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गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

बस एक छोटी सी गुज़ारिश - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

कल १३ अप्रैल है ... यु तो हम में से काफी लोगो की ज़िन्दगी में इस दिन का कोई न कोई ख़ास महत्व जरूर होगा ... किसी का जन्मदिन या फिर किसी की शादी की वर्षगाँठ ... कुछ भी हो सकता है ... खैर जो भी हो ... आप आज उस खास पल को याद जरूर कीजियेगा जिस पल ने आप की ज़िन्दगी को ऐसे हजारो खुशनुमा पल दिए !

बस एक छोटी सी गुज़ारिश है ... साथ साथ याद कीजियेगा उन हजारो बेगुनाह लोगो को जिन को आज के ही दिन गोलियों से भुन दिया गया सिर्फ इस लिए क्यों की वो अपने अधिकारों की बात कर रहे थे ... आज़ादी की बात कर रहे थे ... जी हाँ ... आप की रोज़मर्रा की इस आपाधापी भरी ज़िन्दगी  में से मैं कुछ पल मांग रहा हूँ ... जलियाँवाला बाग़ के अमर शहीदों के लिए ... जिन को आजतक हमारी सरकार ने शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जब कि देश को आजाद हुए भी अब ६५ साल हो जायेंगे !!!

अन्दर जाने का रास्ता ... तंग होने के कारण जनरल डायर अन्दर टैंक नहीं ले जा पाया था ... नहीं तो और भी ना जाने कितने लोग मारे जाते !!

बाग़ की दीवालों पर गोलियों के निशान

यहाँ से ही सिपाहियों ने भीड़ पर गोलियां चलाई थी

हत्याकांड का एक (काल्पनिक) चित्र

शहीद स्मारक

सूचना


जलियाँवाला बाग़ के सभी अमर शहीदों को हमारा शत शत नमन !!

जय हिंद !!
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    अब आज्ञा दीजिये ...
     
    जय हिंद !!

22 टिप्पणियाँ:

shikha varshney ने कहा…

काफी कुछ समेटे है आज का बुलेटिन.
जलियावाला बाग के अमर शहीदों को शत शत नमन.

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…




जलियांवाला बाग़ के अमर शहीदों को कोटि कोटि नमन !

बंधुवर शिवम् मिश्रा जी
वंदे मातरम् !

आपके सचित्र लघु आलेख के लिए आभार !
और
ब्लॉग बुलेटिन में संकलित लिंक्स के लिए शुक्रिया!

शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
-राजेन्द्र स्वर्णकार

vijay ने कहा…

जलियाँवाला बाग़ के अमर शहीदों के लिए ... जिन को आजतक हमारी सरकार ने शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जब कि देश को आजाद हुए भी अब ६५ साल हो जायेंगे !!! सही प्रश्न उठाया है आपनें .सचिन को भारत रत्न देने की मांग करतें है पर इस विषय पर मौन क्यूँ ?ब्लॉग बुलेटिन में संकलित लिंक्स अच्छे लगे,

vijay ने कहा…

जलियाँवाला बाग़ के अमर शहीदों के लिए ... जिन को आजतक हमारी सरकार ने शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जब कि देश को आजाद हुए भी अब ६५ साल हो जायेंगे !!! सही प्रश्न उठाया है आपनें .सचिन को भारत रत्न देने की मांग करतें है पर इस विषय पर मौन क्यूँ ?ब्लॉग बुलेटिन में संकलित लिंक्स अच्छे लगे,

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आभार!
शहीदों को शत्-शत् नमन!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

अमर शहीदों को शत शत नमन.....

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

शहीदों को नमन, बहुत प्रभावी बुलेटिन।

विवेक रस्तोगी ने कहा…

सरकार को जनता के खून से कोई मतलब नहीं है, वो तो बस खून चूसना जानती है, खून बहाने वालों को वो भाव नहीं देती।

Soniya Gaur ने कहा…

"शहीदों की चिताओं में लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का यहीं नामो-निशाँ होगा"
शहीदों को मेरा शत-शत नमन..

Crazy Codes ने कहा…

ek badhiya sankalan hai... kayi anchhuyi blogs ki jaankaari mil gayi...

Anupama Tripathi ने कहा…

सत्यम ...शिवम ...सुन्दरम ....
आपके भाव अनमोल हैं शिवम ...
जालियां वाला बाग कि घटना याद रखने के लिए आभार आपका और नमन शहीदों का ...
एक बहुत पुरानी कविता, बचपन में याद की थी ...किसने लिखी है नहीं मालूम ....

"ये गंगा और जमुना नर्मदा का दूध जैसा जल ...
हिमालय की अडिग दीवार और ये मौन विन्ध्याचल ....
बताती है आरावली की हमें यह शांत सी छोटी ,
यहीं रना ने खायी देश हित में घास की रोटी ...
अगर इन रोटियों का ऋण चुकाना भी बगावत है ....
तो मैं ऐलान करता हूँ कि मैं भी एक बागी हूँ ...!!!!"

बहुत बढ़िया बुलेटिन है .....
ऐसे संकलन में मैं हूँ ...बहुत बहुत आभार ....!!

Anupama Tripathi ने कहा…

अरे अरे ...कमेन्ट कहाँ गया ....??????

Anupama Tripathi ने कहा…

सत्यम ...शिवम ...सुन्दरम ....
आपके भाव अनमोल हैं शिवम ...
जालियां वाला बाग कि घटना याद रखने के लिए आभार आपका और नमन शहीदों का ...
एक बहुत पुरानी कविता, बचपन में याद की थी ...किसने लिखी है नहीं मालूम ....

"ये गंगा और जमुना नर्मदा का दूध जैसा जल ...
हिमालय की अडिग दीवार और ये मौन विन्ध्याचल ....
बताती है आरावली की हमें यह शांत सी छोटी ,
यहीं राणा ने खायी देश हित में घास की रोटी ...
अगर इन रोटियों का ऋण चुकाना भी बगावत है ....
तो मैं ऐलान करता हूँ कि मैं भी एक बागी हूँ ...!!!!"

बहुत बढ़िया बुलेटिन है .....
ऐसे संकलन में मैं हूँ ...बहुत बहुत आभार ....!!

Maheshwari kaneri ने कहा…

शहीदों को नमन..बहुत बढ़िया बुलेटिन है .....

vandana gupta ने कहा…

शहीदों को शत्-शत् नमन!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

शहीदों को मेरा शत-शत नमन...ब्लॉग बुलेटिन की बेहतरीन प्रस्तुति..

MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

जलियांवाला बाग़ के अमर शहीदों को कोटिशः नमन !

vikram7 ने कहा…

जलियाँवाला बाग़ के अमर शहीदों के लिए ... जिन को आजतक हमारी सरकार ने शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जब कि देश को आजाद हुए भी अब ६५ साल हो जायेंगे !!! बहत वाजिब सवाल उठाया है ,आपने . ब्लॉग बुलेटिन में अच्छे लिंक्स संकलित किये है ,मेरी रचना को सामिल करने के किये धन्यवाद

सुनीता शानू ने कहा…

शहीदों को शत-शत नमन। मेरी पोस्ट को स्थान दिया धन्यवाद शिवम। अभी मन ठीक नही बाकी फिर कभी पढ़ूगी भाई।

कुमार राधारमण ने कहा…

इतिहास की यादें ताज़ा कीं आपने।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

बहुत कुछ समेटे हुए आज के दिन को याद करती बुलेटिन!!

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

"शहीदों की चिताओं में लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का यहीं नामो-निशाँ होगा"
शहीदों को मेरा शत-शत नमन..

मेरी पोस्ट को स्थान दिया धन्यवाद ।

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