Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

रविवार, 25 दिसंबर 2011

प्रतिभाओं की कमी नहीं - अवलोकन २०११ (16) - ब्लॉग बुलेटिन

ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सब को ... 



Merry Christmas!
 =======================================================




कई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०११ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !

तो लीजिये पेश है अवलोकन २०११ का १६ वां भाग ...
 



पहला अनुभव माँ बनने का - शब्दों से परे है यह एहसास , जहाँ बचपन के गुडिया घर में कोई अपना आनेवाला होता है - एक पूरी ज़िन्दगी और माँ , एक अद्वैत रिश्ता ..... ईश्वर ने अपने निर्माण यज्ञ में माँ को बहुत उंचा स्थान दिया . ९ महीने किसी को अपने भीतर जीना , फिर एक एक बूंद दूध से उसे पालना , उसकी लोरी बन जाना - ..... सोचने से ही देवालय में होने सा लगता है . पर , एक बेटे की चाह में माँ के एहसासों की धज्जियां उड़ जाती हैं ....

"कूड़े के ढेर पर दो नवजात बच्चियां
बचा ली गईं ... " अखबार की यह सुर्खियाँ आँखों से बहती भी नहीं , न ही अन्दर कोई विस्फोट होता है , पर सोच के सारे स्रोत विस्मित होते हैं , क्या हैवानियत इससे अलग होती है . अपने खून को खून से रंगना इतना सरल होता है , स्वार्थ इतना बेरहम !!!

भीड़ में भीड़ से परे कई चेहरे ऐसे होते हैं , जो न कहकर भी बहुत कुछ कह जाते हैं ....

ज्योति मिश्रा http://hindiscribbles.blogspot.com/2011/12/blog-post.html
"वो चेहरा, भीड़ में
सुबकता, अकेला एक कोने में |
कुछ तो गलत हुआ था, उसके साथ |
वो आंसू पोंछते, उसके आंसू भरे हाथ |
बहुत अजीब था, वो सब देखना
उससे भी ज्यादा अजीब था,
उसका यूँ इस तरह, इतना अकेला होना |" सबकी अपनी बेबसी , ... जीवन पर मृत्यु की छाया , क्या अर्थ है इन साँसों को , ये तो चलते हुए भी रुके होते हैं -

विचार थमते नहीं ... 20 , 40 , 80 की रफ़्तार से दौड़ते रहते हैं मन के रास्तों पर ... काबू में लाते हुए एक अजीब सी आवाज़ होती है , अँधेरे का भी खौफ होता है -
"मेरा मन एक धुआंधार ट्राफिक वाला रस्ता ।
विचारों के छोटे, बडे , मझोले वाहन, बेछूट दौडते हुए । बडे विचार, छोटे विचार खरे विचार, खोटे विचार बुरे विचार, अच्छे विचार झूटे विचार, सच्चे विचार निरंतर दौडते रहते हैं साइकिलों, तिपहियों, कारों, बसों और ट्रकों की तरह । मै चाह कर भी इन्हे रोक नही पाती रोक सकती नही ।" ऊपर से ऐसा कुछ कहाँ पता चलता है , पर अन्दर आकस्मिक तोड़फोड़ होती रहती है और कांच बिखरे होते हैं .... खुद ही हटाओ , खुद ही रास्ते साफ़ करो - अगली रफ़्तार के लिए !

पर ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मुकाम , वो फिर नहीं आते -

"पर इस बार वो नहीं होगी
अपनी क्लास में केक काटने के लिए
और उसका चेहरा chocolate और Cream से
नहाया हुआ नहीं होगा" चलते चलते छूट जाता है जो चेहरा , वह यादों में होता है- नज़र नहीं आता . और हर साल किसी ख़ास दिन मन के दरवाज़े को जोर जोर से खटखटाता है ....
बन्द कर देने से दरवाज़े बन्द नहीं हो जाते ...
अपर्णा भटनागर http://manuparna.blogspot.com/2011/01/blog-post_24.html
"मैं उन्हें जानती हूँ
उनकी विधवा देह पर
कई रजनीगंधा सरसराते हैं
अपनी सुरभि से लिखती हैं वे
सफ़ेद फूल
और रातभर कोई धूमिल अँधेरा
ढरकता है
चौखट पर जलता रहता है
देह का स्यापा ." मौसम कितना भी बदल जाए , बसंत के एहसास मर तो नहीं जाते ! गंगा बाँध में कहाँ बंधती है ....

जो ना बंध पाए , उसपे चिंतन कैसा , बस समझना है ख़ामोशी से .... तो आप खामोश सोचिये , मैं कुछ और किनारों के हलचल लिए हाज़िर होती हूँ ...


रश्मि प्रभा

19 टिप्पणियाँ:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत ही सार्थक प्रयास, उत्कृष्ट संकलन...

Anupama Tripathi ने कहा…

यकीनन प्रतिभाओं की कमी नहीं है .....बिखरे हुए हैं सुंदर रंगों में सुरभित ...पुष्प चहुँ ओर .....और आप उन्हीं पुष्पों से गूंधतीं हैं इतनी सुंदर माला ...!!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें इस कामना के साथ कि संता क्लाज हमारे देशवासियों को सुख, समृद्धि, शांति, स्वस्थ, प्रसन्न, भ्रष्टाचार से मुक्ति, आतंक से मुक्ति, दुखों से मुक्ति, आपसी प्रेम, सद्भाव, भाईचारा जैसे जरूरी उपहार देने अवश्य ही आयेगे ।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बेहद उम्दा तरीके से आप अवलोकन २०११ को उसके अंजाम तक पहुंचा रही हैं ... आभार !

अपर्णा मनोज ने कहा…

शुक्रिया मित्र , क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाएँ .. बहुत सुन्दर लिंक्स.. आपके परिश्रम को सलाम . सेतु की तरह आपने सभी को यहाँ जोड़ा . ये क्रियाशीलता बनी रहे ..

रश्मि प्रभा... ने कहा…

क्रिसमस की शुभकामनायें

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर लिंक्स हैं यहां..

Nidhi ने कहा…

प्रतिभाएं ही प्रतिभाएं है...बस ढूँढने वाले के पास आप सी नज़र होनी चाहिए...आप बधाई स्वीकार करें.

Archana Chaoji ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन के लिए रश्मि दी अकेली ही काफ़ी हैं,सोचकर ..बाकी रिपोर्टर निश्चिंत हो छुट्टी मनाने तो नहीं चले गए???
क्रिसमस की शुभकामनायें !!!!!

Kailash Sharma ने कहा…

उत्कृष्ट लिंक्स....क्रिसमस की शुभकामनायें!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

सभी को क्रिसमस की शुभकामनायें .... ब्लॉग जगत की प्रतिभाओं को सामने लाते रहने के लिए दीदी को प्रणाम और बधाई ....

गुंज झाझारिया ने कहा…

वाह मज़ा आ गया पढ़कर....एक से बढ़कर एक....

BS Pabla ने कहा…

बहुत सुंदर लिंक्स

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

अर्चना जी , आप ने काफी हद तक आज एक सत्य उजागर कर दिया है ... यह सच है जब से रश्मि प्रभा जी ने अवलोकन २०११ की शुरुआत की है बाकी सारे रिपोर्टर एक अघोषित छुट्टी पर है ... कारण रश्मि जी की लगन ... एक राज आप सब के सामने खोलना पड़ रहा है कि जिस दिन अवलोकन २०११ का तीसरा भाग प्रकाशित किया गया था उस दिन ही आज की यह पोस्ट ड्राफ्ट में सेव थी ... और आज जब अवलोकन २०११ का १६ वां भाग आया है तब भी इस का अंतिम भाग ड्राफ्ट में सेव है ...जिस तरह जब आपके सामने कोई जादूगर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा हो ... आप केवल उसके जादू का अनुभव कर सकते है और कुछ नहीं ...ठीक उसी तरह रश्मि जी के जादू के सामने हम सब भी नतमस्तक है !

वैसे एक बार अवलोकन २०११ को पूरा हो जाने दीजिये ... ब्लॉग बुलेटिन टीम अपने हर एक रिपोर्टर के साथ आपको रोज़ की पोस्टो की खबर देने हाज़िर रहेगी ... तब तक आप भी मज़ा लीजिये रश्मि जी के जादू ... अवलोकन २०११ का ...

Archana Chaoji ने कहा…

:-)हा हा हा ..मैं जानती हूँ रश्मि दी की जादुई गिरफ़्त से बाहर निकलना मुश्किल है.... शुक्रिया आप सभी का बेहतर बुलेटिन के लिए..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

यह बुलेटिन हर जगह पहुंचा रहा है ..आभार

वाणी गीत ने कहा…

सभी बेहतरीन लिंक्स के बीच खुद को यहाँ देखना बहुत अच्छा लग रहा है ...
आभार !

सदा ने कहा…

अवलोकन की इस कड़ी में सभी रचनाएं अनुपम बन पड़ी हैं आपका ..इस बेहतरीन प्रस्‍त‍ुति के लिए आभार ।

Khare A ने कहा…

bakai aapke kam ko dekhar lagah hai ki aap kitni imaandari se aur laganse ue kam anjaam de rahi hain!

badhai swikare!

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार