक है और बुलेटिन धकाधक । जाते हैं एक एक पोस्ट को पढने टीपने

Satish Saxena ने कहा…

बढ़िया लिंक्स के लिए धन्यवाद भाई ..

समयचक्र ने कहा…

सुन्दर पठनीय लिह्क मिले ....

Rekha Joshi ने कहा…

मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार शिवम जी.सुन्दर बुलेटिन

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सच में, फुहार पड़ी।

अभिमन्‍यु भारद्वाज ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर बुलेटिन
हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्‍त करने के लिये एक बार अवश्‍य पधारें और टिप्‍पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE

नई पोस्‍ट एक अलग अंदाज में गूगल प्‍लस के द्वारा फोटो दें नया लुक

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार !

Ramakant Singh ने कहा…

सुकून देती ब्लॉग बुलेटिन

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