Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 31 मई 2012

हम पोस्टों को आंकते नहीं , उन्हें एक दूसरे में बांटते भर हैं …..यानि आपके ब्लॉग खबरी हैं





इन दिनों हिंदी ब्लॉगजगत में सब कुछ सुनामी बिनामी टाईप चल रहा है । आ हमको पूरा अनुभव है इस बात का कि ब्लॉगिंग को अगर रफ़्तार दिलाए रखनी है तो फ़िर आप “ब्लॉगिंग को “इग्नोर नहीं कर सकते , जी मैं ब्लॉगिंग विषय की ही बात कर रहा हूं । मुझे लगता है कि ब्लॉगिंग एक ऐसा विषय है कि देर सवेर हर ब्लॉगर अपने आपको इस विषय पर व्यक्त करना या फ़िर व्यक्त होने देना चाहता है । हमारे जैसे हिंदी अंतर्जालियों , जिन्हें घर आकर सोने तक और फ़िर उठ् कर दफ़्तर जाने तक का बहुत सारा समय हिंदी अंतर्जाल से जुडे रहने के बावजूद समय कम जान पडता है , जो दर्जन भर ब्लॉग्स पर लिखने के अलावा साइट्स पर , और एक टिप्पणी करने वाले दोस्त होने के कारण , लगभग सामग्रियों का शिकारी सा हो जाता है ,उसे मैं अपनी तरह ही ब्लॉग खबरी मानता हूं । और हिंदी ब्लॉगिंग से तब भी जुडा रहता हूं जब दिनों तक न दिखाई दूं और शायद ऐसा हम सबके साथ है कि हम बहुत बार बहुत समय तक नहीं दिखते होने के बावजूद हर समय उपस्थित होते हैं , यहां मुझे डा.अमर कुमार याद आ जाते हैं , और लगता है कि खुशदीप भाई के ब्लॉग अमर कहानियां के अनमोल संकलन के लिए कहीं प्रकट हो जाएंगे और कहेंगे …बाबू मोशाय ….।

तो मैं बात कर रहा था कि पिछले दिनों कुछ सुनामी वाली पोस्टें आईं और आईं क्या रिक्टर पैमाने पर अब भी उसके झटके महसूस किए जा रहे हैं । साईड इफ़्फ़ेक्ट के रूप में महाविनाश टाईप भविष्यवाणी को फ़ेवर करने जैसी कुछ और ..आज कुछ तूफ़ानी करते हैं ..वाली पोस्टें आती जाती रहीं , यानि कुल मिलाकर बेशक भारत बंद रहा हो ब्लॉगिंग बंद होने जैसे दिखने के बावजूद बंद नहीं बल्कि खुल के खुल गई सी लगने लगी । ऐसी ही दंड पेल कार्रवाई के दौरान कुछ उठा पटक इस ब्लॉग बुलेटिन से भी जुडी हुई सी लगी ,हमने स्टेटस में देखा कि एक ही लिंक से एक दिन में तकरीबन सत्तर बार हिटिंग हो रही थी वो भी लगातार लगभग पंद्रह दिनों तक , माजरा कुछ कुछ नहीं पूरा पूरा समझ में आ रहा था , लेकिन हमने कहा यहां देश में हर कोई खुल्लम खेल फ़रूखाबादी तो खेल ही रहा है , अपन चुपचाप खबरी की ड्यूटी बजाए चलें । ब्लॉग बुलेटिन की आत्मा शिवम मिश्रा जी हैं और इसकी सेहत की पूरी चिंता के अकेले डाक्टर भी , हम लोग तो कंपाऊडर भर हैं , सो उनके इस बुलेटिन के बीपी , शुगर सब जांच का प्रयोगशाला ऊ मचईले रहते हैं और जाहिर है कि उनको ही सब बातों की खबर सबसे पहले रहती है । हम अक्सर उनके शुक्रगुज़ार इसलिए भी रहते हैं कि उस देश के मुझ सहित हर कृतघ्न देशवासी को याद दिलाते रहते हैं कि याद रखना , ये जो शब्द आज हम आप भभके से कह जाते हैं वो उन तमाम लोगों के अपने जान देने के ज़ज़्बे के कारण ही तो है । इस ऊपर के प्रकरण के बाद हमने टैंप्लेट में हल्का फ़ेरबदल किया तो फ़िर शरारत हुई । और फ़िर इसकी कोशिश होती रही और आगे भी होती रहेगी हम जानते हैं । यहां एक बात बताना समीचीन होगा कि मेरा इन लिंक वाली पोस्टों को लिखने , उनसे जुडने का एक मकसद रहता है उन पोस्टों का क्रास आवागमन , एक ब्लॉग को दूसरे से मिलवाना , बस यही एक उद्देश्य , यही एक प्रयास है हमारा और हमेशा रहेगा । मैं शुरू से मानता रहा था कि इन पोस्टों का लिंक देने वाली पोस्टों का लिंक उनके ब्लॉग पर छोडने का कोई लाभ नहीं और शायद मैंने एक आध पोस्टों पर ऐसी टिप्पणी भी की थी किंतु आखिरकार गलत साबित हुआ मैंने पाया कि ब्लॉग पोस्ट लिंक वाली सभी पोस्टों की लिंक उन ब्लॉग लेखकों तक पहुंचाने से जब वे उत्सुकतावश एक दूसरी पोस्ट पर जरूर पहुंचते हैं और एक आम पाठक जल्दी में भी आधे जे ज्यादा पोस्टों पर क्लिक करके देखने की कोशिश जरूर करता है , इसलिए मैंने भी पिछले दिनों सबको एक टिप्पणी के माध्यम से सूचना दी ।  पोस्टों को पढवाने के लिए तो आपके पास एग्रीगेटर हैं ही ,…हम तो समझिए कि आपके चित्रहार हैं …..तो मैं यही स्पष्ट कर देना चाह रहा था कि ,हम पोस्ट आंकते नहीं , हम पोस्ट बांटते भर हैं ……………..कहिए कि ब्लॉग खबरी हैं , विशुद्ध रिपोर्टर टाईप से….. चलिए आज के चित्रहार दिखाते हैं आपको




रियल ड्रामा और पॉलिटिक्स है ‘शांघाई’ में

-अजय ब्रह्मात्‍मज
अपनी चौथी फिल्म ‘शांघाई’ की रिलीज तैयारियों में जुटे बाजार और विचार के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी यह फिल्म दिल्ली से बाहर निकली है। उदार आर्थिक नीति के के देश में उनकी फिल्म एक ऐसे शहर की कहानी कहती है, जहां समृद्धि के सपने सक्रिय हैं। तय हआ है कि उसे विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार और स्थानीय राजनीतिक पार्टियों ने स्थानीय नागरिकों को सपना दिया है कि उनका शहर जल्दी ही शांघाई बन जाएगा। इस राजनीति दांवपेंच में भविष्य की खुशहाली संजोए शहर में तब खलबली मचती है, जब एक सामाजिक कार्यकर्ता की सडक़ दुर्घटना में मौत हो जाती है। ज्यादातर इसे हादसा मानते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह शक है कि यह हत्या है। शक की वजह है कि सामाजिक कार्यकर्ता राजनीतिक स्वार्थ के तहत पोसे जा रहे सपने के यथार्थ से स्थानीय नागरिकों को परिचित कराने की मुहिम में शामिल हैं।

Thursday, May 31, 2012


पारा चढ़ता जाये रे…
आज मई माह का आखिरी दिन है। यह सबसे गर्म रहने वाला महीना है। ज्येष्ठ मास का आखिरी मंगल जिसे यहाँ लखनऊ में ‘बड़ा मंगल’ के रूप में मनाया जाता है वह भी बीत चुका है। बजरंग बली को खुश करने लिए भक्तजन इस महीने के सभी मंगलवारों को पूरे शहर में नुक्कड़ों और चौराहों पर भंडारा लगाते हैं। खान-पान के आधुनिक पदार्थों का मुफ़्त वितरण प्रसाद के रूप में होता है। कम से कम मंगलवार के दिन शहर में कोई भी व्यक्ति भूखा-प्यासा नहीं रहने पाता। गरीब से गरीब परिवार के सदस्य भी छक कर प्रसाद ग्रहण करते हैं। लेकिन गर्मी का मौसम जब उफ़ान पर हो तो एक दिन की राहत से क्या हो सकता है। पारा तो चढ़ता ही जा रहा है। देखिए इस ताजे गीत में :
ग्रीष्म-गीत
  पारा चढ़ता जाये रे, आतप बढ़ता जाये रे...
बैठ बावरा मन सिर थामे गीत बनाये रे...Confused smile

हवा आग से भरी हुई नाजुक तन को झुलसाये
छुई-मुई कोमल काया अब कैसे बाहर जाये
रिक्शे तांगे बाट जोहते काश सवारी आये
निठुर पेट की आग बड़ी जो देह थपेड़े खाये
भीतर बाहर धधकी ज्वाला कौन बुझाए रे...
                      पारा चढ़ता जाये रे, आतप बढ़ता जाये रे...Sick smile




बृहस्पतिवार, 31 मई 2012


ईरान पर प्रतिबन्ध
कब और कैसे?
   आज के समय की तकनीकी ने कुछ लोगों के लिए दिन रात काम करते रहना संभव बना दिया है। तकनीकी के कारण हमें काम करने के लिए कार्यस्थल पर ही रुकना आवश्यक नहीं है, हम अपना काम घर पर भी ला सकते हैं या अपने साथ अपनी छुट्टियों पर ले जा सकते हैं और उसे ज़ारी रख सकते हैं। जब तक बिजली उपलब्ध है, हमारा काम भी बिना रुके चलता रह सकता है।
   पिछली सर्दियों में बर्फबारी ने कई स्थानों और वहां के लोगों को ठहरा दिया। बर्फीले तूफनों से कई जगहों पर पेड़ और शाखाएं टूटकर गिर गए जिससे सड़कें रुक गईं और लोगों को घरों में रहना पड़ा। बिजली के तार भी गिर गए जिससे लोगों को ठंड और अन्धकार में समय बिताना पड़ा, और बिजली के अभाव में वे कुछ भी कर सकने की स्थिति में नहीं रहे।
अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि वह ईरान से तेल आयात कम करे जबकि भारत की उर्जा जरूरतों को पूरा करने में ईरान की विश्वसनीय भूमिका है जबकि अमेरिका कभी भी भारत का विश्वसनीय साथी नहीं रहा है। कई दशक पहले तारापुर परमाणु रिएक्टर की यूरानियम फर्जी बहानो के आधार पर पश्चिमी देश बंद कर चुके हैं। पूरी दुनिया में अमेरिका व पश्चिमी देश विकासशील व छोटे देशों के लिये ब्लैक मेलर साबित होते हैं और धीरे-धीरे उस देश की संप्रभुता का ही हरण कर लेते हैं।
भारत यात्रा पर आए ईरान के विदेश मंत्री अली अकबर सालेही से बातचीत के बाद विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने स्पष्ट किया कि भारत की बढ़ती घरेलू मांग को देखते हुए ईरान तेल का महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है। सालेही ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के विशेष दूत के तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अगस्त में तेहरान में होने वाल गुट निरपेक्ष आंदोलन (नैम) की शिखर वार्ता का न्योता देने भारत आये हैं।


31 May, 2012


शब्दों की लुकाछिपी
- रश्मि प्रभा...

भावनाओं की आँधी उठे
या शनै: शनै: शीतल बयार बहे
या हो बारिश सी फुहार
सारे शब्द कहाँ पकड़ में आते हैं !
कुछ अटक जाते हैं अधर में
कुछ छुप जाते हैं चाँदनी में
कुछ बहते हैं आँखों से
और कभी उँगलियों के पोरों से छिटक जाते हैं
तो कभी आँचल में टंक जाते हैं
......
मैंने देखा है कई बार इनको
पानी के ग्लास में तैरते
तो कभी अपने बच्चों की मुस्कान में
महसूस किया है अपनी लम्बी सी सांस में
माँ की ख़ामोशी में
लोगों की अतिरिक्त समझदारी में
ईश्वर की आँखों में
कामवाली की बातों में
चिलचिलाती धूप में खड़े असहाय बच्चे में
.....


बृहस्पतिवार, 31 मई 2012


गुटका और सिगरेट हैं ओरल कैंसर की जड़
क्या आप तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, पान, गुटखा आदि के बगैर रह नहीं सकते? क्या इस कारण आपके मुंह में तकलीफ रहने लगी है? सावधान हो जाइए, विशेषज्ञ कहते हैं कि यह ओरल यानी मुंह का कैंसर हो सकता है। धर्मशिला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सर्जिकल ओनकोलॉजिस्ट डॉ. अंशुमन कुमार और डॉ. मुदित अग्रवाल बता रहे हैं कि ओरल कैंसर क्या है, यह कैसे होता है और इससे कैसे बच सकते हैं।
ओरल कैंसर यानी मुख का कैंसर, कैंसर के कारणों में आठवां प्रमुख कारण है। इसमें मुंह तो प्रभावित होता ही है, होंठ और जुबान पर भी इसका असर पड़ता है। वैसे यह गाल, मुंह के तालु, मसूड़ों और मुंह के ऊपरी हिस्से में होता है। इसके लक्षण आमतौर पर पकड़ में नहीं आते।

प्रारम्भिक जांच
ओरल कैंसर की जांच के दौरान सबसे पहले रोगी के स्वास्थ्य की पूर्व परेशानियों का पता लगाया जाता है। इसके बाद रोगी की धूम्रपान की आदतों का अध्ययन किया जाता है कि वह तंबाकू का आदी है या शराब का अधिक प्रयोग करता है या सिगरेट पीता है। विशेषज्ञ होठों, ओरल कैविटी, फारनेक्स (मुंह के पीछे, चेहरा और गर्दन) में शारीरिक परीक्षण द्वारा किसी भी तरह की सूजन, असामान्य या धब्बे वाले टिश्यू और घाव की जांच कर यह निर्णय लेते हैं कि कि कैंसर का कारण क्या है और वह किस स्थिति में है।

बृहस्पतिवार, 31 मई 2012


पेश है सबसे तेज लोड होने बाला ब्लॉगर टेम्प्लेट
5/31/2012 06:55:00 PM | Labels: Widget 0 टिप्पणियाँ

मनोज जैसवाल : सभी पाठको को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आज तकनीकी पोस्टो के क्रम में आपके लिए पेश है,टेम्पलेट की एक नई सीरिज़;; मेरा पहला ब्लॉगर टेम्पलेट इसको प्राप्त करने के लिए मेरी कोई शर्त नहीं है.आप चाहें तो इस ब्लॉग को फालो करें यह आपकी मर्ज़ी पर निर्भर करता है.फिलहाल मैं इसे विजेट के रूप में पेश कर रहा हूँ.

पेश है सबसे तेज लोड होने बाला  ब्लॉगर टेम्प्लेट


आज मैं बहुत खुश हूँ कि मैं एक नया  टेम्पलेट साझा कर रहा हूँ   सबसे तेज लोड होने बाला  ब्लॉगर टेम्प्लेट . यह टेम्पलेट्स कई सुविधाओं से युक्त है है. यह एक आकर्षक डिजाइन  है,  0.1 सेकंड. गूगल पेज स्पीड से पता चलता है 95/100 की गति लोड हो रहा है इस टेम्पलेट के लिए अपने उपयोगकर्ताओं को अपनी वेबसाइट लोड करने के लिए एक धीमी कनेक्शन के साथ बहुत आसानी से लोड करने में मदद करता है. इस टेम्पलेट में,यहाँ कुछ अद्वितीय है. जब माउस हार्वर तकनीक का प्रयोग किया गया है.आप डेमों पर जा कर इसे देख सकते हैं,व् डाऊनलोड पर क्लिक कर XML फाइल अपने हार्ड ड्राइव पर सेब कर सकते हैं.



अगले मोड़ पर ही...!
प्रस्तुतकर्ता अनुपमा पाठक at 31 मई 2012
किसी भी बात पर जब
मिथ्याभिमान होने लगे,
तो, याद रहे...
तुमसे भी कोई बड़ा है!
कितना भी
वृहद् हो गगन,
अपने मद में हो लें हम
कितने भी मगन;
वक़्त
सबको नाप लेता है,
सारे हिसाब देख लेने को
वो अगले मोड़ पर खड़ा है!

नैनीताल भाग 3


आज तुझसे प्यार करने को दिल चाहता हैं ...
तुझे छूने, तुझमें समाने को दिल चाहता हैं ....





हम सपरिवार ता. 9 को मुम्बई से चले थे  नैनीताल :----


नैनीताल भाग  1 पढने के लिए यहाँ क्लिक करे ...
नैनीताल भाग 2 पढने के लिए यहाँ क्लिक करे ....

सुबह का रोमानी मौसम



31/05/12


कलयुग आ गया ?
बहुत दिनो के बाद आज मन ने कहा चलो आज कुछ लिखे, तो सोचा क्या लिखूं? तभी मन ने कहा जो तुम इस दुनिया मे देखते हे वोही लिखो....यह कोई कहानी नही एक सच्ची घटना हे, जो आज मै आप सब के सामने रख रहा हुं कुछ आंखॊ देखी तो कुछ कानो सुनी... पिछली बार जब अपने शहर गया तो देखा कि बिल्लो भाभी(बदला हुआ नाम) जो उम्र मे हम से बहुत बडी थी, अपनी कोठी के गेट पर भिखारियो की तरह बेठी थी, बाल बिखरे हुये, लगता था शायद कई दिनो से नहाई ना हो,शरीर बहुत कमजोर सा,आंखे धंसी हुयी सी,तभी कोठी का गेट खुला ओर एक नोकर एक अखबार मे रात का बचा हुआ खाना भाभी के सामने रख गया, मुझे बहुत अजीब सा लगा, अजीब इस लिये कि कभी इस भाभी की आवाज ही इस घर का कानून होती थी, जो कह दिया सो कह दिया....ओर आज..... मैने भाभी को राम राम कही ओर उन के पांव छुये,थोडी देर तो मुझे ताकती रही फ़िर बोली राज तू कब आया, मैने कहा अभी अभी.... फ़िर भाभी खुब रोने लगी ओर अपने लडको को खुब कोसे ओर कहने लगी कि राज देख कलयुग आ गया हे, मैने इन बच्चो के लिये क्या कुछ नही किया ओर इन कमीनो ने अपनी बीबियो के कहने पर मेरा हाल क्या कर दिया....भाभी के पास से बहुत बदबू भी आ रही थी, मै कुछ देर बेठा ओर फ़िर अपने घर वापिस आ गया. फ़िर भाभी की बाते कि राज **कलयुग आ गया हे***


रायसीना हिल्स पर दादा की दावेदारी
Posted by Kulwant Happy "Unique Man"

प्रवीण कुमार की कलम / जी न्‍यूज डॉट कॉम के सौजन्‍य से
सभी सियासी दल चाहते हैं कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जिन्हें सभी प्यार से दादा कहते हैं, देश के सर्वोच्च पद पर सुशोभित हों। खुद दादा भी चाहते हैं देश का राष्ट्रपति बनना। अगर कोई नहीं चाहता है तो वह है 10 जनपथ जहां से देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस और कांग्रेस नीत यूपीए सरकार का संचालन होता है। हां खुद दादा की पार्टी ही नहीं चाहती है कि प्रणब दा राष्ट्रपति बनें। कांग्रेस का कहना है कि प्रणब कांग्रेस पार्टी के संकटमोचक हैं सो पार्टी उन्हें नहीं छोड़ सकती। दादा को पार्टी का संकटमोचक बताकर राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी नहीं बनाने के पीछे का सच कुछ और ही कहानी को बयां करती है। इस कहानी की बात हम आगे करेंगे, लेकिन उससे पहले हम दादा के अंतरमन में झांककर देखते हैं कि क्या वाकई दादा राष्ट्रपति बनना चाहते हैं? क्या दादा का कद वाकई इतना बड़ा हो चुका है कि देश उन्हें इस सर्वोच्च गरिमापूर्ण पद पर सुशोभित करे?


May 30, 2012


आप क्या कहते हैं?
कई बार कोई पोस्ट पढ़ते पढ़ते मन में हजारों सवाल उठने लगते हैं या कई यादें ताजा हो जाती हैं टिप्पणीई में अगर सब लिखने लगें तो पूरी पोस्ट ही वहां बन जाये। ऐसा ही कुछ आज मेरे साथ हुआ।
आज प्रवीण पांडे जी की पोस्ट पढ़ी, ' लिखना नहीं दिखना बंद हो गया था' http://praveenpandeypp.blogspot.in/2012/05/blog-post_30.html
पोस्ट पढ़ते ही कई सवाल घुमड़ रहे हैं मन में और जवाब तो आप लोगों से ही मिल पायेगें। तो बताइये
1) क्या आप के भी ब्लॉग के ऐसे सक्रिय पाठक है जो खुद ब्लॉगर नहीं है पर आप के लिखे का इंतजार रहता है उन्हें?
2) क्या ये पाठक जन सिर्फ़ पढ़ते ही हैं या टिपियाते भी हैं? अगर नहीं टिपियाते तो आप को कैसे पता चलता है कि वो आप के पाठक हैं?
3) क्या ये पाठक  आप के लिये पहले अजनबी थे या आप के अपने परिवेश में से ही हैं, जैसे आप के दोस्त, रिश्तेदार, सहकर्मी, बॉस, इत्यादी?


31 मई 2012


निखंड घाम में !

निखंड घाम में काम करता आदमी,
पसीने को भी तरसता है ,
बंद कमरों में बैठे भद्र जन
बाहर का तापमान नाप रहे हैं ||
निखंड घाम में बाहर जाता आदमी
होठों से प्यास को दबाता है,
मॉल में घूमते बड़े लोग
ठंडी बियर डकार रहे हैं ||
निखंड घाम में सफ़र करता आदमी
गमछे से मुँह ढाँपता है,
बी एम डब्ल्यू में बैठे लोग
पॉप संगीत पर ठहाके मार रहे हैं ||


Thursday, May 31, 2012


अपने लिए
वे
अपने लिए
नारी की
हरेक परत से
गुज़रना चाहते हैं
सकल पदार्थ
प्यार ,
अनुभूतियाँ ,
चमत्कार ,बाज़ार ,
सरंक्षण ,
सभी कुछ
अपनी सांसों में समेट
नारी की
नैसर्गिकता के
त्याग भाव से
चौंकते हैं



आवारा बादल - 2



आवारा बादल हूँ मैं


कभी यहाँ तो कभी वहाँ
बरसता रहा,

लेकिन अब
मरुभूमि पर बरसने की
चाहत है
बरसूँ कुछ इस तरह
कि खिल उठे फूल
रेगिस्तान में
और जलती हुई रेत
शीतल हो जाये,

आवारा बादल हूँ मैं   
मेरी फितरत है
भटकने की ,


Home » » पर्यावरण

पर्यावरण

By DEEPAK SHARMA KULUVI दीपक शर्मा कुल्लुवी









पर्यावरण
यूँ तो पर्यावरण की बातें हम सब करते हैं
लेकिन रात में घर का कचरा गली में भरते हैं
दोष देते सरकार को हम ऐसा क्यों होता है
शायद हमको जिम्मेदारी का एहसास नहीं होता है
जब तक हम न सुधरेंगेकोई भी नहीं सुधरेगा
इल्ज़ाम का क्या है लगाते रहो प्रदूषण बढ़ता रहेगा


20120531


तिनका तिनका जोड़ते फिल्मकार

अच्छी फिल्म बनाने के लिए एक अच्छी कहानी की ही नहीं, भारी-भरकम बजट की भी जरूरत होती है. इसीलिए कहा जाता है कि फिल्में बनाना बच्चों का खेल नहीं, यह पैसों का खेल है. आज के माहौल में तो यह और भी जोखिम भरा काम हो गया है, क्योंकि जहां स्टार फिल्म से जुड़ने के लिए मोटी रकम लेते हैं, वहीं पैसे लगाने वाले भी अच्छा रिटर्न चाहते हैं, जबकि बॉक्स ऑफिस पर सफलता की कोई गारंटी नहीं होती. ऐसे में कई फिल्मकार अच्छी कहानियां और सोच होने के बावजूद पैसों की किल्लत की वजह से आगे नहीं बढ़ पाते. ऐसे में कुछ फिल्मकारों ने एक नयी राह निकाल ली है. अब कई फिल्मकार अपने सोच को अंजाम देने के लिए क्राउड फंडिंग का सहारा ले रहे हैं. बॉलीवुड के इस नये ट्रेंड पर अनुप्रिया अनंत की विशेष रिपोर्ट..


बृहस्पतिवार, 31 मई 2012


आई. पी. एल. - यह खेल अपने को हज़म नहीं होता ..................
आई. पी. एल. ........यह खेल अपने को हज़म नहीं होता ....................

यह खेल अपने को हज़म नहीं होता
जीत जाए कोई तो खुशी नहीं होती
किसी के हारने पर ग़म नहीं होता |

इसमें ............

मिर्च मसाले हैं
ग्लैमर के तड़के डाले हैं
दर्शक ठुमकों के मतवाले हैं
खेल देखना छोड़ कर
चीयर गर्ल्स पर नज़र डाले हैं |

इसमें ...............

Wednesday, May 30, 2012


आखीर कब ?
गर्भपात बोला जाये या भ्रूण हत्या ये एक वध है..... फिर इसमें सजा इतनी कम क्यू ?  अगर डॉक्टर पकड़ी जाये तो उसका कुछ सालो के लिए प्रमाणपत्र ख़ारिज किया जाता है | पर उनका क्या जो लोग ये हत्या करवाते है माँ-बाप, रिश्तेदार उनको कोई सजा क्यू  नहीं ?
हर  बार खबर में डॉक्टर होते है...मै डॉक्टर का कोई पहलू ले नहीं रही हू क्यू की उनको पैसे की उतनी लालच दी जाती है आज ये डॉक्टर नहीं तो कोई अवैध दाया या डॉक्टर करेगी | पर दोष तो उनका है जो ये काम करवाना चाहते है| तो इनके लिए सजा का कोई नियम क्यू नहीं है ?
कब  लगेगी इस पे रोक? कब उठेगे हमारे कदम?  कब होगी बेटीया सच में लाडली? कब जागेगा ये हमारा समाज ?
आखीर कब ?




बृहस्पतिवार, 31 मई 2012


परिवार की पत संभाले, वही है पत्नी..!!
परिवार की पत संभाले, वही है पत्नी..!!(इज्जत)

(Courtesy Google images)
प्रिय मित्र,
एक बार, एक पति देव से किसी ने सवाल किया,"पति-पत्नी के बीच विवाह - विच्छेद होने की प्रमुख वजह क्या है?"
विवाहित जीवन से त्रस्त पति ने कहा,"शादी..!!"
हमें तो इनका जवाब शत-प्रतिशत सही लगता है.!!
मानव नामक नर-प्राणी,  वयस्क होते ही, अपना जीवन साथी पसंद करने के बारे में, अपनी बुद्धिमत्ता और समझदारी से,कुछ ख्याल को पाल-पोष कर,उसके अनुरूप किसी नारी के साथ विवाह के बंधन में बंध जाता है ।



खुदा की शनाख्त मुश्किल होगी !

  • क्रिकेट के मैदान के बाहर बैठी  छोटी लड़की  इसलिए दुखी है क्यूंकि उसे कोई क्रिकेट नहीं खेलने देता ,उसके बराबर  में बैठा लड़का वो इसलिए दुखी है क्यूंकि वो तीसरी गेंद पर ही आउट हो गया .वो दुखी है पर लड़की के दुःख में शामिल नहीं है दुःख का  सेंट्रल पॉइंट  बदलता रहता है,   हम  अपने  दुखो के "जूम" करके देखते है.!
  • मार्क्स ,ओशो,   कबीर या  विवेकानंद    इंटेलेकचुवलटी  में कुछ जोड़  करने वास्ते नहीं है  न कागजी हूनर को तराशने के लिए . वे  रूह की  मरम्मत वास्ते है . आवाज लगाते हुंकारे है जो बरसो से कह रहे है के  दुःख में इंटरफेयर  करो  दूसरो के दुःख में भी  .
  • तकलीफों के अपने तयशुदा रास्ते होते है   खुदा तकलीफों के दरमियाँ न कोई हदबंदी करता है न कोई स्पीड ब्रेकर जैसी किसी  चीज़ में यकीन . वो  शायद तकलीफों का बिचोलोया है ऐसा बिचोलिया जो अपने पेशे के लिए  बड़ा  संजीदा  है.तभी कुछ  नस्ले खुरदुरी मिलती है . वैसे इस दुनिया के  सारे साधारण लोग खुरदुरे ही है
  • .शरीर के निचले हिस्से से बेकार उस १४ साल के लडको को उसका पिता गोद में उठाकर क्लिनिक में लाता है .माथे पर छोटे छोटे दाने है , उनकी डिटेल बतलाते बतलाते वो उसके माथे पर गिर आये उसको बालो को ठीक करता है . लड़का कुछ अस्पष्ट  सा बोलता है .पर पिता में उसकी भाषा को  ट्रांसलेट कर देने  के टूल किसी "शै " ने दे दिए है   .ऐसे पिता याददाश्त को आसानी से नहीं फलांगेगे  .मेमोरी सैल में कई सालो जिंदा रहेगे . शायद ताउम्र !


धरती पर यमराज के एजेंट --- ललित शर्मा
ब्लॉ.ललित शर्मा, बृहस्पतिवार, 31 मई 2012

सुबह की सैर पर आज हल्की फ़ुल्की चर्चा ने गंभीर मोड़ ले लिया। बंसी काका कहने लगे - "अब बीमार होने से भी डर लगने लगा है, आम आदमी चाहता है कि बीमार ही न हो। सोचने से क्या होता है? पता नहीं कब धरती के यमराजों (डॉक्टर, दवा विक्रेता और दवा निर्माता) के हत्थे चढ जाए, बच गया तो घर द्वार बेच कर सड़क पर आ जाएगा अन्यथा राम नाम सत्य तो मान ही लो।" बंसी काका की बात पर मुझे भी सोचना पड़ा। अगर राम नाम सत्य हो गया तो परिजनों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी, परिजन की मृत्यू एवं कर्जे के दलदल में फ़ँसने की। धरती के यमराजों का गिरोह उन्हे कहीं का नहीं छोड़ेगा। हर डॉक्टर का अपना बंधा-बंधाया पैथालाजिस्ट है। अगर उसके सजेस्ट किए पैथालाजिस्ट के पास न जा कर किसी दूसरे के पास चले गए तो दोहरा खर्च होगा और डॉक्टर के बताए पैथालाजिस्ट से ही टेस्ट करवाने पड़ेगें । कई डॉक्टरों और पैथालाजिस्टों में इतनी सेटिंग होती है कि डॉक्टर स्वस्थ मरीज को भी बहुत सारी जाँच लिख देता है और पैथालाजिस्ट सैम्पल लेकर बिना जाँच किए ही रिपोर्ट दे देता है कि सारे टेस्ट नार्मल हैं। टेस्ट करने की ज़हमत कौन उठाए, बिना किए ही रिपोर्ट देकर लूट का माल आधा-आधा ईमानदारी से बांट लिया जाता है।


नहीं चाहिए बंद
बंद... बंद... बंद एक बार फिर बंद... कभी भारत बंद, कभी बिहार बंद, कभी आंध्र बंद... क्या हो गया है भारतवासियों को, क्या केवल बंद ही करना जानते हैं या कुछ खोलना भी जानते हैं। पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतें जहां लोगों को हलाकान किए हुए है... तो वहीं इस बंद ने उसे और तबाह कर दिया है। जगह-जगह चक्काजाम, रेल रूट बाधित, तोड़फोड़, प्रदर्शन... भइया, जिन ट्रेनों को आपने रोका हुआ है, उसके अंदर बैठने वालों का क्या कसूर... क्या उन्होंने ही पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए हैं। आम जनता को क्यूं परेशान कर रहे हो। क्या किसी ऑफिस में इस आधार पर छुट्टी मिली होगी कि आज भारत बंद है... सोचिए इस चिलचिलाती धूप में उनकी परेशानी... कि उन्हें जगह-जगह चक्काजाम में कितनी मुसीबत उठानी पड़ेगी। शायद 50 मिनट का रास्ता 2 घंटे में पूरे हों। उन छात्रों का क्या जिन्हें शिक्षण संस्थानों में जाना होगा। उन महिलाओं का क्या, जिन्हें दैनिक आवश्यकताओं के लिए बाहर निकलना होगा, उन बीमारों का क्या, जिन्हें तुरंत मेडिकल सुविधाएं चाहिए होंगी और रेल यात्रियों का क्या... जिन्हें नहीं पता होगा कि वे कब पहुंचेंगे। और एक बात और मैंने विजुअल देखे... जो भी उत्पात मचा रहे हैं.. या जो भी ट्रेनों को रोकने के लिए उस पर चढ़े हुए हैं... एक भी सिन्सियर नहीं दिख रहा। न कीमतों पर और न आम आदमी की समस्याओं पर... बस एक उन्माद दिखाई देता है जो चढ़ा है और भारतीयों की खास चारित्रिक विशेषता... मतलब बड़ी जल्दी ही उतर भी जाएगा।

तम्बाकू निषेध दिवस पर कुछ बातें

तम्बाकू निषेध दिवस पर कुछ बातें

मनोज कुमार

  • आज यानी 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। फिर भी बढ़ रहा है तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल और यह तम्बाकू धीमे जहर के रूप में समाज के सभी वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रहा है।
  • सार्वजनिक स्थानों पर खुले आम धूम्रपान से अनजाने में ही धूम्रपान नहीं करने वालों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
  • भारत का हर दूसरा व्‍यस्‍क पुरूष बीड़ी, सिगरेट या तंबाकु के नशे का गुलाम है।
  • अंतराष्‍ट्रीय व्‍यस्‍क तंबाकू सर्वेक्षण के मुताबिक भारत की 34.6 फीसदी व्‍यस्‍क आबादी को तंबाकू की लत है।
  • इनमें से 47.9 फीसदी आबादी पुरूषों की है। महिलाओं में यह आंकड़ा 20.3 फीसदी है।


असुविधा....

रहिमन यह घर प्रेम का

बृहस्पतिवार, 31 मई 2012


आह, त्रिलोचन को भूला मैं
शिरीष कुमार मौर्य हिन्दी की युवा कविता को पहचान देने वाले कवि हैं. उनकी कविताओं से तो हम सब परिचित हैं ही, लेकिन गद्य में भी उन्होंने खूब काम किया है. शिरीष भाई की आलोचना की एक बड़ी खूबी यह है कि वह एक बोझिल प्राध्यापकीय भाषा और उद्धरणों के सहारे बौद्धिकता का आतंक पैदा करने की जगह अपनी कविताओं की तरह ही गद्य में भी एक आत्मीय वातावरण रचते है. इधर  एक अच्छा काम उन्होंने यह किया है कि अब तक के लिखे को एक किताब के रूप में ले आए हैं. भला हो उनके मित्र का जिसने उनसे यह काम करा लिया. अब खबर यह है कि किताब का पहला संस्करण पहले तीन महीनों में बिक चुका है और अब अगला संस्करण शिल्पायन से शीघ्र होगा. हम जैसे ढीठ और कभी न संतुष्ट होने वाले दुष्ट दोस्तों के (दु)आग्रह को मानते हुए उन्होंने इसे परिवर्धित करने का भी निर्णय लिया है. ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ उनकी इस किताब - "लिखत-पढ़त" से त्रिलोचन पर लिखा एक आत्मीय आलेख. किताब " शाइनिंग स्टार " प्रकाशन से आई है और ज़्यादा जानकारी के लिए प्रकाशन  प्रबंधक  डी एस  नेगी से 8954341365 पर संपर्क  किया जा सकता है.

31 May, 2012


मैं बूँद ... कहाँ जाऊं ...?
Labels: अध्यात्म.हिंदी कविता. गुण., प्रेम;;भावनाएं., भक्ति ; विचार .
जब तक सांस चलती है तभी तक जीवन है ....!!हम चाहें तो सार्थक  कर्म कर उसे सवाँर  लें और प्रभु के चित्त में स्थान पा लें  या ....पछताते रहें .....समय तो निकल ही जायेगा ...रुकेगा तो नहीं ............
  आँख से 
छूट कर ...
टूट कर ....
गिर क्यूँ गई ....?
पात सी झर गयी ...!
मैं बूँद ...कहाँ जाऊं ...?
चैन न पाऊँ ...अकुलाऊँ .!!
प्रभु चित्त ही मेरो देस ..
अब काहे  पछताऊँ ?
नयन नीर ..धर धीर ..
पी लिए होते ...!
मन का -
मध्यम
तीवर स्वर(तीव्र म) ..
बाँध लिया होता ...

बुधवार, 30 मई 2012


आज का प्रश्न-307 question no-307
आज का प्रश्न-307 question no-307

प्रश्न-307: गाड पार्टिकल्स God Particles या  ईश्वरीय कण क्या हैं?

चलिए इसी के साथ मुझे अब दीजीए इज़ाज़त , कल मिलेगा कोई और ब्लॉग खबरी आपके साथ फ़िर कुछ चुनिंदा लिंक्स के साथ । शुक्रिया और आभार । अपना विश्वास और स्नेह बनाए रखें ।

54 टिप्पणियाँ:

sonal ने कहा…

badhiyaa

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

ढेरों अनपढ़े सूत्र, पढ़ना पड़ेगा..

shikha varshney ने कहा…

विस्तृत बुलेटिन है.

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

झा जी, का कहें..? बिस्तरवा से उठते हो मोबाइल पर ही आपकी यह रपट पढ़ी,आज तक की सबसे बढ़िया चर्चा लगी मुझे!लगा कि सामने बैठे बांच रहे हैं!सहिये में,अगर हमरे हाथ मा एक्को भी पुरस्कार देने का स्कीम होता तो 'आल-टाइम बेस्ट ब्लॉग-चर्चा' से ज़बरिया नवाज ही देते|

...दो बातें बड़ी खास रहीं ,एक तो आपका ब्लॉग-पोस्टों के बारे में खुलकर बतियाना और सभी पोस्टों का अधिकतर सन्देश यहीं पढ़ा देना.जो लिंक को खोलने की ज़हमत न करे,उसे भी काफ़ी-कुछ यहीं पढ़ने को मिल जायेगा.इससे लोग आकर्षित होते हैं.

...कैसे करते हैं इतना सब ? फेसबुकवा में इतनी मिसाइल छोड़ते हैं सरकार-बहादुर के ऊपर ,कि किसी दिन लादेनवा की तरह ऊ भी धरा जायेगा !
...दस-बारह ब्लॉग नहीं,फाइटर-प्लेन हैं आपके पास !

बहुत आभार,उठते ही सबसे पहले आपकी ही खबर ली !

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

...रश्मि जी का लिंक कुछ गडबड-सा दिखता है,उसे देख लीजियेगा और हाँ,हमारा पहला कमेन्ट तो स्पैम में गया..?

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर बुलेटिन ,,,,

RECENT POST ,,,, काव्यान्जलि ,,,, अकेलापन ,,,,

अजय कुमार झा ने कहा…

संतोष त्रिवेदी ने आपकी पोस्ट " हम पोस्टों को आंकते नहीं , उन्हें एक दूसरे में बां... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

झा जी, का कहें..? बिस्तरवा से उठते हो मोबाइल पर ही आपकी यह रपट पढ़ी,आज तक की सबसे बढ़िया चर्चा लगी मुझे!लगा कि सामने बैठे बांच रहे हैं!सहिये में,अगर हमरे हाथ मा एक्को भी पुरस्कार देने का स्कीम होता तो 'आल-टाइम बेस्ट ब्लॉग-चर्चा' से ज़बरिया नवाज ही देते|

...दो बातें बड़ी खास रहीं ,एक तो आपका ब्लॉग-पोस्टों के बारे में खुलकर बतियाना और सभी पोस्टों का अधिकतर सन्देश यहीं पढ़ा देना.जो लिंक को खोलने की ज़हमत न करे,उसे भी काफ़ी-कुछ यहीं पढ़ने को मिल जायेगा.इससे लोग आकर्षित होते हैं.

...कैसे करते हैं इतना सब ? फेसबुकवा में इतनी मिसाइल छोड़ते हैं सरकार-बहादुर के ऊपर ,कि किसी दिन लादेनवा की तरह ऊ भी धरा जायेगा !
...दस-बारह ब्लॉग नहीं,फाइटर-प्लेन हैं आपके पास !

बहुत आभार,उठते ही सबसे पहले आपकी ही खबर ली !

अजय कुमार झा ने कहा…

@संतोष त्रिवेदी जी ,
आजकल टिप्पणियों का स्पैम में चले जाना गायब हो जाना सब गूगल बाबा की जिम्मेदारी है । रश्मि प्रभा जी की पोस्ट का लिंक ठीक कर दिया है । आपके शब्दों के लिए शुक्रिया और आभार माट साब :)

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

सत्य कथन ..आपके द्वारा आंकी पोस्ट बांटने लायक ही हैं ....आज तो पढना ही पडेगा बाप ! हा हा हा धन्यवाद मेरी पोस्ट को सार्थक बनाने के लिए ....

रश्मि प्रभा... ने कहा…

इतना कुछ मिल जाता है कि कई बार लगता है - आज का दिन बढ़िया रहा

मनोज कुमार ने कहा…

चर्चा में लिंक के साथ कुछ विचार-विमर्श हो तो चार चांद लग जाते हैं। झा जी ऐसी ही चांदनी बिखेरते रहें।

Darshan Lal Baweja ने कहा…

मेहरबानी जनाब की

Kulwant Happy ने कहा…

मान गए आपको और आपकी पारखी नजर को। जय ब्‍लॉग बुलेटिन की टीम की।

ZEAL ने कहा…

gajab ki charchaa..dhanyawaad .

सञ्जय झा ने कहा…

itta thel dete hain ke relam-pel ban jata hai bechara pathak......

blog-chalittar par apki rai bahut jancha.....

antim link sawalon ke jawaw nahi mila....


pranam.

Anita kumar ने कहा…

अजय जी आज पहली बार ये ब्लॉग बुलेटिन का खजाना देख रही हूँ। इसमें से कई ब्लॉग ऐसे हैं जिन्हें मैं पहले से नहीं पहचानती थी। मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए और मेरा ब्लॉग दायरा विस्तृत करने के लिए मैं आप का किन शब्दों में धन्यवाद कहूं समझ नहीं पा रही।

Maheshwari kaneri ने कहा…

कमाल है रश्मि जी बहुत सुन्दर चर्चा...

रश्मि प्रभा... ने कहा…

ये मैंने नहीं किया .... मेरे छोटे भाई ने किया है ... कमाल है न अजय भाई

Unknown ने कहा…

अजय कुमार झा जी मेरी पोस्ट को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए आपका धन्यबाद.

कुमार राधारमण ने कहा…

सब आपही घीच लीजिएगा तो बाकी मंच त भरभराइए जाएगा।

Anupama Tripathi ने कहा…

vistrit ..bahut badhia buletin ...

bahut abhar ..Ajay ji ....choti si boond ko yahan sthan mila ...!!!

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice.
thanks

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

अजय बाबू!
आपका बुलेटिन देखकर बुझाता है कि सहवाग या श्रीकांत दसवां स्थान पर खेलने आ गया है.. जब सुरू हुआ था बुलेटिन तब आप गायब रहते थे.. अब जब विकेट गिरने लगा है त ऐसा क्रीज थामे हैं कि दनादन सेंचुरी ठोंके जा रहे हैं.. लगे रहिये!!

vandana gupta ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति…………सुंदर बुलेटिन

अजय कुमार झा ने कहा…

रश्मि दीदी ,

सब आपके स्नेह का प्रताप है दीदी । स्नेह बनाए रखिएगा ।
डॉ अनीता कुमार जी ..स्वागत है आपका और शुक्रिया भी ।

संतोष माट साब ..खबरची का सबसे असलका ईनाम होता है उसका खबर का प्रतिक्रिया , ऊ हमको भरपूर मिलता है आप सबका

दर्शन कौ जी ....हा हा हा जी बिल्कुल पढना पडेगा

मनोज भाई ..वो तो बस पिछले दिनों हुई कुछ नरम गरम पर चल गई ये कलम

सलिल सर ..सर ई ट्वेंटी ट्वेंटी का जमाना भले हो लेकिन अपना ऊ तिरासी विश्वकप वाला बात नय न हो सकता है , बैटिंगवा कोईयो करे ..ई पूरे टीम की सफ़लता ही कही जाएगी

अनुपमा जी , सुमन जी , मनोज जी , सोनल जी , प्रवीण जी संजय भाई , दिव्या जी ,राधारमण जी, कुलवंत जी , दर्शन जी माहेवश्वरी जी एंव सभी पाठकों का शुक्रिया और आभार

शिवम् मिश्रा ने कहा…

अजय भाई आजकल आप टॉप गिअर मे भागा रहे है बुलेटिन की रेल ...जय हो ... चलने दीजिये ऐसे ही !

विनोद सैनी ने कहा…

युनिक ब्‍लाग की पोस्‍ट को पिछले हफते इस मंच पर जगह देने के लिये आपका आभार यह मंच ब्‍लागरो को इक्‍टठा करने मे सहयोगी रहा है इसके लिये आपका धन्‍यवाद

युनिक तकनीक ब्‍लाग

Coral ने कहा…

बहुत सुन्दर संकलन !

nilesh mathur ने कहा…

pahlee baar dekha hai, bahut hee sundar prastuti hai, dhanyawad.

Abhi K ने कहा…

Nice information, thank you for sharing it. Termites Control Service Nagpur

Shivam Bisht ने कहा…

vary nice good information

kavya sharma ने कहा…

Book Ahmedabad to mumbai cab hassle free, comfortable and affordable taxi cab service nearby your location to travel within city or outstation across India Book Sedan, Hatchback and SUV using Meru app, website or call 90810 12222 Indias trusted car rental service, AC cabs, advance booking, lowest fares, and trained drivers"

Online emerald stone ने कहा…

India No 1 – Natural gemstone Company. Buy Online Govt Lab Certified Natural Gemstones in wholesale rates direct from Gemstones Cutting Factory. We sell all original gemstones like Emerald Gemstone, Ruby Gemstone, Opal Stone, Blue Sapphire Gemstone, Yellow Sapphire Gemstones, Red Coral and Amethyst Gemstone etc.Fire opal gemstone

Designer Sarees Online ने कहा…

Buy latest designer Sarees Online in India. Shop for latest trendy and range of Designer, Silk, Cotton, Lehenga Sarees, Half Sarees and Party Wear Sarees Designs.Sarees for wedding & various occassions. latest online collection of Designer Sarees for Women.

veere ने कहा…

We provide a platform where users can search top lawyers of India . Clients can raise a query and get free legal advice from the Best Advocates in India. Apart from being useful for users to search lawyers and seeking legal advice

Lawdocs ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Lawdocs ने कहा…

At Lawdocs we provide a platform where users can find top lawyers of India . Clients can ask a query and get free legal advice from the Best lawyers in India. Apart from being useful for users to get online legal service

Free legal advcie

Lawdocs ने कहा…

Create clearly defined, dispute free rental agreements. Fill in the blanks to create, eSign and git it done.

Read more : https://www.lawdocs.in/rent-regulation/

Sharma ने कहा…

Want Free Legal Help? Visit our website now https://www.lawdocs.in/ and call us at 9468774000

Lawdocs ने कहा…

Shops And Establishments License Provide a happy shopping experience.
https://www.lawdocs.in/shops-and-establishments-license/

Emily Peterson ने कहा…

JetBlue Airlines Reservations HelpDesk 1-800-801-9708, Save upto 40%. Hurry, Call Now for Flight cancellation, Baggage, Change Flight, Reservation deals Help.

jet blue official website
JetBlue air reservations
JetBlue airlines book a flight
JetBlue airlines flights booking
JetBlue airlines tickets
jetblue airlines reservations
Jetblue Airline Tickets

Emily Peterson ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Airlines Rservations Helpdesk ने कहा…

Good Post! it was so good to read and useful to improve my knowledge as an updated one, keep blogging. After seeing your article, I want to say that also a well-written article with some very good information which is very useful for the readers.... thanks for sharing it and do share more posts like this.
delta airlines official site

Emily Peterson ने कहा…

The biggest cost which I incur on my travel is flight tickets.The cost of flight tickets determine the cost of my trip.For most of us we cancel many trips because we get our leaves approved at the last moment and the cost of flight tickets become so costly that the entire trip goes beyond our budget.
The biggest cost which I incur on my travel is flight tickets.The cost of flight tickets determine the cost of my trip.For most of us we cancel many trips because we get our leaves approved at the last moment and the cost of flight tickets become so costly that the entire trip goes beyond our budget.
Southwest Airlines Reservations

Lexy Richard ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Lexy Richard ने कहा…

To travel astutely go for United airlines reservations. It is straightforward that it is so hard to visit each site to get OK flight tickets. To help you in finding modest deals, the customers get a chance to look at flight tickets from an alternate site which gives them a thought of a few flight fares.
United airlines reservations

FlightTripsMart ने कहा…

There are many posts on the internet that claim to explain how to book the cheapest airline tickets. Most of them simply advise you to book as early as possible, while others are cleverly trying to promote their own booking sites / services. Others suggest booking on specific days of the week and hours of the day. A lot of people come up to me and say they need to go somewhere if I have a way to get them to buy cheap tickets. I have no secret to getting cheap tickets, especially when someone has set the date and destination and has no flexibility. On the other hand, if you are flexible about dates and destinations, there are many things you can fly at a cheaper price.
SouthWest Airlines Flight Reservations

Emily Peterson ने कहा…

There’s lot of posts on the net that claim to explain how to book cheapest flight tickets. Most of them simply advise you to book early while others subtly try to promote their own booking sites/services. Others propose booking on particular day of the week and time of the day. Lot of people approach me stating they need to go somewhere and if I have a way to get them cheap tickets. I don’t have any secret sauce for getting cheap tickets particularly when someone has a date and destination fixed and doesn’t have any flexibility. On the other hand if you’re flexible with date and destination, there’s a lot that can be done to fly at much cheaper price.

jetblue airlines flights
jetblue airlines tickets

Emily Peterson ने कहा…

For most trips, airfare is the most expensive part of the trip. While prices for transatlantic flights have gone down in recent years, they can still put a sizeable dent in any travel budget. Whether you’re a budget solo traveler or a family looking to vacation abroad, finding a cheap flight deal can be what makes or breaks your trip.

allegiant airlines book a flight
allegiant airlines website

Flight Uncle ने कहा…

For most travel, airfare is the most expensive part of the trip. Although transatlantic flight prices have dropped in recent years, they can still cut any travel budget considerably. Whether you're traveling alone on a budget or a family looking to travel abroad on vacation, finding a cheap ticket can make or break your trip.
last minutes flight deals

Flight Uncle ने कहा…

Big savings on Christmas flights! Grab heavy discounts on cheap Christmas flights on FligtUncle. Book now and save big on cheap airlines flights!
Christmas Flights Deals

Lufthansa Airlines Flights ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Lufthansa Airlines Flights ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
jetBlue Airlines ने कहा…

There’s lot of posts at the internet that declare to provide an explanation for the way to book most inexpensive flight tickets. Most of them surely advocate you to book early even as others subtly attempt to sell their personal reserving sites/services. Others endorse reserving on specific day of the week and time of the day. Lot of human beings method me pointing out they want to move someplace and if I even have a manner to get them reasonably-priced tickets. I don’t have any mystery sauce for purchasing reasonably-priced tickets in particular whilst a person has a date and vacation spot constant and doesn’t have any flexibility. On the alternative hand if you’re bendy with date and vacation spot, there’s loads that may be executed to fly at a great deal inexpensive price.
jetblue airline flights tickets

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार