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सोमवार, 5 मार्च 2012

मिठाई के नाम पर जहर का कारोबार - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

फर्रुखाबाद से मैनपुरी जिले में मिलावटी मिठाई की सप्लाई जमकर की जा रही है। नगर के अलावा कस्बाई व देहाती इलाकों में मिलावटी व रेडीमेड मिठाई की भरपूर खपत है।

उल्लेखनीय है कि जनपद के बड़े और छोटे मिष्ठान भण्डारों, चाय व परचून की दुकानों पर लाल, पीले व सफेद रंग की मिठाइयां बड़ी प्लेटों में सजी दिख जाती है। यह मिठाई रूपी जहर पड़ोसी जनपद फर्रुखाबाद से मारुति वैन में भरकर सप्लाई किया जाता है। दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के उद्देश्य से मिठाई के नाम पर जहर बेचने से परहेज नहीं कर रहे हैं।

वैसे भी आसमान चूमती महंगाई के दौर में लोग सस्ती चीजें तलाशते हैं। 35 से 37 रुपये किलो चीनी बिक रही है और खोया से बनी मिठाई मात्र 120 रुपये किलो आसानी से मिल जाती है। जानकारी के अनुसार फर्रुखाबाद से मारुति वैन में भरकर आने वाली खोए की मिठाइयां दुकानदार को 60 रुपये किलो थोक में मिल जाती हैं। इन मिठाइयों को दुकानदार 120 रुपये किलो तक बेचकर दूने दाम कर लेते हैं। उन्हें इस बात से कोई लेना देना नहीं है कि मिठाई खाने वाला मरेगा या जिंदा रहेगा। मिलावटी खाद्य पदार्थोँ की बाहरी जनपदों से सप्लाई को जिले के खाद्य निरीक्षक भी नहीं देख रहे हैं। 

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आखिर किस बात का इंतज़ार है ... क्या प्रशासन इस बात का इंतज़ार कर रहा है कि कोई बड़ी घटना हो जाए उसके बाद ही कारवाही की जायेगी ??

क्यों ना समय रहते इन मिलावटखोरो को पकड़ काफी सारी जाने बचा ली जाएँ !!
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सादर आपका 
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*ना लगाओ मुझे कोई भी रंग * *सखी मोहे तो भाए केवल श्याम रंग * * * *कैसा मधुर मिलन होगा * *जब साँवरे से मिलु मै भी साँवरी बन * *सखी मोहे तो भाए केवल श्याम रंग * * * *यह मधुर मिलन तब और खिले * *जब स्वयं श्या...
posted by मनोज पाण्डेय at प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ
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*श्रीमती अनिला मिश्रा - मेरी प्यारी माँ * *हैप्पी बर्थडे ... अम्मा !!*

दोस्तों इस बार होली का हुडदंग शुरू करती हूँ हाइकू के संग .........पहली बार कोशिश है आप सबके समक्ष रखने की .......... उम्मीद है खरी उतरूंगी और यदि कोई त्रुटि हो तो मार्गदर्शन कीजियेगा मुख गुलाल न...

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जीवन का भार ...अपने अपने हिस्से का ...सभी वहन करते हैं ...!!संवेदनशील मन संवेदना से जुड़ा ही रहता है .....कभी लगता है ......जीवन में दुखों का अंत ही नहीं .........!!फिर भी मन के अन्दर एक ज्वलंत जिजीविषा...

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पहले लेख में मैंने बताया था कि अब सातताल मुश्किल से 200 मी की दूरी पर ही है, अब वहाँ से आगे। यहाँ से सडक के किनारे सीधे हाथ की ओर एक पैदल मार्ग नीचे की ओर जाता दिखाई दे रहा था। जबकि सडक दूसरी ओर मुड गयी थ...
पान सिंह तोमर: यह वंचितों और पीडि़तों की कविता है  


posted by Ramkumar Singh  at रामकुमार सिंह 
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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिंद !!

17 टिप्पणियाँ:

Satish Saxena ने कहा…

बड़े प्यारे लिंक लगाये हैं भैया !
आभार आपका !

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

रोचक पठनीय लिंक्स,अच्छी प्रस्तुति


NEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...

अनुपमा पाठक ने कहा…

आभार!

shikha varshney ने कहा…

पढ़ आये हैं सब लिंक ..धन्यवाद.

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

माता जी का जन्मदिन मुबारक हो ...अम्मा को हार्दिक बधाई ....
होली की शुभकामनायें ...

अजय कुमार झा ने कहा…

इस ज़हर के कारोबार को साथ में सटे हुए बडे शहरों में भी बखूबी फ़ैलाया जा रहा है । दुख की बात है कि सब कुछ प्रशासन को पता होते हुए भी हर साल न सिर्फ़ ऐसा हो रहा है बल्कि ये बढ ही रहा है । सही समय पर सचेत करने के लिए आभार मिसर जी ।

पोस्ट कतरे , सब के सब बेहद खूबसूरत हैं ।

Anupama Tripathi ने कहा…

बहुत बढ़िया लिंक्स ....
बढ़िया बुलेटिन ...
ह्रदय से आभार ....

समयचक्र ने कहा…

behatareen post abhivyakti...badhai..

sonal ने कहा…

अपने गाँव "फर्रुखाबाद " से मिलावट का कारोबार दिल दुःख गया ..पैसे के लिए कुछ भी करते है लोग .. सभी लिंक आराम से पढेंगे

Dev K Jha ने कहा…

एक ही संदेश है.... त्यौहार मनाईये मगर सावधानी से....
अम्मा को जन्म दिन की बधाई....

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहूत बढीया लिंक्स
होली कि हार्दिक शुभकामनाएँ.....
आंटी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ.....

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बाहर की मिठाई खाने में डर लगता है..

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर लिंक संयोजन ………अम्माजी को जन्म दिन की बधाई.

संगीता तोमर Sangeeta Tomar ने कहा…

आभार
एवं होली की अग्रिम शुभकामनाएँ.....

रश्मि प्रभा... ने कहा…

प्रशासन छोटी छोटी मौत को तवज्जु नहीं देती ....लिंक्स अच्छे हैं

anshumala ने कहा…

देर से ही सही आप को माता जी के जन्मदिन की बधाई !

मेरी पोस्ट चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद !

एक सवाल आखिर पूरे साल मिलावटी खानों मिठाइयो के प्रति कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है केवल सारा जोर त्यौहारों खासकर दिवाली पर ही क्यों जोर दिया जाता है कही इसके पीछे चॉकलेट बनाने वाली कंपनिया तो नहीं है क्योकि मिलावट तो हमारे यहाँ हमेसा से होता रहा है खोये की मिठाइयो में मैदा या चीनी आदि की ज्यादा मिलावट किन्तु कार्यवाही खास मौको पर ही क्यों होती है और टीवी पर उन्हें खूब दिखाया जाता है की क्यों ताकि लोग मिठाई की जगह चॉकलेट को ही खाए या एक दुसरे तो उपहार में दे । पता नहीं क्यों शक सा होता है ।

मनोज पाण्डेय ने कहा…

बहुत सुन्दर लिंक संयोजन...आभार !

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